झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 22 फ़रवरी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 22 फ़रवरी 2020

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 22 फ़रवरी

ग्राम रोटला मे सात दिवसीय भागवत कथा का हुआ समापन, महाशिवरात्री के पर्व पर धुमधाम से कथा मे हुआ शिव पार्वती विवाह

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पारा । यहां सं करिब 10 किलोमीटर दुर ग्राम रोटला मे धर्म रक्षक सेवा समिति के तत्वादान मे वृंदावनधाम के महामण्डलेश्वर स्वामी प्रणवानंद सरस्वती के मुखारविंद से श्रीमद भागवत कथा व राजराजेश्वरी ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया गया सात दिनो तक चली इस कथा व यज्ञ का समापन गुरुवार को हुआ।  श्रीमद भागवत कथा के अंतिम दिन आज महामण्डलेश्वर स्वामी प्रणवानंद सरस्वती ने हलधर धारी भगवान बलराम की कथा को विस्तार से बताते हुवे कहा कि प्राचीन काल से समस्त मानव जाती खेत जोतने के पुर्व हल की पुजा करती हे। यह हल भगवान श्रीकृष्ण के बडे भाई बलराम का शस्त्र हे। हल भी सनातन धर्म का प्रतिक हे। हल से ही संसार की समस्त चल अचल प्राणीमात्र का कल्याण हुआ हे। वही महाशिवरात्री के पावन पर्व पर भगवान भोलेनाथ व माता पार्वर्ती की कथा को उपस्थित श्रद्धालुओ बताया कि किस तरह माता पर्वर्ती ने तपस्या कर भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न किया। बाद मे राजा हिमालय ने अपनी पुत्री पार्वती का विवाह भोलनाथ से कर दिया। इस प्रसंग के अवसर पर शिव पार्वती की झांकी भी सजा कर शिव बारात निकाली गई व शिव पार्वती का विवाह भी करवाया । जिसका धर्म प्रेमी जनता ने खुब आनंद लिया व शिव भक्ति मे डुब कर नाचने लगें। कथा के अंतिम दिन क्षेत्र से सांसद गुमानसिह डामोर ने व प्रांतीय प्रचारक वेभव भी सुरंगे जिला अध्यक्ष ओम शर्मा कृष्णपालसिह गंगाखेडी दिलीप मेडा, दिनेश अम्लीयार ने भी कथा स्थल पर पहुच कर महामण्डलेश्वर स्वामी प्रणवानंद सरस्वती से आशिर्वाद लिया। सात दिनो से चल रही इस कथा मे प्रतिदिन पंच कुण्डीय राजराजेश्वरी ज्ञान यज्ञ भी किया जा रहा था । जिसकी पुर्णाहुति भी गुरुवार को हुई। पुर्णाहुित के पश्चात महा प्रसादी मे विशाल भण्डारे का भी आयोजन किया गया था जो कि देर रात्री तक चला। भण्डारे कि महा प्रसादी का करिब दस हजार से भी ज्यादा लोगो लाभ लिया। इस अवसर पर स्वामी जी ने कहा कि अगले वर्ष जब भी इस क्षेत्र मे भागवत कथा होगी उसमे कृष्ण रुकमणी विवाह के प्रसंग पर 11 जोडे का विवाह भी कथा स्थल पर वेदिक पद्धति से निःशुल्क किया जावेगा। जो भी बंधु इसका लाभ लेना चाहते वे धर्म रक्षक समिति के प्रमुख वालसिह मसानिया से समपर्क कर सकते हे।         

ओम शांति की धुन के साथ फहराया गया शिव ध्वज, केक काटकर मनाया षिव बाबा का अवतरण दिवस
प्रजापिता ब्रम्हकुमारी ईष्वरीय विष्वविद्यालय द्वारा शहर में निकाली गई षिव संदेष यात्रा
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झाबुआ। शहर से सटे ग्राम गोपालपुरा में स्थित प्रजापिता ब्रम्हकुमारी ईष्वरीय विष्वविद्यालय संस्था में महाषिवरात्रि के पावन पर्व पर षिव बाबा का 84वां अवतरण दिवस मनाया गया। जिसमें प्रातः बीके जयंती दीदी ने महाषिवरात्रि के महत्व पर प्रकाष डालते हुए शुभकामनाएं संदेष दिया। ओम शांति की धुन के बीच संस्था परिसर में षिव ध्वज फहराया गया। दोपहर में शहर में शोभायात्रा एवं षिव संदेष यात्रा निकाली गई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में एसडीएम झाबुआ डाॅ. अभयसिंह खराड़ी, जिला महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यक्रम अधिकारी सुषमा भदौरिया, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री श्री भिड़े, जिला दहेज सलाहकार बोर्ड अध्यक्ष एवं जिला बाल कल्याण समिति के वरिष्ठ सदस्य यषवंत भंडारी तथा जिला चिकित्सालय के नोडल अधिकारी एवं वरिष्ठ चिकित्सक डाॅ. नीतिन गर्ग उपस्थित रहे। प्रातः 8.30 बजे संस्था के हाॅल में बीके जयंती दीदी द्वारा उपस्थित सभी भ्राता-बहनों को महाषिवरात्रि पर्व के महत्व के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस सृष्टि को चलाने वाले परम् पिता षिव बाबा है, वह इस संसार के पालनहार है। एक षिवजी जिनका आज विवाह हुआ तो एक षिव बाबा जिनका आज अवतरण दिवस मनाया जाता है।

षिव बाबा ज्योर्ति बिंदु के समान है
जयंती दीदी ने आगे कहा कि षिव बाबा से जुड़ना अर्थात आध्यात्म और मेडिटेषन (राजयोग) से जुड़ना। आध्यात्म और मेडिटेषन करने से हमारे मन-मस्तिष्क में सकारात्मक विचारों का संचार होने के साथ अत्यधिक शांति का अनुभव होता है। प्रतिदिन हमे एक आना अर्थात एक घंटे अध्यात्म एवं मेडिटेषन के लिए आवष्यक रूप से निकालना चाहिए। षिव बाबा ज्योर्ति बिंदु के समान है, जो हमारी भृकुटी पर विराजमान आत्मा का शुद्धिकरण करते है। षिव भोलेनाथ को धतुरा इसलिए अर्पण किया जाता है कि उसमे भरा विष के माध्यम से वह हमारे जीवन में भरे विषेले दुखो और दरिद्रता को भी हर लेते है। बीके जयंती दीदी ने उपस्थित सभीजनों को महाषिवरात्रि पर्व की शुभकामनाएं दी।

षिव ध्वज फहराया 
बाद अतिथियों ने सामूहिक रूप से संस्था परिसर में ओम शांति की धुन के बीच षिव ध्वज फहराया। इस बीच सभी पर पुष्पों से वर्षा की गई। बीके ज्योति दीदी ने सभी को ईष्या, बुराईयों, वैर-भाव से दूर रहने के लिए सामूहिक संकल्प भी दिलवाया। पश्चात् संस्था हाॅल में षिव बाबा को अवतरण दिवस मनाते हुए केक काटा गया। सभी को केक के साथ ब्रम्हा भोग (प्रसादी) का वितरण हुआ।

षिव संदेष यात्रा निकाली गई
दोपहर 11.30 बजे से शहर के मेघनगर नाका से होते हुए विजय स्तंभ तिराहा से षिव संदेष यात्रा निकाली गई। जिसमें आगे बालिकाएं चांदी कलष लेकर चली। भ्राता-बहने अपने हाथों में षिव संदेष से लिखी तख्तीयां एवं हाथों में संस्था का ध्वज लेकर बड़ी संख्या में शामिल हुए। यह यात्रा शहर के मुख्य बाजारों से होते हुए आफिसर्स काॅलोनी स्थित संस्था के केंद्र पर पहुंचने पर यहां मेडिटेषन एवं ओम शांति धुन के साथ समापन मोजीपाड़ा में हुआ।  

होमगार्ड कार्यालय पर तीन दिवसीय प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम का हुआ आयोजन, महाषिवरात्रि पर रूद्र यज्ञ के साथ षिव परिवार की हुई प्रतिष्ठा

झाबुआ। शहर से सटे ग्राम मिंडल में जिला होमगार्ड कार्यालय पर तीन दिवसीय प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें अंतिम दिन 21 फरवरी, शुक्रवार को महाषिवरात्रि के पावन पर्व पर कार्यालय परिसर में षिव परिवार की स्थापना की गई। इस अवसर पर रूद्र यज्ञ का आयोजन हुआ। समस्त कार्यक्रम के आयोजक एवं सूत्रधार होमगार्ड विभाग के प्लाटून कमांडर भारततसिंह रहे। इसके अलावा तीन दिवसीय कार्यक्रम में विषेष रूप से विभाग के डिस्ट्रीक्ट कमांडेट गुलाबसिंह, प्लाटून कमांडर सीएल कटारे, नायक होमगार्ड शांतिलाल सहित समस्त होमगार्ड सैनिक एवं होमगार्ड परिवारजनों की सहभागिता रहीं। तीन दिवसीय प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव ज्योतिष षिरोमणी, कर्मकांड आचार्य  पं. द्विजेन्द्र व्यास के सानिध्य में सा-आनंद एवं धार्मिक वातावरण के बीच संपन्न हुआ।

षिव परिवार की हुई स्थापना
वहीं रूद्र यज्ञ एवं अन्य समस्त धार्मिक आयोजनों की विधि को सफल बनाने में पं. विनोद दुबे पं. मूरलीधर एवं पं. कुलदीप व्यास उज्जैन, पं. मनोज दवे, पं. संतोष उपाध्याय एवं पं. मुकेष व्यास नागदा आदि का सराहनीय सहयोग रहा। महाषिवरात्रि पर्व पर रूद्र यज्ञ के साथ षिव परिवार की स्थापना हुई। इस अवसर पर अतिथि के रूप में वरिष्ठ समाजसेवी अजय रामावत ने भी शामिल होकर लाभ लिया।

विवाह मंडप सजाकर एवं शिवजी का श्रृंगार कर ढोल के साथ निकाली बारात, बन्ना-बन्नी के गीत गाए गए 

