विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 17 फ़रवरी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 17 फ़रवरी 2020

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 17 फ़रवरी

कृष्ण-सुदामा सच्चे मित्र प्रेम के प्रतीक: पं.अंकितकृष्ण तेनगुरिया
ग्राम इमलिया में भंडारे के साथ भागवत कथा का समापन
vidisha news
विदिशा- ग्राम इमलिया(ढोलखेड़ी) में चल रही सात दिवसीय भागवत कथा का आज पूर्णाहूति के साथ समापन हुआ।इस अवसर पर गौवत्स पंडित अंकितकृष्ण तेनगुरिया ने पंडाल में उपस्थित श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि कृष्ण और सुदामा में सच्चा मित्र प्रेम था और सच्चे प्रेम में ऊंच या नीच नहीं देखी जाती और न ही अमीरी-गरीबी देखी जाती है। इसीलिए आज इतने युगों के बाद भी दुनिया कृष्ण और सुदामा की दोस्ती को सच्चे मित्र प्रेम के प्रतीक के रूप में याद करती है। मित्र वही सच्चा है जो हमें सही और अच्छे रास्ते पर ले जाए, लेकिन आज की मित्रता गड्ढे में धखेल देने वाली है। दूसरों को नीचा दिखाकर खुद को सर्वश्रेष्ठ बताने में बुद्धिमानी समझते हैं। इसलिए आज ऐसी दोस्ती से भी सर्त रहने की जरुरत है। महाराज बटुकजी ने कहा कि एक बार सुदामा अपनी पत्नी सुशीला के कहने से अपने परम मित्र श्रीकृष्ण से मिलने द्वारिका नगरी गये, भटके भटके सुदामा द्वारिका पहुंचे तो वहां द्वारपालों ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया, उनके बार-बार विनती करने पर भी अंदर नहीं जाने दिया । महाराजश्री ने कहा कि जब द्वारपालों ने पूछा कहा से आए हो तो सुदामा ने जवाब दिया,मुझे कृष्ण से मिलना है। वह मेरा मित्र है। अंदर जाकर कहिए कि सुदामा आपसे मिलने आया है। उन्हें सुदामा के वस्त्र देखकर हंसी आई, जब श्रीकृष्ण को जाकर बताया तो सुदामा का नाम सुनते ही कृष्ण खड़े हो गए और भगवान अपने बचपन के मित्र सुदामा से मिलने नंगे पैर ही दौड़ पड़े। महाराज बटुकजी ने कहा कि  भक्त की भक्ति का सम्मान करना भगवान का परम कार्य है |,तो जैसे ही सुदामा अपने मित्र श्री कृष्ण के द्वार पर पहुंचे,कृष्ण ने सुदामा को गले से लगा लिया था | गरीबब सुदामा की दशा देकर द्वारिकाधीश भी फूट-फूटकर रोए। इस अवसर पर भजन गायक स्वास्तिक द्वारा अरे द्वारपाल भजन की प्रस्तुति भी दी गई। कथा के अंत में आरती के बाद भंडारे का आयोजन भी किया गया। जिसमें सभी ग्रामवासियों के अलावा बड़ी संख्या में आए क्षेत्रवासियों ने भी प्रसाद ग्रहण किया अंत में बटुकजी महाराज ने सभी आचार्य आकाश दुबे, सतेंद्र शास्त्री, पंडित गणेशराम शर्मा सहित आयोजकों का सफल आयोजन के लिए आभार जताया ।

बोर्ड परीक्षाएं 2 मार्च से प्रारम्भ होंगी

माध्यमिक शिक्षा मण्डल, मध्यप्रदेश की वर्ष 2020 की हाईस्कूल सर्टिफिकेट (कक्षा 10वीं) परीक्षा 03 मार्च से तथा हायर सेकण्डरी स्कूल सर्टिफिकेट एवं हायर सेकण्डरी (व्यावसायिक) (कक्षा 12वीं) परीक्षा 02 मार्च से प्रांरभ होगी। जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि हाईस्कूल नियमित एवं स्वाध्यायी, हायर सेकण्डरी, हायर सेकण्डरी (व्यावसायिक) एवं डी.पी.एस.ई. तथा शारीरिक शिक्षा प्रशि.पत्रों.की परीक्षाएं इस वर्ष एक ही पारी में प्रातः 09.00 बजे से 12.00 बजे के मध्य तथा हाईस्कूल, हायर सेकेण्डरी (दिव्यांग) विद्यार्थियों की परीक्षाएं इस वर्ष दोपहर 01.00 बजे से सायं 04.00 बजे के मध्य आयोजित होंगी। हाई स्कूल एवं हायर सेकण्डरी के नियमित एवं स्वाध्यायी परीक्षार्थियों को उनके परीक्षा कार्यक्रम भी मण्डल की वेबसाइटू www-mpbse-nic-in पर उपलब्ध कराये गए हैं।

