नयी दिल्ली 14 मार्च, निजी क्षेत्र के यस बैंक पर रिजर्व बैंक की ओर से लगाई गई रोक 18 मार्च को हट जाएगी। सरकार ने शनिवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक प्रशांत कुमार की अगुवाई वाला निदेशक मंडल इस महीने के अंत तक पदभार संभाल लेगा। सरकार ने शुक्रवार को देर शाम यस बैंक पुनर्गठन योजना 2020 को अधिसूचित किया था। योजना के तहत एसबीआई तीन साल तक यस बैंक में अपनी हिस्सेदारी को 26 प्रतिशत से कम नहीं कर सकेगा। वहीं अन्य निवेशक और मौजूदा शेयरधारकों को यस बैंक में अपने 75 प्रतिशत निवेश को तीन साल तक कायम रखना होगा। हालांकि, 100 से कम शेयरधारकों के लिए इस तरह की कोई रोक या लॉक इन की अवधि नहीं होगी। कुमार के अलावा यस बैंक के पुनर्गठित बोर्ड में सुनील मेहता (पीएनबी के पूर्व गैर कार्यकारी चेयरमैन) निदेशक मंडल में गैर कार्यकारी चेयरमैन होंगे। वहीं महेश कृष्णमूर्ति और अतुल भेदा बोर्ड में गैर कार्यकारी निदेशक होंगे। गजट अधिसूचना में बताया गया कि यस बैंक पुनर्गठन योजना 13 मार्च, 2020 से प्रभावी होगी।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पांच मार्च को यस बैंक पर रोक लगा दी थी। बैंक के प्रत्येक जमाकर्ता के लिए तीन अप्रैल तक निकासी की अधिकतम सीमा 50,000 रुपये तय की गई थी। रिजर्व बैंक ने संकटग्रस्त निजी क्षेत्र के बैंक के निदेशक मंडल को भंग कर दिया था और प्रशांत कुमार को बैंक का प्रशासक नियुक्त किया था।अधिसूचना में कहा गया, “पुनर्गठित बैंक पर सरकार द्वारा जारी रोक का आदेश इस योजना के आरंभ की तिथि से तीसरे काम-काजी दिवस को शाम छह बजे से अप्रभावी हो जाएगा।’’ पुनर्गठित बैंक के प्रशासक का कार्यालय रोक हटने के सात कैलेंडर दिवस के बाद बंद हो जाएगा। और बैंक के नए निदेशक मंडल का पुनर्गठन किया जाएगा। भारतीय स्टेट बैंक नवगठित बोर्ड में दो निदेशक मनोनीत करेगा। रिजर्व बैंक बोर्ड में एक या अधिक अतिरिक्त निदेशक नियुक्त कर सकता है।एसबीआई के अलावा कोई अन्य निवेशक जिसका मतदान का अधिकार 15 प्रतिशत है, वह यस बैंक के बोर्ड में एक निदेशक मनोनीत कर सकता है। आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी लि., एक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और बंधन बैंक भी एसबीआई की अगुवाई वाले गठजोड़ में शामिल होंगे और यस बैंक में निवेश करेंगे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें