वाराणसी, नौ फरवरी, श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्ष ने रविवार को यहां विश्व प्रसिद्ध श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में विधि विधान के साथ पूजा-अर्चना की।
श्री राजपक्ष नई दिल्ली से एयर इंडिया के विशेष विमान से अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार पूर्वाह्न करीब दस बजे बाबतपुर के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पहुंचे थे जहां पर उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया । उन्होंने वाराणसी में अपने दौरे शुरुआत ज्योर्तिलिंग बाबा विश्वनाथ की पूजा-अर्चना से की। प्रधानमंत्री बनने के बाद श्री राजपक्ष पहली बार वाराणसी आये हैं। बाबा विश्वनाथ की पूजा के अपराह्न में भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेशस्थली सारनाथ के मूलगंध कुटी विहार में बौध मंदिर में दर्शन-पूजन करने का उनका कार्यक्रम है, वह बौद्ध भिक्षुओं से आशीर्वाद प्राप्त करेंगे। विदेशी मेहमान सारनाथ में धमेख स्तूप समेत अन्य पुरातात्विक महत्व के स्थानों का भ्रमण करेंगे। प्रधानमंत्री राजपक्ष के दौरे के मद्देनजर यहां सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किये गए हैं। गौरतलब है कि श्री राजपक्ष भारत की चार दिवसीय दौरे पर आये हुए हैं। प्रचीन धार्मिक नगरी में वाराणसी में पूजा-अर्चना के बाद सोमवार को वह दर्शन-पूजन के लिए भगवान बुद्ध की ज्ञानस्थली बोधगया होते हुए तिरुपति जाएंगे। अगले दिन मंगलवार को भगवान वेंकटेश्वर के सुप्रभात दर्शन करने के बाद वह स्वदेश के लिए रवाना जाएंगे।
श्री राजपक्ष नई दिल्ली से एयर इंडिया के विशेष विमान से अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार पूर्वाह्न करीब दस बजे बाबतपुर के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पहुंचे थे जहां पर उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया । उन्होंने वाराणसी में अपने दौरे शुरुआत ज्योर्तिलिंग बाबा विश्वनाथ की पूजा-अर्चना से की। प्रधानमंत्री बनने के बाद श्री राजपक्ष पहली बार वाराणसी आये हैं। बाबा विश्वनाथ की पूजा के अपराह्न में भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेशस्थली सारनाथ के मूलगंध कुटी विहार में बौध मंदिर में दर्शन-पूजन करने का उनका कार्यक्रम है, वह बौद्ध भिक्षुओं से आशीर्वाद प्राप्त करेंगे। विदेशी मेहमान सारनाथ में धमेख स्तूप समेत अन्य पुरातात्विक महत्व के स्थानों का भ्रमण करेंगे। प्रधानमंत्री राजपक्ष के दौरे के मद्देनजर यहां सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किये गए हैं। गौरतलब है कि श्री राजपक्ष भारत की चार दिवसीय दौरे पर आये हुए हैं। प्रचीन धार्मिक नगरी में वाराणसी में पूजा-अर्चना के बाद सोमवार को वह दर्शन-पूजन के लिए भगवान बुद्ध की ज्ञानस्थली बोधगया होते हुए तिरुपति जाएंगे। अगले दिन मंगलवार को भगवान वेंकटेश्वर के सुप्रभात दर्शन करने के बाद वह स्वदेश के लिए रवाना जाएंगे।
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