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झाबुआ। शहर के छोटे तालाब स्थित श्री मनकामेष्व महादेव मंदिर में षिव नवरात्रि के आठवे दिन 20 फरवरी, गुरूवार रात षिव और पार्वतीजी के विवाह के लिए मंडप सजाया गया। बाद षिवजी का रूप निखारकर श्रृंगार कर ढोल के साथ बारात निकाली गई। महिलाओं ने बन्ना-बन्नी के समूह में गीत गाए। शिव नवरात्रि के आठवे दिन गुरूवार रात्रि में षिवजी और माता पार्वती के विवाह हेतु सुंदर मंडप सजाया गया। जहां श्री मनकामेष्वर महादेव मंदिर समिति एवं अखिल भारतीय क्षत्रिय महासंघ महिला इकाई की पदाधिकारी-सदस्याओं ने षिवजी को विराजमान कर उनका जल-दूध से अभिषेक कर सिर पर साफा एवं सुंदर वस्त्र पहनाकर मनोहारी श्रृंगार किया। इस दौरान महिलाआंे ने बन्ना-बन्नी के गीत गाते हुए उन पर सामूहिक नृत्य एवं बालिकाओं ने गरबे खेले। बाद सभी ने मिलकर षिवजी की बारात निकाली। जिसमें आगे ढ़ोल पर नृत्य करते हुए बच्चें एवं बालिकाएं शामिल हुई। इसके पीछे महिलाएं अपने सिर पर श्रृंगारित षिवजी के मुकट को लेकर चली। षिवजी के विवाह हेतु संपूर्ण तैयारियां पूर्ण की गई। अगले दिन 21 फरवरी को महाषिवरात्रि पर षिव-पार्वतीजी का प्रोषेसन निकालकर विधि-विधान से विवाह संपन्न हुआ। नौ दिवसीय षिव नवरात्रि उत्सव में मंदिर समिति एवं अभा क्षत्रिय महासंघ से जुड़ी महिलाओं एवं समस्त बालिकाओं ने उत्साह के साथ भाग लेकर सभी आयोजनों को सफल बनाने में भी उनका सराहनीय सहयोग रहा।

रंगपुरा विकलांग केंद्र एवं आश्रम के बच्चों ने प्राचीन राम दरबार में की षिवजी की महाआरती, महाअभिषेक के साथ फरिहाली प्रसाद का किया गया सभी भक्तों को वितरण

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झाबुआ। शहर से सटे ग्राम रंगपुरा में स्थित अति प्राचीन राम दरबार (पंचदेव मंदिर) में निर्मित तीन षिव मंदिर पर महाषिवरात्रि के पावन पर्व पर महाभिषेक का भव्य आयोजन रखा गया। यह महाभिषेक करीब ढ़ाई घंटे तक चलने के बाद पूर्णाहूति पर महाआरती कर सभी को फरिहाली प्रसाद का वितरण किया गया। आयोजन में विषेष रूप जिला विकलांग पुनर्वास केंद्र रंगपुरा के दिव्यांग बच्चों के साथ ग्राम रंगपुरा में स्थित आश्रम में निवासरत बच्चों ने थालियों में दीपक लेकर आरती करने का लाभ लिया। सभी आयोजन श्री राम दरबार मंदिर समिति के अध्यक्ष यषवंत भंडारी एवं मुख्य संरक्षक बाबुलाल अग्रवाल के मार्गदर्षन में संपन्न हुए। जानकारी देते हुए मंदिर के सेवक पं. विष्णुपुरी गोस्वामी ने बताया कि महाषिवरात्रि पर 21 फरवरी, शुक्रवार को सुबह 9.30 बजे से तीन प्राचीन षिव मंदिर पर षिवलिंगों पर अभिषेक करने का लाभ जगत नारायण-श्रीमती अरूणा तिवारी तथा ईष्वर-श्रीमती सुमन रावत परिवार ने लिया विधि-विधान एवं षिव मंत्रोच्चार के साथ अभिषेक वयोवृद्ध पं. श्री कृष्ण सोहनी ने संपन्न करवाया। महाभिषेक सत्त करीब ढ़़ाई घंटे तक चला। इस दौरान जिला विकलांग पुनर्वास कंेद्र रंगपुरा एवं ग्राम रंगपुरा में स्थित आश्रम के बच्चों को मंदिर समिति अध्यक्ष यषवंत भंडारी ने सामूहिक रूप से ओम मंत्र का जाप करवाया। साथ ही सभी बच्चो ने लाईन में खड़े रहकर षिवलिंग पर जल एवं दूध से अभ्षिेक करते हुए ऊॅ नमः षिवाय का जाप किया।

षिव स्त्रोत का पाठ किया
मंदिर समिति अध्यक्ष श्री भंडारी, संरक्षक श्री अग्रवाल के साथ समिति से जुड़े अमितसिंह जादौन (यादव), संजय जैन जगावत, दौलत गोलानी, इनरव्हील क्लब आॅफ शक्ति की अध्यक्ष श्रीमती शीतल जादौन वरिष्ठजनों मे मनीष व्यास, मगनलाल राठौर, गोपाल शर्मा, प्रकाष चैहान, निखिल भंडारी, प्रवीण सोनी-श्रीमती सोनी, मनोज अरोरा, राजूभाई सोनी, शार्दुल भंडारी आदि ने षिव स्त्रोत ‘‘ऊं त्रयमबकं यजामहे .... सुगंधिम पुष्टिवर्धनम .... उर्वारूक्मिव बंधनान .... मृत्यो मोक्षीय मामृतात् ... का पाठ किया। पंचदेव मंदिर में भगवान को फरियाली खिचड़ी का भोग लगाया गया।