सिद्धहस्थ शिल्पियों को मिलेंगे राज्य-स्तरीय विश्वकर्मा पुरस्कार 30 अप्रैल तक प्रविष्टियाँ आमंत्रित

राज्य शासन ने सिद्धहस्थ शिल्पियों को राज्य स्तरीय विश्वकर्मा पुरस्कार प्रदान करने का निर्णय लिया है । राज्य हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम ने सिद्धहस्थ शिल्पियों से पुरस्कार के लिये कलाकृतियों सहित 30 अप्रैल तक जिला स्तर पर प्रविष्टियाँ आमंत्रित की हैं। हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम के कार्यालय अथवा जिला ग्रामोद्योग अधिकारी कार्यालय, जिला पंचायत में आवेदन जमा किये जा सकते हैं। राज्य स्तरीय विश्वकर्मा पुरस्कार में प्रथम पुरस्कार में एक लाख, द्वितीय पुरस्कार में 50 हजार, और तृतीय पुरस्कार में 25 हजार रूपये प्रदान किये जाएंगे। तीन शिल्पियों को 15-15 हजार रूपये प्रोत्साहन पुरस्कार भी दिये जाएंगे। पुरस्कार की पात्रता के लिए शिल्पी को मध्यप्रदेश का मूलनिवासी होना  आवश्यक है। शिल्पी का पंजीयन एवं निवास अनुशंसा करने वाले जिले में होना चाहिए। शिल्पी का संत रविदास मध्यप्रदेश हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम अथवा कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार के विकास आयुक्त (हस्तशिल्प कार्यालय) में पंजीकृत होना भी आवश्यक है। जिलों में प्राप्त आवेदन पत्र जिला स्तरीय समिति द्वारा चयनित किए जाएंगे। इस प्रक्रिया के बाद वर्षांत तक चयनित शिल्पी पुरस्कृत किए जाएंगे।

किसान मानधन योजना

उप संचालक कृषि उमरिया ने किसान भाईयों से आग्रह किया है कि प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना एक सरकारी योजना है। जो वृद्धावस्था संरक्षण और लघु और सीमांत किसानों (एसएमएफ) की सामाजिक सुरक्षा के लिए है। आयु वर्ग 18 से 40 वर्ष में 2 हेक्टेयर तक की खेती करने वाले सभी छोटे और सीमांत किसान जिनके नाम 1 अगस्त 2019 को राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के भूमि रिकॉर्ड में दिखायी देते हैं। योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के पात्र हैं।
इस योजना के तहत किसानों को 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद प्रति माह न्यूनतम 3000 रूपये प्राप्त होता है और यदि किसान की मृत्यु हो जाती है, तो किसान का परिवार पेंशन के रूप में 50 प्रतिशत पेंशन पाने का हकदार होगा। पारिवारिक पेंशन केवल पति या पत्नि के लिए लागू होती है। योजना की परिपक्वता पर एक व्यक्ति 3000 रूपये पेंशन की मासिक पेंशन प्राप्त करने का हकदार होगा। 18 से 40 वर्ष के बीच के आवेदकों को 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक मासिक योगदान 55 रूपये से 200 रूपये प्रति माह तक करना होगा। पात्रता मापदण्डों में लघु और सीमांत किसानों के लिए 18 से 40 वर्ष के बीच प्रवेश आयु तथा संबंधित राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश के भूमि रिकॉर्ड के अनुसार 2 हेक्टेयर तक खेती योग्य भूमि तथा आधार कार्ड, बचत बैंक खाता एवं पीएम किसान खाता होना अनिवार्य है। किसान अधिक जानकारी के लिए कृषि विभाग के विकास खण्ड कार्यालयों में संपर्क करें। 

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अन्तर्गत ऑनलाईन प्रशिक्षण प्रारंभ

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अन्तर्गत उद्यमिता विकास के तहत ऑनलाईन प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है। ऑनलाईन उद्यमिता विकास प्रशिक्षण के अन्तर्गत हितग्राही मोबाईल एप के माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना के अन्तर्गत लाभांवित हो रहे हितग्राही अपने मोबाईल पर पीएमईजीपी ई-पोर्टल के माध्यम से एक्सेस कर सकते हैं। इसके लिएू www.kviconline.gov.in या www.kvic.org.in तथा www.kvic.udhami.org.in तथा Play store पर जाकर "udhyami" app के माध्यम से एक्सेस कर प्रशिक्षण प्राप्त किया जा सकता है। प्रशिक्षण उपरांत प्रमाण पत्र एवं मूल्यांकन पत्र पोर्टल पर प्रदर्शित होगा। 

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