हड़ताल खत्म होने की घोषणा पटना की मेयर सीता साहू ने की। मौके पर नगर विकास विभाग के सचिव आनंद किशोर, नगर आयुक्त अमित कुमार पांडेय समेत अनेक अधिकारी व सभी यूनियन के नेता मौजूद हैं। यूनियनों से औपचारिक बातचीत व समझौते के बाद इसकी घोषणा की गई
पटना, 9 फरवरी। आज पटना नगर निगम में सफाईकर्मियों की हड़ताल छठे दिन जाकर टूटी। इन छह दिनों में पटना शहर नरक में तब्दील हो गया था। समझौता होने के बाद शनिवार की शाम हड़ताल खत्म की घोषणा हुई। हड़ताल खत्म होने की घोषणा पटना की मेयर सीता साहू ने की। मौके पर नगर विकास विभाग के सचिव आनंद किशोर, नगर आयुक्त अमित कुमार पांडेय समेत अनेक अधिकारी व सभी यूनियन के नेता मौजूद हैं। यूनियनों से औपचारिक बातचीत व समझौते के बाद इसकी घोषणा की गई।
पटना नगर निगम कार्यालय में शनिवार की शाम में बैठक के बाद मेयर सीता साहू ने कहा कि हड़ताल टूट गई है। किसी भी सफाईकर्मी को दिक्कत नहीं होगी। सफाईकर्मियों को उचित सुविधा मिलेगी। वहीं, नगर विकास विभाग के सचिव आनंद किशोर ने कहा कि शहर की सफाई अतिरिक्त संसाधन लगाकर की जाएगी। तीन-चार दिनों में पटना पूरी तरह साफ हो जाएगा। उधर, इंटक के नेता चंद्रप्रकाश ने कहा कि सफाईकर्मियों की मांगें मान ली गई हैं। ऐसे में सफाईकर्मियों ने अपनी हड़ताल समाप्त कर दी है। यूनियन के नेता नंदकिशोर दास ने भी कहा कि मांगें मान ली गई हैं। इसके बाद सफाईकर्मियों ने हड़ताल खत्म कर दी है। अब सफाईकर्मी काम पर लौट आएंगे। शहर पूरी तरह साफ हो जाएगा। बता दें कि पटना नगर निगम में सफाईकर्मियों की तीन फरवरी से हड़ताल शुरू हुई थी। वे लोग डेली वेजेज स्टाफ की छंटनी और आउट सोर्सिंग का विराेध कर रहे थे। सफाईकर्मियों की हड़ताल की वजह से पूरा शहर नरक में तब्दील हो गया था। गली से लेकर मेन रोड तक में गंदगी का अंबार लग गया था। यहां तक कि गुरुवार को कंकड़बाग नगर निगम कार्यालय के सामने मृत पशुओं को रख दिया गया था। वहीं, शुक्रवार को नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा के आवास के सामने मरे हुए कुत्ते को फेंक दिया गया था। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के आवास के निकट भी कूड़े-कचरे को फेंक दिया गया था। पटना सिटी में तो सड़क पर नाले का पानी बहने लगा था। इसके बाद तो कई अन्य जिलों में भी सफाईकर्मियों ने हड़ताल कर दी थी। यूं मांग पूरी होने पर हड़ताल खत्म पटना नगर निगम में कार्यरत 4300 दैनिक कर्मियों की सेवा यथावत बनी रहेगी।
इनकी नियमतिकरण की प्रक्रिया पूर्व की तरह रहेगी।
वर्तमान में करीब 2200 सफाई कर्मी जो आउट सोसिंग एजेंसी के द्वारा रखे गये हैं ,उनके संबंध में श्रम कानून के तहत देय सुविधाएं यथा- न्यूनतम मजदूरि,ई.पी.एफ.,कर्मचारी राज्य बीमा तथा अवकाश संबंधित नियमों को सख्ती से लागू किया जाएगा। इस कार्य हेतु निगम मुख्यालय स्तर पर एक सप्ताह में एक विशेष समिति (जी.आर.सी) का गठन किया जाएगा। निगम में चल रहे प्रभारी व्यवस्था को समाप्त करने हेतु रिक्तियों के विरूद्ध प्रोन्नति/समायोजन की कार्रवाई शीघ्र प्रारंभ की जाएगी। निगम में स्थानान्तरण में पूरी तरह पारदर्शिता बरती जाएगी एवं इस संबंध शीघ्र ही नीति का निर्धारण किया जाएगा। हड़ताल अवधि के दौरान सभी तरह के दण्डनात्मक कार्रवाइ वापस ली जाती है। हड़ताल की अवधि में कर्मचारियों का वेतन कटौती नहीं की जाएगी एवं उक्त अवधि का अवकाश के दिनों में अथवा अतिरिक्त अवधि में कार्य कराकर समायोजन किया जाएगा। हड़ताल अवधि में पटना नगर निगम संयुक्त समन्वय समिति के नेताओं एवं अन्य कर्मचारियों पर दर्ज किए गए मुकदमा वापस लिया जाता है।
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