तोड़ने की बात करने वाले नेताओं पर अंकुश लगाए सरकार: कांग्रेस - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 3 फ़रवरी 2020

तोड़ने की बात करने वाले नेताओं पर अंकुश लगाए सरकार: कांग्रेस

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नयी दिल्ली, 03 फरवरी, कांग्रेस ने कहा है कि देश की बड़ी आबादी नागरिकता संशोधन कानून के प्रदर्शन कर रही है लेकिन सरकार संसद और संसद के बाहर उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है और उल्टे भारतीय जनता पार्टी के नेता समाज में जहर घोलने का काम रहे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने यहां संसद भवन में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि लोग नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में लम्बे समय से प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकार को उनकी बात सुननी चाहिए। देश के हर नागरिक का सम्मान किया जाना चाहिए लेकिन सरकार के मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता अपने भाषणों के जरिए जहर फैलाने का काम कर रहे हैं। श्री शर्मा ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में सरकार ने कई बार राष्ट्रपिता का जिक्र किया है लेकिन उनके नेता देश के लोगों का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कथनी और करनी में फर्क होने का आरोप लगाया और कहा कि भाजपा के जो नेता और मंत्री समाज को बांटने के लिए जहर फैला रहे हैं प्रधानमंत्री को उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए और संसद में इस संबंध में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा कि इस मुद्दे पर संसद में चर्चा होनी चाहिए। खुद प्रधानमंत्री ने सर्वदलीय बैठक में कहा था कि वह विपक्ष की बात सुनेंगे और विपक्ष जिस विषय पर चाहे सरकार चर्चा कराने के लिए तैयार है। इसी तरह का आश्वासन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी दिया था लेकिन सरकार संसद में अपने आश्वासन से मुकर रही है और सीएए पर चर्चा कराने से मुकर रही है। इस बारे में दिए गऐ नोटिस को नजरअंदाज कर रही हे। उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ खोखली बात करती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बजट भाषण इतना लम्बा था कि उसे सुनने में सभी लोग बहुत कष्ट महसूस कर रहे थे। भाषण में अगर कुछ होता तो कष्ट सहन किया जा सकता था लेकिन उसमें कुछ था ही नहीं इसलिए ज्यादा कष्टकारक लग रहा था। इससे पहले राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने संसद कहा है कि दो माह से पूरा देश सड़कों पर है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार अपनी विफलताओं से देश की जनता का ध्यान हटाना चाहती है इसलिए सड़कों पर उतरे लोगों के बारे में वह विचार करने के लिए तैयार नहीं है। 

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