पूर्णाहूति पर की गई महाआरती
पूर्णाहूति पर पंचदेव भगवान की महाआरती की गई। जिसमें दिव्यांग बच्चों एवं आश्रम के बच्चों ने थाली में दीपक लगाकर आरती करने का लाभ लिया। पुष्पांजलि कर सभी को स्वादिष्ट फलाहारी प्रसादी का वितरण हुआ। महाभिषेक आयोजन को सफल बनाने में सराहनीय सहयोग प्रीति तिवारी, हमविन तिवारी, आरिष्य दुबे, लव्यांष, मनन रावत, रामचन्द्र मिश्रा, श्रीमती इंदिरा मिश्रा आदि का रहा।

भागवत का सुख जिसको मिल जाता है, उसे फिर संसार के किसी भी सुख की जरूरत नहीं पड़ती:- आचार्य पं. अनुपानंदजी महाराज
श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर सेवा समिति, पतंजलि महिला योग समिति एवं बैरागी परिवार ने किया भगवताचार्य का अभिनंदन   22 फरवरी को कथा के समापन (पूर्णाहूति) पर महाप्रसादी (भंडारे) का होगा भव्य आयोजन
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झाबुआ। भगवान हमेषा ह्रदय गामिनी होते है, उनकी हमेषा देने की प्रवृत्ति होती है। जो व्यक्ति अपना जीवन भगवान को समर्पित करता है, उसका जीवन धन्य हो जाता है। मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम की लीला अनुकरणीय है, तो मूरली मनोहर श्री कृष्ण की लीला श्रवणीय है। सांसारिक दृष्टि लेकर कथा का श्रवण करने से कोई लाभ नहंी मिलता है, वहीं श्रद्धा-भाव से भागवत का श्रवण कर जो सुख पाता है, तो उसे फिर सांसारिक सुख की भी कोई जरूरत नहीं पड़ती है। भावगत सभी वेदों, ग्रंथों का सार है। उक्त प्रेरणादायी उद्गार शहर के पैलेस गार्डन पर चल रहे श्रीमद् भावगत रसपान महोत्सव (सात दिवसीय भागवत कथा) के छटवे दिन 21 फरवरी, शुक्रवार को भगवताचार्य पं. अनुपानंदजी महाराज, कानपुर (उत्तरप्रदेष) ने कथा का वाचन करते हुए व्यक्त किए। छटवे दिन आचार्य श्री ने श्री कृष्ण महारास, रूक्मणी विवाह एवं श्री कृष्णजी का मथुरा गमन का वर्णन किया। जिसमें आगे कहा कि भगवान की हर लीला के पीछे कोई ना कोई रहस्य छुपा होता है, उसी प्रकार श्री कृष्ण की बाल्याकाल अवस्था के दौरान गोपियांे से रास, बांसुरी वादन और माखन चोरने जैसी लीलाओं के पीछे भी बड़ा रहस्य छुपा हुआ है। हमे नित्य प्रभ का ध्यान करना चाहिए। हरि भजन सुनने से जीवन भव पार हो जाता है। गिरीराज पर्वत को भगवान श्री कृष्ण सबसे छोटी उंगली में उठा लिया। मुख्य रूप से भगवताचार्य ने छटवे दिन कृष्ण के बाल्यकाल की लीलाओ से लेकर उनके बड़े होते तक मथुरा गमन का वर्णन किया।

षिव का सुंदर रूप सभी को प्यारा लगता है 
पं. अनुपानंदजी महाराज ने 21 फरवरी को महाषिवरात्रि होने से षिवजी की महिमा का भी संक्षिप्त वर्णन किया एवं कहा कि भगवान भोलेनाथ अपने नाम के अनुरूप ही बहुत भोले और सबको प्रिय है। उनका एक रूप अति सुंदरतापूर्ण है, जो भक्तों को स्वतः ही अपनी ओर मोहित कर लेता है तो दूसरी ओर जब षिव क्रोधित होते है, तो वह अपना तीसरा नेत्र भी खोल देते है, जिससे पूरी सृष्टि का विनाष भी संभव है। महाषिवरात्रि के वर्णन करने के बीच ही बताया कि महाषिवरात्रि अर्थात षिव और पार्वतीजी का विवाह। पतिव्रता नारी के लिए उसका पति ही सर्वस्व होता है। इस बीच समुधर धुन के बीच आचार्य श्री ने बोलो राधे-राधे ..... श्याम-श्याम, महाषिवरात्रि पर शंकर का ध्यान हर क्षण करो .... जैसे समुधर भजनों पर उपस्थित श्रोतागणों ने जमकर तालियां बजाकर समुधर भजनों का आनंद लिया।

किया गया भावभरा अभिनंदन
कथा की शुरूआत में व्यास पीठ की पूजन एवं भगवताचार्य का पुष्पमाला पहनाकर स्वागत तथा आरती करने का लाभ कथा की मुख्य आयोजक श्रीमती आषा राषिनकर एवं मनीषा चैहान ने लिया। अभिनंदन के क्रम में श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर सेवा समिति की ओर से अध्यक्ष अरूण भावसार, गजेन्द्रसिंह चंद्रावत, राकेष झरबड़े, मुकेष नीमा, दिनेष चैहान, तरूण बैरागी, पवेन्द्रसिंह चैहान, पल्लूसिंह चैहान, महिला सदस्यों में श्रीमती नीता भावसार, शीतल चैहान, पुष्पा नीमा, लक्ष्मी झरबड़े, आरती चैहान, माया बैरागी, रंजना चंद्रावत ने आचार्य श्री का पुष्पामाला पहनाकर एवं शाल ओढ़ाकर तथा श्रीफल भेंटकर अभिनंदन किया। बाद जिला पतंजलि योग समिति की ओर से प्रभारी सुश्री रूक्णमी वर्मा, मधु जोषी, ज्योति जोषी, षिवकुमारी सोनी,  भावना जैन, माया पंवार, राधा पटेल, कृष्णा शेखावत ने आचार्य श्री को शाल एवं श्रीफल भेंट किया। राधा-कृष्ण मंदिर बैरागी परिवार की ओर से आचार्य श्री का पुष्पामाला पहनाकर भावभरा अभिनंदन करने के साथ संगीत मंडल में शामिल सभीजनों का भी केसरिया दुपट्टा पहनाकरा स्वागत किया गया। भटवेरा परिवार की ओर से मनोज भटेवरा एवं गीता भटवेरा तािा भावसार परिवार की ओर से प्रगति भावसार ने पुष्पमालाआंे से स्वागत किया।

