प्रभारी मंत्री श्री हर्ष यादव पांच को विदिशा आएंगे
कुटीर एवं ग्रामोद्योग, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री तथा जिले के प्रभारी मंत्री श्री हर्ष यादव पांच फरवरी को विदिशा आएंगे। प्रभारी मंत्री श्री यादव का प्राप्त दौरा कार्यक्रम अनुसार बुधवार पांच फरवरी की दोपहर एक बजे भोपाल से प्रस्थान कर दोपहर दो बजे ग्राम अहमदपुर में पहुंचकर वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसके पश्चात् दोपहर ढाई बजे अहमदपुर से सागर के लिए रवाना होंगे।
सात आवेदकों से कलेक्टर रू-ब-रू होंगे सोमवार को
सीएम हेल्पलाइन में लंबित आवेदनों में से चिन्हित सात आवेदकों से कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह स्वंय सोमवार को टीएल बैठक में आवेदकों से मुलाकात करेंगे। जिनके आवेदन अवधि सबसे ज्यादा है। अपर कलेक्टर श्री वृदांवन सिंह ने बताया कि सीएम हेल्पलाइन मेंं लंबित ऐसे आवेदन का चयन किया गया है जिनकी अवधि सबसे ज्यादा है और इनका निराकरण जिला स्तर पर संभव था। सोमवार तीन फरवरी की प्रातः 11.30 बजे से जिन सात आवेदकों से कलेक्टर स्वंय रू-ब-रू होकर उनके आवेदनों पर अब तक कार्यवाही क्यों नही हुई कि स्वंय जांच पड़ताल कर निराकरण की पहल करेंगे। उनमें विदिशा के वार्ड 32 सुभाषनगर गली क्रमांक-तीन के आवेदक महेश कुमार के द्वारा प्राकृतिक प्रकोप की राहत राशि प्राप्त नही होना, स्वर्णकार कालोनी के आवेदक डॉ संजीव जैन के आवेदन पर नगरपालिका विदिशा द्वारा कार्यवाही नही करना, होशंगाबाद की आवेदिका रतना दयाल का स्वास्थ्य विभाग से संबंधित आवेदन, ग्राम वर्धा के आवेदक वीरेन्द्र सिंह धाकड़ का वन विभाग से संबंधित आवेदन, लोक शिक्षण विभाग से संबंधित माया बाई एवं सुंदरम बिसेन के आवेदनों के अलावा आयुष विभाग से संबंधित लटेरी के आवेदक सत्येन्द्र कुमार धाकड़ का आयुष विभाग से संबंधित आवेदन पर समीक्षा की जाएगी। उपरोक्त समीक्षा के दौरान शिकायतकर्ता को संबंधित जिलाधिकारी ही उपस्थित कराएंगे तथा एल-वन, एल-टू को पूर्व में की गई कार्यवाही के विवरण के साथ मीटिंग में उपस्थित कराएंगे। अपर कलेक्टर श्री वृदांवन सिंह ने बताया कि शिकायत क्रमांक छह एवं सात केवल गुणवत्ता हेतु चयनित है उक्त आवेदकों को नही लाया जाना है। इसी प्रकार शिकायत क्रमांक तीन एवं छह के शिकायतकर्ता जिले के बाहर होने के कारण यदि आवेदक उपस्थित होने में समर्थ है तो उपस्थित कराया जाए अन्यथा सम्पूर्ण विवरण के साथ संबंधित अधिकारी उपस्थित रहेंगे।
23 लाख की लागत के निर्माण कार्यो का लोकार्पण
विधायक श्री शशांक भार्गव ने आज ग्राम लश्करपुर में 23 लाख की लागत से पूर्ण कराए गए पंचायत भवन सहित अन्य भवनों का लोकार्पण किया। लोकार्पण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए विधायक श्री भार्गव ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा दिए गए वचनों को पूरा कर रही है। मुख्यमंत्री जी के द्वारा एक वर्ष में 365 वचनो को पूरा किया गया है। उन्होंने जय किसान फसल ऋण माफी योजना के तहत द्वितीय चरण में एक लाख से दो लाख तक की ऋण माफी की प्रक्रिया क्रियान्वित की जाएगी तृतीय चरण में शेष वंचित रहें का शत प्रतिशत ऋण माफ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही किसानों को बोनस राशि के भुगतान की प्रक्रिया क्रियान्वित की जाएगी। लोकार्पण कार्यक्रम में श्री रंधीर सिंह ठाकुर, श्री राकेश कटारे, श्री दीवान सिंह किरार, श्री अनुज लोधी भी मौजूद थे।
घायलों को आर्थिक मदद जारी
