मधुबनी (आर्यावर्त संवाददाता) एनआरसी, सीएए, एनपीआर कानून के खिलाफ मधुबनी समाहरणालय के सामने चल रहे अनिश्चितकालीन धरना के समर्थन में दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र नेताओं ने मधुबनी अनिश्चितकालीन धरना में पहुंच कर अपना समर्थन दिया। संविधान बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक तुल्लाह एवं परवेज हसन दानिश की अध्यक्षता में आयोजित विगत 7 जनवरी से अनिश्चितकालीन धरना को संबोधित करते हुए पूर्व कन्वीनर जेएनयू छात्रसंघ मोहम्मद कासिम, ने कहा कि जिस प्रकार से संविधान बचाने की लड़ाई में हमारे के देश आम नागरिकों ने अपनी हिम्मत दिखाई है अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं ये दर्शाता की सरकार को ये काला कानून वापस लेना हीं होगा। वहीं जेएनयू छात्रसंघ के महासचिव सतीश चन्द्र यादव, ने कहा कि ये हिंदुस्तान में इंकलाब आया है कहीं न कहीं इस इंकलाब इस काले कानून के खिलाफ आंदोलन में पुलिस की गोलियों से शहीद हुए क्रांतिकारी नौजवानो की वजह आया और इसमें आंदोलन कर रहे लोगों की जीत सुनिश्चित है । मुंगेर से आएं जफर आलम ने कहा कि मैं उन नौजवानों को हौसले को सलाम करता हूं जिन लोगों ने 7 जनवरी से मधुबनी के धरती पर धरना पर बैठकर मिथिला ही नहीं पुरे के लोगों को काले कानून के विरुद्ध जगाने का काम किया है। धरना पर बैठे लोगों को संबोधित अमानुल्लाह खान, असलम अंसारी, शाहजहां अंसारी,समसुल हक,मजहर कमाल, समीर रहमान मुन्सी,सउद , बदरुल हक, शहनवाज,वसीम हैदर, कमरुज्जमा, जावेद आलम सहित कई लोग ने धरना पर बैठे लोगों को संबोधित किया।
रविवार, 16 फ़रवरी 2020
मधुबनी के धरना में जेएनयू के छात्र नेताओं ने पहुंच कर समर्थन किया
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