बहादुरी भाटी के कार्यों की सराहना
संचालन करते हुए सेवानिवृत्त प्राचार्य डाॅ. केके त्रिवेदी ने सभी को महाषिवरात्रि पर्व की शुभकामनाएं देने के साथ पर्व के महत्व के बारे में जानकारी दी। डाॅ त्रिवेदी ने इस दौरान सात दिवसीय भागवत कथा को सफल बनाने में अपनी निःस्वार्थ प्रदान कर रहे युवा बहादुर भाटी के कार्यों की सराहना भी की। कथा दोपहर 1 बजे से शाम करीब 4.30 बजे तक चली। कथा का बड़ी संख्या में श्रद्धालुआंे ने श्रवण कर पुण्य लाभ अर्जन किया।

22 फरवरी को महाप्रसादी (भंडारे) का आयोजन
आयोजक श्रीमती आषा राषिनकर ने बताया कि अंतिम दिन 22 फरवरी को सुबह 10 बजे से कथा आरंभ होगी। अंतिम दिन श्री सुदामा चरित्र, भागवत सार, कथा समापन, पूर्णाहूति एवं अंत मंे महाप्रसादी (भंडारे) का भव्य आयोजन होगा। समापन पर शोभायात्रा भी निकाली जाएगी। धर्मप्रेमी जनता से समापन पर अधिक से अधिक संख्या में पधारकर धर्म लाभ एवं महाप्रसादी का लाभ लेने की अपील की गई है।

अचानक नही 15 वर्षों की साधना क्रम से हो रही है दीक्षा - धर्मेन्द्र मिण्डा
थांदला नगर से धर्मेंद्र मिण्डा लेंगे दिगम्बरी जैन भगवती दीक्षादेर रात नगर में आये धर्मेंद्र भाई का निकला भब्य वरघोड़ा हुई गुणानुवाद सभा
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थांदला। सन्त नगरी तपोभूमि थांदला से एक ओर मुमुक्षु आत्मा धर्मेन्द्र भाई मिण्डा आगामी 22 फरवरी 2020 शनिवार को गुजरात के तरंगा में 108 आचार्य श्री अमितसागरजी महाराज के पावन सानिध्य में दिगम्बरी जैन भगवती दीक्षा लेने जा रहे है। उनके अचानक सिंहसम संकल्प से आश्चर्यचकित जैन जैनेत्तर समाज हर्षित होकर उनके जय जयकारें कर उनके तारंगा से आगमन की प्रतीक्षा करने लगा। रात करीब 9 बजे थांदला में प्रवेश करते ही पूरा नगर जय जयकार -  दीक्षार्थी की जयजयकार, देश का बेटा कैसा हो - धर्मेंद्र भाई जैसा हो के जय घोष से गुंजायमान हो गया। उनके निवास स्थान से विशाल वरघोड़ा निकाला गया जो जयघोष उत्साह उमंग के साथ नगर के मुख्य मार्ग से होता हुआ स्थानीय त्यागी भवन में उनकी गुणानुवाद सभा क्व रूप में परिवर्तित हो गया। 

सभा मे धर्मेंद्र भाई ने खोला अचानक दीक्षा का रहस्य-
संयम आराधना के लिए आतुर धर्मेंद्रभाई मिण्डा के गुणानुवाद सभा का प्रारंभ कु रक्षिता मेहता के मंगलाचरण से हुआ। इसके बाद 108 आचार्य श्रीविद्यासागरजी महाराज की तस्वीर का अनावरण किया गया। सभा में धर्मेन्द्रभाई ने बताया कि उनके संयम की प्रबल भावना तो कई वर्षों की थी परंतु पारिवारिक व अन्य जिम्मेदारी का निर्वहन भी आवश्यक था। आचार्य अमितसागरजी महाराज का 2004 में थांदला पदार्पण के साथ ही उनके भाव प्रबल हो गए थे। होटल आदि बाहरी खाद्य वस्तु का त्याग कर बियासना तप करते हुए दिगम्बर सन्त समाचारी, नित्य स्वाध्याय, सन्त सेवा व उनके साथ विहार चर्या, पहनने में केवल श्वेत वस्त्र व अनेक नियम से आत्मबल को कसौटी पर परखते हुए यह निर्णय लिया है। उन्होंने अपने संकल्प दृढ़ता का परिचय देते हुए कहा कि संसार की असारता व निगोद से निकले इस जीव की भव भवान्तर यात्रा को मोक्ष ले जाने के लिये संयम ही प्रशस्त मार्ग है। थांदला से अपने आपको 29 वाँ जैन सन्त बनने के गौरव से अभिभूत धर्मेन्द्रभाई ने कहा कि वे संयम के हर परिषह को आनन्द के साथ सहन करते हुए अपने प्राणान्त तक इसे निर्मलता से निभाएंगे। गुणानुवाद सभा में दिगम्बर समाज के वरिष्ठ सलाहकार बाबूलाल भिमावत ने संयम की कठिन राह व परिषह को बताते हुए उन्हें संघ समाज कि ओर से मंगल आशीर्वाद प्रदान किया। इसके बाद सभा में दिगम्बर समाज के अध्यक्ष अरुण (बाला) कोठारी, स्थानकवासी जैन श्रीसंघ अध्यक्ष जितेन्द्र घोड़ावत, संघ सचिव प्रदीप गादिया, बाल ब्रम्हचारी विकास भैयाजी, धर्मेंद्र भाई के दोनों पुत्र भाविन व राहुल मिण्डा, आईजा प्रदेशाध्यक्ष पवन नाहर आदि ने भी उनके वैराग्य की दृढ़ता के गुणगान करते हुए उनकी संयम यात्रा के लिये मंगल कामना व्यक्त की गई। गुणानुवाद सभा का संचालन संघ के संजय कोठारी ने व शशिकांत पंचोली ने आभार माना।

