थानेदार पर केस में लापरवाही बरतने का लगा आरोप।
अरुण शाण्डिल्य (बेगूसराय) जिस घटना को लेकर,एक पिता पिछले 8 महीने से अपनी लापता बेटी की तलाश कर रहा है।पीड़ित पिता दीघा थाने का चक्कर लगाते-लगाते थक गया लेकिन पुलिस वालों ने कोई कार्रवाई नहीं की।आखिरकार पिता अपनी गुहार लेकर महिला आयोग पहुँचा। पीड़ित पिता ने बिहार राज्य महिला आयोग में इंसाफ की गुहार लगाई।दरअसल मनेर के रहने वाले शख्स की बेटी ने 27 फरवरी वर्ष 2018 को दीघा के बालूपर निवासी कमलेश के साथ प्रेम विवाह कर ली थी।कुछ दिन खुशहाली से रहने के बाद बेटी ने 25 फरवरी वर्ष 2019 को अपने पिता को बताया कि उसके पति ने किसी और लड़की से दूसरी शादी कर ली है।पिता जब अपने बेटी के ससुराल पहूँचा तो पता चला कि बेटी वहाँ नहीं है।इसके बाद 5 जुलाई 2019 को पिता ने दीघा थाने में बेटी के ससुरालवालों के खिलाफ केस दर्ज कराया। घटना के 8 महीने बीत जाने के बाद भी दीघा थानेदार ने कोई कार्रवाई नहीं की।जिसके बाद पीड़ित मदद के लिए महिला आयोग पहुँचा आयोग ने व्यक्ति की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए दीघा थाना पुलिस को तीन बार नोटिस भेजा लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।जिसके बाद महिला आयोग ने आखिरकार एसएसपी उपेंद्र शर्मा को आयोग में उपस्थित होने का नोटिस भेजा,तब जाकर दीघा थानेदार की नींद खुली और वो महिला आयोग पहुँचकर कार्रवाई की रिपोर्ट सौंपी।8 महीने बाद भी विवाहिता कहाँ है पुलिस इसकी जानकारी तक नहीं जुटा सकी है।राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष दिलमणि मिश्रा ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में संतोषजनक कार्रवाई नहीं की है इसलिए अब थानेदार के खिलाफ जाँच के लिए एसएसपी को लेटर लिखा जाएगा।और पुलिसकर्मियों के खिलाफ आवाज उठाई जाएगी।
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