नासिक से बद्रीनाथ जाते समय 11 जून 2019 को विदिशा सागर रोड़ पर ग्राम पांझ के पास निजी बस दुर्घटना में घायल हुए 17 तीर्थयात्रियों को कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह के द्वारा क्रमशः साढे सात-साढे सात हजार रूपए की आर्थिक मदद का आदेश जारी कर दिया है। डिप्टी कलेक्टर एवं नोडल अधिकारी श्री बिजेन्द्र सिंह यादव ने बताया कि प्रत्येक घायल के लिए साढे सात हजार रूपए की आर्थिक सहायता स्वीकृत की गई है सभी घायल महाराष्ट्र राज्य मेंं नासिक जिले के रहने वाले है। जिन 17 घायल तीर्थ यात्रियों को आर्थिक मदद जारी की गई है उनमें बालू पुत्र मोगल, कोसा बाई, चंद्रकला, प्रदीप, सुमन, वैशाली, रामदास, भीमाबाई, पुष्पाबाई, बाजीराव, नभनाथ, बालू पुत्र महालू, बागूबाई, सुखबाई, प्रभावती, विमल एवं सुमनबाई शामिल है।
गुणदोषो के आधार पर हो फैसला, लोभ या दबाव में नहीं-मुख्य न्याधिपति श्री मित्तल
उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री मित्तल ने जायजा लिया
रविवार को जबलपुर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति एके मित्तल विदिशा पहुंचे। जहां उन्होंने अधिवक्ताओं के सामने न्यायाधीश द्वारा जमानत के मामले में स्पष्ट रूप से कहा कि न्यायाधीश बिना किसी डर, झिझक, लोभ, दबाव की बजाय सिर्फ वास्तविक गुण और दोष के आधार पर जमानत का फैसला लें। रविवार को 11 बजे के लगभग जबलपुर उच्च न्यायालय के न्यायाधिपति एके मित्तल सड़क मार्ग से विदिशा पहुंचे। उन्होंने सबसे पहले निर्माणाधीन न्यायालय भवन का निरीक्षण किया। इसके बाद वे वर्तमान न्यायालय परिसर में पहुंचे। जहां विभिन्न न्यायालयों का अवलोकन करने के बाद अभिभाषक संघ द्वारा आयेजित कार्यक्रम में शामिल हुए। अभिभाषक संघ के कार्यक्रम के दौरान एक अधिवक्ता द्वारा भोपाल में मुख्य न्यायाधिपति के बयान पर सवाल किया। कार्यक्रम के दौरान ही उन्होंने उक्त बात का खंडन करते हुए स्पष्ट रूप से कहा कि किसी भी न्याय के आदेश को पारित करने या जमानत देने के फैसले को लेने के लिए किसी भी प्रकार के भय, प्रेम, लोभ की बजाय उस घटना और वास्तविक स्थिति के गुण और दोष के आधार पर अपना फैसला निर्भीक होकर देना चाहिए। बाद में मीडिया से बात करते हुए मुख्य न्यायाधिपति एके मित्तल ने कहा कि वे प्रदेशभर में अलग.अलग न्यायालयों में भ्रमण कर रहे है। व्यवस्थाओं को सुधारने का प्रयास सतत जारी है। उन्होंने कहा कि मौके पर पहुंचकर समस्याओं को सुनकर उन्हें हल करने का प्रयास किया जा रहा है। विदिशा के दौरे के बारे मे उन्होंने कहा कि उन्हें बहुत अच्छा लगा है। यहां की व्यवस्थाएं संतोषजनक हैं। यहां एक ऐप को भी लॉन्च किया गया है, जिससे केस को जानने के लिए मदद मिलेगी। यहां नया भवन बनने के बाद कई प्रकार की समस्याएं खत्म हो जाएंगी। वकीलों के लिए भी काम करना है। चैम्बर्स बनाकर उपलब्ध कराने का प्रयास रहेगी। विधिक सेवा प्राधिकरण के जरिए स्थायी लोक अदालत की प्रक्रिया भी शुरू हुई है। निश्चित रूप से इसमें न्याय की प्रक्रिया सरल और आसान हो जाएगी। प्रदेशभर में प्रक्रिया को सुधारने का प्रयास किया जा रहा है।
ऐप का शुभारंभ
मुख्य न्यायाधिपति एके मित्तल ने विटनिस हेल्प डेस्क ऐप का शुभारंभ भी किया। बताया गया कि साक्षियों को सुरक्षा प्रदान करनेए उनके बयान किस न्यायालय मे होना हैं, ऐसे ही अन्य विषयों को लेकर एक ऐप तैयार किया गया है। जिसे माननीय न्यायाधिपति द्वारा शुभारंभ कराया गया है। उल्लेखनीय है कि इस प्रकार की व्यवस्था भारत में सिर्फ मध्यप्रदेश में की गई है। मप्र में भी भोपाल संभाग के विदिशा जिला न्यायालय और इसके पहले सिर्फ इंदौर में यह व्यवस्था लागू थी। इस दौरे के दौरान जिला सत्र न्यायाधीश श्री एससी उपाध्यायए न्यायाधीशगण श्री योगेश गुप्ता, श्री एमपी तिवारी, श्री आईपी मिश्रा, जिला अभियोजक श्री नरेश गुप्ता, श्री मनीष केथोरिया, सुश्री प्रतिभा गौतम, सुश्री गार्गी झा, सुश्री ज्योति कुजूर, किरण कापसे, दिनेश असैया, गोविंद आर्य आदि मौजूद थे।
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