इन संस्थाओं ने धर्मेन्द्रभाई का अभिनन्दन व बहुमान किया-
दिगम्बर समाज द्वारा जिन शासन की प्रभावना के लिये संयम यात्रा पर नगर में उनका जगह जगह स्वागत सम्मान किया गया वही दिगम्बर जैन समाज, स्थानकवासी जैन समाज, तेरापन्थ महासभा, मंदिरमार्गी जैन समाज, कपड़ा व्यापारी संघ, चमन चैराहा परिवार, इम्पीरियल ग्रुप, अणु पारमार्थिक ट्रस्ट, आल इण्डिया जैन जर्नलिस्ट एसोसिएशन (आईजा) सहित अनेक समाजिक संगठन व समाज ने धर्मेन्द्रभाई के संयमी यात्रा के साहसी निर्णय के लिये उनका शाल, माला, श्रीफल व प्रशस्ति - पत्र से सम्मानित किया गया।

सभा में यह रहे उपस्थित-
दिगम्बर समाज द्वारा आयोजित गुणानुवाद सभा में समाज के वरिष्ठ पफधिकारी बाबूलाल मिण्डा, पारस मेहता, शैलेश मेहता, रतनलाल मेहता, इन्द्रवर्धन मेहता, शीतल बोबड़ा, कांतिलाल मेहता, अभय मेहता, शशिकांत बोबड़ा, विजय भिमावत, अनूप मिण्डा, महावीर मेहता, प्रियंक मेहता, भाजपा जिला उपाध्यक्ष विश्वास सोनी, पारस तलेरा, रमेश श्रीश्रीमाल, नितिन नागर, जितेंद्र राठौड़, उमेश पिचा, चंचल भंडारी, पत्रकार आत्माराम शर्मा, पवन नाहर, ललित कांकरिया, अनिल भन्साली, आशीष कांकरिया, मयुर तलेरा, अभय रुनवाल, सन्तोष श्रीमाल, सन्दीप शाहजी आदि अनेक संघ समाज के जैन जैनेत्तर भाई बहन आदि उपस्थित थे।

नगर परिषद उपाध्यक्ष की दखल के बाद सफाई कर्मचारियों की हड़ताल खत्म 

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थांदला। नगर परिषद सफाई कर्मचारियों की सभी जायज मांग को सीएमओ प्रभारी अशोक चैहान द्वारा लिखित आश्वासन देकर मान लिया गया है, जिससे उन्होंने तीन दिन की हड़ताल समाप्त कर काम शुरू कर दिया है। नगर परिषद अध्यक्ष व सीएमओ द्वारा एक दिन पूर्व वार्ता लिखित आश्वासन नही दिए जाने पर विफल हो गई थी परंतु नगर परिषद उपाध्यक्ष मनीष बघेल के आ जाने से एक बार फिर कर्मचारियों व अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सीएमओ की चर्चा चली। चर्चा के दौरान जब मांग पत्र को देखा गया तो कूछ स्थानीय स्तर पर हल होने जैसी मांग थी तो कुछ मध्य प्रदेश शासन के अधीन नियम के अंतर्गत आती थी। सभी मांग पत्र के आधार पर एक सप्ताह में स्थानीय मांग पूर्ति का आश्वासन दिया गया जबकि नियमितीकरण व नवीन नियुक्ति व वेतन आदि के लिये शासन निधि व नियमों का हवाला देकर समयानुसार पूरी करने की बात कही। गौरतलब है कि यदि नगर परिषद सफाई कर्मचारियों के आवेदन को यदि गम्भीरता से लेती तो निश्चित सफाई कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने की नोबत ही नही आती।   फिलहाल इस हड़ताल को समाप्त करवाने में नगर परिषद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के अलावा पार्षदों की भूमिका दिखाई दे रही है।

15 दिन की नवजात बच्ची को बेरहम माता-पिता ने छोड़ा - चाइल्ड केयर ने इंदौर मातृछाया भेजा

