नयी दिल्ली 21 मार्च, सरकार ने देश में इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से संशोधित इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण क्लस्टर (ईएमसी 2.0 ) स्कीम को मंजूरी देते हुये इसके लिए 3762.25 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को यहां हुयी मंत्रिमंडल की बैठक में यह मंजूरी दी गयी। इलेक्ट्रानिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शनिवार को यहां संवाददाताओं को यह जानकारी देते हुये कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर के माध्यम से विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ कॉमन सुविधायें उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इस स्कीम को संशोधित किया गया है। उन्होंने कहा कि इन क्लस्टरों से ईएसडीएम क्षेत्र की वृद्धि को बल मिलेगा और देश में उद्यमशीलमा तंत्र के विकास में मदद करेगा। इन्नोवेशन को बढ़ावा मिलेगा। संबंधित क्षेत्रों में निवेश आने से उस क्षेत्र का विकास होगा और रोजगार के अवसर सृजित होने के साथ ही कर राजस्व में भी बढोतरी होगी। उन्होंने कहा कि इस स्कीम से इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण क्लस्टर और कॉमन सुविधा केन्द्र दोंनो को स्थापित करने में मदद मिलेगी। इस ईएमसी 2.0 स्कीम के लिए 3762.25 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसमें से 3725 करोड़ रुपये वित्तीय सहायता के लिए और 37.25 करोड़ रुपये प्रशासनिक एवं प्रबंधन व्यय के लिए होगा। यह रािश आठ वर्षों के लिए होगी। श्री प्रसाद ने कहा कि इस स्कीम से इलेक्ट्रानिक उद्योग में निवेश आकर्षित करने के लिए बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में मदद मिलेगी। इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेगें। इस स्कीम के तहत तैयार इंफ्रास्ट्रक्चर उप्लब्ध होगा और इलेक्ट्रानिक क्षेत्र में निवेश के लिए प्लग एंड प्ले की सुविधा मिलेगी। नये निवेश आयेंगे। विनिर्माण संयंत्रों द्वारा रोजगार के अवसर सृजित किये जायेंगे। उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने अक्टूबर 2017 तक आवेदन करने वालों के लिए इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण क्लस्टर स्कीम की शुरूआत की थी जो अक्टूबर 2020 तक पांच वर्ष की अवधि के लिए था। इस अवधि में अनुमोदित परियोजनाओं के लिए यह फंड उपलब्ध होगा। इस योजना के तहत 3898 करोड़ रुपये की लागत से 20 ग्रीनफील्ड ईएमसी और तीन कॉमन सुविधा केन्द्र बनाये जायेंगे जिसमें 1577 करोड़ रुपये की सरकारी सहायता भी शामिल है। श्री प्रसाद ने कहा कि देश में इस तरह के इलेक्ट्रानिक वैल्यू चेन को मजबूत बनाने के लिए इस स्कीम को जारी रखने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2014-15 में देश में इलेक्ट्रानिक्स उत्पादन 190366 करोड़ रुपये था जो वर्ष 2018-19 में बढ़कर 458006 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इसमें 25 फीसदी की वार्षिक बढोतरी होगी। इसके साथ ही वैश्विक इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण में भारत की हिस्सेदारी 2012 के 1.3 प्रतिशत से बढ़कर 3.0 प्रतिशत हो गयी है।
रविवार, 22 मार्च 2020
संशोधित इलेक्ट्राेनिक्स विनिर्माण क्लस्टर योजना को मंजूरी
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