नयी दिल्ली, 20 फरवरी, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने देश की प्रगति के लिए भारतीय भाषाओं के उन्नयन की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा है कि मातृभाषा को बढ़ावा दिए बिना तरक्की संभव नहीं है इसलिए अपनी भाषाओं के उत्थान के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा आंदोलन चलाने की जरूरत है। श्री नायडू ने गुरुवार को ‘अंतरराष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस’ पर यहां आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जब देश और समाज अपनी मातृ भाषा की रक्षा करता है और उसे आगे बढाने के लिए काम करता है तो उस समय हम देश की भाषायी और सांस्कृतिक विविधता को संरक्षण प्रदान कर रहे होते हैं। भाषा को रोजगार से जोड़ने की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरियों के लिए भारतीय भाषाओं के ज्ञान को एक स्तर तक अनिवार्य किया जाना चाहिए और हाई स्कूल तक सभी के लिए भाषा की पढ़ाई जरूरी होनी चाहिए। भाषा को जब रोजगार से जोड़ा जाए्गा तो इसके प्रति लोगों की स्वाभाविक रुचि बढेगी और भारतीय भाषाओं की उन्नति के लिए इस तरह का कदम उठाना आवश्यक है। उप राष्ट्रपति ने अंग्रेजी के प्रति लोगों के अत्यधिक मोह का जिक्र करते हुए कहा “ब्रिटिश काल के दौरान, अंग्रेजी सीखने और नौकरी पाने के बीच एक संबंध था इसीलिए उस समय अंग्रेजी के प्रति लोगों का आकर्षण था। हमें भी शिक्षा और रोजगार को जोड़ना होगा और रोजगार के लिए भारतीय भाषाओं के ज्ञान को अनिवार्य बनाना होगा।”
गुरुवार, 20 फ़रवरी 2020
भारतीय भाषाओं के उन्नयन के लिए राष्ट्रीय आंदोलन की जरूरत : नायडू
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