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झाबुआ। जिले के बस स्टैंड पर अमानवीय घटना सामने आई है। एक बेरहम दम्पत्ति ने महज 15 दिन की मासूम नवजात बच्ची को एक महिला के सुपुर्द कर फरार हो गए थे। घटना के बाद उस महिला ने सहयोगियों की सहायता से उस दम्पत्ति को ढूंढने का प्रयास किया लेकिन वे नही मिले तो पुलिस थाने पर सूचित किया। उस बच्ची को पुलिस ने जिला चिकित्सालय में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. आई एस चैहान  के द्वारा प्राथमिक उपचार करवाते हुए बाल कल्याण समिति को सुपुर्द किया। बाल कल्याण समिति अध्यक्ष निवेदिता सक्सेना, टीम सदस्य ममता तिवारी, चेतना सकलेजा, गोपाल सिंह पंवार, खुशबू मोर्य, अनिता डामोर व मुकेश रावत ने उसकी देखभाल करते हुए उसे 108 एम्बुलेंस द्वारा सुशील सिंगाड़िया के साथ मातृ छाया शिशु गृह इंदौर भेज दिया। 

बोझ लगने पर हमें दे बेटिया
राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं महिला बाल विकास आयोग के राष्ट्रीय महासचीव रविन्द्र मिश्रा ने सभी राज्यों में अपनी टीम को निर्देशित किया है कि वे समाज सेवा के कार्य मे बाल संरक्षण को प्राथमिकता दे। उन्होंने कहा कि वे सभी जगह बेटी बचाव की पहल करते हुए बोझ लगने पर बेटिया हमें दे कि थीम पर कार्य करें मध्यप्रदेश प्रदेश अध्यक्ष पवन नाहर ने बाल कल्याण समिति बाल कल्याण समिति अध्यक्ष निवेदिता सक्सेना ने से बात की तब उन्होंने बताया कोई कैसे अपनी कोख में नो माह पालने के बाद मासूम को इस तरह मरने के लिए छोड़ सकता है। उनके दिल से निकली पंक्तियों का दर्द झलक उठा कि यू ही नही होता जन्म किसी का, प्रभू ने भेजा होगा तो किसी न किसी के घर का चिराग बनाकर। उन्होंने मातृ छाया में मुस्कुराती नम आँखों से विदाई देते हुए नन्ही परी से कहा कि उज्जवल भविष्य तुम्हारा ,खुब मिले लाड प्यार, जीयो जीन्दगी आन बान और शान से। राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं महिला बाल विकास आयोग ने निवेदिताजी व उनकी टीम के प्रयासों कि सराहना करते हुए उन्हें बधाई देते हुए हर सम्भव मदद का भरोसा दिया है।

आज नगर में होगा मंत्रियो का जमावडा स्वास्थ्य सेवाओ की कडी में एक ओर मिलेगी सौगात नगर को

झाबुआ। नगर को स्वास्थ्य सेवाओ के क्षेत्र में एक बडी सौगात आज शनिवार को वरदान हाॅस्पीटल के रूप में मिलेगी। समाजसेवी प्रकाश रांका एवं हर्ष भट्ट ने जानकारी देते हुये बताया कि रामकृष्ण नगर में आज शनिवार को प्रातः 11 बजे रोगो के त्वरित निदान एवं चिकित्सा सेवा क्षेत्र में अत्याधुनिक उपकरणो से सुसज्जित एंव विशेषज्ञ चिकित्सको कीे सहज उपलब्धता में वरदान हाॅस्पीटल का शुभारंभ प्रदेश के लोक स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सीलावट के मुख्य आतिथ्य एवं संस्कृति एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुश्री विजय लक्ष्मी साधौ की अध्यक्षता में तथा प्रभारी मंत्री सुरेन्द्र सिंह बघेल किसान कल्याण कृषि विकास उद्यानिकी मंत्री सचिन यादव, तथा अपैक्स बैेक प्रशासक अशोक सिंह के विशेष आतिथ्य में होगा। इस चिकित्सालय में 70 बिस्तरो की सुविधा होकर 24 घंटे मेडिकल व केंटिंग एवं एम्बुलेंन्स सुविधा उपलब्ध रहेगी। दो अत्याधुनिक माड्युलर आॅपरेशन थियेटर, वातानुकुलित आईसीयू एवं एनआईसीयू, डिजीटल एक्सरे, सोनोग्राफी तथा पैथोलाॅजी लेब की सुविधा के साथ ही विशेषज्ञ चिकित्सक डाॅ विका्रंत भूरिया, डाॅ शिना भूरिया, डाॅ निलय कुमार अहमदाबाद तथा डाॅ श्रीयांश तलेसरा मुबंई की सेवाये सतत प्राप्त होगी। डाॅ विका्रंत भूरिया ने जानकारी देते हुये बताया कि सर्वे संतु निरामया के बोध वाक्य को अंगीकार करते हुये वरदान हाॅस्पीटल इस गरीब आदिवासी अंचल में स्वास्थ्य सुविधा देने के क्षेत्र में एक मिल का पत्थर साबित होगा। गुजरात एवं मुबंई एवं इन्दौर आदि स्थानो पर होने वाली जांचो की सुविधाएं के साथ ही अनुभवी विशेषज्ञो की सेवाये 24 घंटे हास्पीटल में उपलब्ध रहेगी। उन्होने कहा कि स्वास्थ्य सुविधा के क्षेत्र में इस चिकित्सालय को केन्द्र एवं प्रदेश सरकार की विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओ से भी जोडने के लिये कार्यवाही प्रक्रियाधीन है तथा इसके लिये यथेष्ट प्रयास किये जा रहे है। उन्होने नागरिको से शुभारंभ के अवसर पर उपस्थित रहकर अपना आर्शीवाद प्रदान करने का अनुरोध किया है।

