मधुबनी : मिथिला महावृक्ष संरक्षण अभियान कार्यक्रम के कार्यान्वयन की स्वीकृति हेतु डीएम ने लिखी चिट्ठी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 18 फ़रवरी 2020

मधुबनी : मिथिला महावृक्ष संरक्षण अभियान कार्यक्रम के कार्यान्वयन की स्वीकृति हेतु डीएम ने लिखी चिट्ठी

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मधुबनी (आर्यावर्त संवाददाता) जिला पदाधिकारी, मधुबनी के प्रधान सचिव, वन एवं पर्यावरण विभाग, बिहार पटना को जल-जीवन-हरियाली कार्यक्रम के तहत मिथिला महावृक्ष संरक्षण अभियान (सेविंग द गार्जियन्स ऑफ मिथिला) कार्यक्रम के कार्यान्वयन की स्वीकृति प्रदान करने हेतु अनुरोध किया गया है। जिला पदाधिकारी, मधुबनी के द्वारा बताया गया है कि मधुबनी जिला में लगभग 400-500 वर्षो से उपलब्ध पुराने विशाल एवं अति विशिष्ट वृक्षों के संरक्षण हेतु मिथिला महावृक्ष अभियान के तहत ‘‘सेविंग द गार्जियंस ऑफ मिथिला‘‘ कार्यक्रम के कार्यान्वयन की स्वीकृति देने हेतु प्रधान सचिव, वन एवं पर्यावरण विभाग, बिहार, पटना एवं प्रधान सचिव, ग्रामीण विकास विभाग, बिहार पटना से अनुरोध किया गया था। पत्र के आलोक में अपर सचिव, ग्रामीण विकास विभाग(जल-जीवन-हरियाली मिशन), बिहार, पटना के द्वारा पत्र के माध्यम से उल्लेख/सुझाव दिया गया है कि मिथिला महावृक्ष संरक्षण अभियान(सेविंग द गार्जियन्स ऑफ मिथिला) नाम से प्रस्तावित कार्यक्रम मुख्य रूप से वृक्ष संरक्षण विषय-वस्तु से संबंधित है। उक्त प्रस्तावित कार्यक्रम के क्रियान्वयन संबंधी स्वीकृति के बिन्दु पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवत्र्तन विभाग, बिहार, पटना से पत्राचार कर समुचित मार्गदर्षन प्राप्त करने हेतु निदेश दिया गया। जिसको लेकर जिला पदाधिकारी, मधुबनी के द्वारा प्रधान सचिव, वन एवं पर्यावरण विभाग, बिहार, पटना को ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा दिये गये सुझाव के आलोक में पुनः मिथिला महावृक्ष संरक्षण अभियान के तहत सेविंग द गार्जियन्स ऑफ मिथिला कार्यक्रम के कार्यान्वयन की स्वीकृति प्रदान करने हेतु अनुरोध किया गया है। महावृक्ष अभियान के तहत वृक्षों का जियो टैगिंग करना, मेंटर/वन संरक्षक(स्थानीय जनप्रतिनिधि, मुखिया, सरपंच, वार्ड सदस्य, प्रबुद्ध नागरिक) को चिन्हित करना, उनकी जड़ों में मिट्टी भरना, चबूतरा का निर्माण करना, बोटनिकल/वानस्पति नाम देना, पौधा संरक्षण का कार्य कराना, पुराने वृक्षों में उसी मूल प्रजाति के वृक्ष का पौधा को लगाना तथा पर्यावरण की दृष्टिकोण से पुरानी प्रजाति के पौधों के संरक्षण हेतु प्रोत्साहित करना है।

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