पटना, 20 मार्च। बीस मार्च को विधानसभा पटना में प्रदर्शन करना था जो कोरोना वायरस के कारण बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ एक्टू राज्य महासचिव सरोज चौबे ने कानून का पालन करते हुए कार्यक्रम रद्द कर दी गई और सभी रसोइया बहनों को इस पर जागरूक होने की बात कही ।बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ की महासचिव सरोज चौबे ने कहा कि शुक्रवार 20 मार्च को बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ का प्रर्दशन स्थगित करने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के कार्यालय में जाकर 14 सूत्री ज्ञापन सौंपा गया। बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ की महासचिव सरोज चौबे ने कहा कि 14 सूत्री ज्ञापन में रसोइयों को सरकारी कर्मचारी घोषित करने,मानदेय 21000 रुपया करने, रसोइयों के बीच मुफ्त मास्क व सैनिटाइजर का वितरण करने,साल में 10 महीने के बदले 12 महीने मानदेय का भुगतान करने,हड़ताल अवधि का वेतन का भुगतान करने,महिला रसोइयों को दो जोड़ा सूती साड़ी ,पेटीकोट , ब्लाउज प्रदान करने तथा मातृत्व अवकाश व विशेष अवकाश को सुविधा देने आदि की मांग शामिल है। उन्होंने कहा कि आज 20 मार्च को रसोइया संघ का राज्य स्तरीय प्रदर्शन आयोजित था लेकिन कोरोना वायरस की वजह से प्रदर्शन स्थगित कर दिया गया है। आज संघ की तरफ से जिला मुख्यालयों पर भी जिला अधिकारियों के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया।पटना में मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, शिक्षा विभाग के अपर सचिव व एमडीएम कार्यालय में मांग-पत्र सौंपा गया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार वह राज्य सरकार रसोइयों के ऊपर लगातार काम का बोझ बढ़ाती जा रही है लेकिन उनके मानदेय में यथोचित बढ़ोतरी नहीं कर रही है । पड़ोसी प्रदेश झारखंड सरकार ने मौजूदा बजट में रसोइयों को 2000 मानदेय देने का प्रावधान किया है लेकिन बिहार में रसोइयों को लंबी हड़ताल के बाद भी महज 15 सौ रुपए देने का प्रावधान किया गया जबकि केंद्र अपने हिस्से का अपने 6 साल के कार्यकाल में एक पैसा भी नहीं बढ़ाया। इसीलिए रसोइयों में भारी आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने धमकी दी है कि यदि सरकार के द्वारा उनकी मांगे नहीं मानी गई तो संघ आगे आंदोलन करने को बाध्य होगा।
शुक्रवार, 20 मार्च 2020
बिहार : नीतीश के कार्यालय में जाकर 14 सूत्री ज्ञापन सौंपा गया
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