शारदा विद्या मंदिर हिन्दी माध्यम में कक्षा 12वीं के विद्यार्थियों का विदाई समारोह हुआ, सम्मान पाकर अभिभूत एवं भाव-विभोर हुए छात्र-छात्राएं

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झाबुआ। शारदा विद्या मंदिर हिन्दी माध्यम ग्राम बिलिडोज (झाबुआ) में कक्षा 12वीं के विद्यार्थियों का फेवरेल (विदाई समारोह) का आयोजन रखा गया। जिसमें अतिथि के रूप में संस्था संचालक श्रीमती किरण शर्मा, प्राचार्य डाॅ कंचन चैहान एवं शुभासी स्वरूप उपस्थित रहीं। इस अवसर पर अतिथियों द्वारा स्कूल से सेवानिवृत्त ले रहे छात्र-छात्राओं को डिक्षनरी भेंट की गई वहीं उनके समक्ष अन्य विद्यार्थियों ने नृत्य प्रस्तुत कर मन मोहा। समारोह को संबोधित करते हुए संस्था संचालक श्रीमती किरण शर्मा ने कहा कि कक्षा 12वीं में पढ़ने वाले विद्यार्थियों का वह अवसर होता है, जब उन्हें अगले सत्र (पढ़ाव) के लिए अपनी स्कूल से विदाई लेकर वह काॅलेज में पढ़ने के लिए जाते है। उनके लिए कॅरियर के कई नए अवसर खुलते है, जिसका चयन उन्हें स्वयं अपने मनो-विवेक से करना पड़ता है। संस्था प्राचार्य डाॅ. कंचन चैहान ने कक्षा 12वीं से पढ़कर स्कूल से जा रहे छात्र-छात्राओं से कहा कि आपने जिस तरह इस शाला में रहकर अध्ययन कार्य पूरी मेहतन ओर लगनता से किया। आगे आप जिस भी क्षेत्र में जाए या किसी भी परीक्षा की तैयारी करे, लक्ष्य निर्धारित कर उस क्षेत्र में आगे बढ़े, निष्चित ही सफलता आपके कदम चूमेगी। स्कूल के उच्च श्रेणी षिक्षक देवेन्द्र व्यास एवं राजेष चैहान ने भी संस्था से सेवानिवृत्ति ले रहे छात्र-छात्राओं को आर्षीवचन प्रदान किए। इस अवसर पर सीबीएसई स्कूल की प्राचार्य शालिनी व्यास भी विषेष रूप से उपस्थित रहीं। 

अभिभूत हुए छात्र-छात्राएं
अतिथियों एवं कक्षा 12वीं के विद्यार्थियो के समक्ष अन्य छात्र-छात्राओं ने मनमोहक नृत्य की प्रस्तुतियां भी दी। साथ ही अतिथियों ने सभी विद्यार्थियों को आगामी समय में उन्हें आवष्यक सामग्री के रूप में डिक्षनरी भेंट की। सम्मान से विद्यार्थी कुछ समय के लिए अत्यधिक अभिभूत होने के साथ भाव-विभोर भी हुए। इस दौरान मिस फेवरेल साक्षी कलाल एवं मिस्टर फेवरेल फ्रांसिस डामोर को बनाया गया। समारोह को सफल बनाने एवं व्यवस्था में सराहनीय सहयोग संस्था के षिक्षक-षिक्षिकाओं में सतीष लाखेरी, यषपाल ठाकुर, योगिता पाठक, संगीता बामनिया, ममता भूरिया, अपूर्वा खतेड़िया, परिधि जैन, दिनेष खराड़ी, दिनेष भूरिया, मानसिंह भूरिया आदि का रहा। 

युवा शक्ति संगठन की जिला इकाई द्वारा 10 मार्च को होली मिलन समारोह मनाया जाएगा, सूखे रंगों से खेली जाएगी होली, ठंडाई (दूध) का होगा वितरण 

झाबुआ। युवा शक्ति संगठन की जिला इकाई झाबुआ द्वारा प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी होली मिलन समारोह-2020 का अयोजन आगामी 10 मार्च को धुलेंडी पर्व पर किया जाएगा। इस दिन सूखे रंगों से होली खेलकर सभी को ठंडाई (दूध) का वितरण होगा। इस संबंध में संगठन की बैठक कार्यालय पर संपन्न हुई। जिसमें निर्णय लिया गया कि प्रतिवर्ष की तरह इस बार भी धुलंेडी पर्व पर होली मिलन समारोह मनाते हुए दोपहर 12.30 बजे से संगठन के छोटा तालाब स्थित मनकामेष्वर महादेव मंदिर के समीप कार्यालय के बाहर सूखे रंगों से होली खेलते हुए एक-दूसरे को गुलाल लगाकर जमकर नृत्य किया जाएगा। इस दौरान जल बचाने के संदष्ेा के सभी को पेंपलेट्स वितरित किए जाएंगे। इसके साथ ही धुलेंडी पर्व सद्भाव और भाईचारे के साथ मनाने का भी संदेष दिया जाएगा। अंत में सभी को ठंडाई (दूध) का वितरण कर पर्व की शुभकामनाएं प्रेषित की जाएगी। 

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