नयी दिल्ली, 13 मार्च, दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर सहित सात लोगों को 10-10 साल कैद की सजा सुनायी। जिला एवं सत्र न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने चार मार्च को उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले की दुष्कर्म पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में आरोपी सेंगर और छह अन्य को दोषी ठहराया था। सेंगर नाबालिग लड़की का वर्ष 2017 में अपहरण करने और दुष्कर्म करने का दोषी ठहराया गया है। अदालत ने अंतिम सुनवाई के बाद पिछले साल 20 दिसंबर को नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में सेंगर को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी। पीड़िता के पिता की नौ अप्रैल 2018 में पुलिस हिरासत में मौत हो गयी थी और अभियोजन पक्ष ने कैमरे के सामने हुई कार्यवाही के दौरान करीब अभियोजन पक्ष के 55 और बचाव में नौ गवाहों का पक्ष सुना। उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर इस मामले की सुनवाई के लिए पिछले साल यह मामला उत्तर प्रदेश से दिल्ली की तीस हजारी अदालत में स्थानांतरित किया गया। निचली अदालत में इस मामले में सेंगर, उनके भाई, पुलिस थाना प्रभारी अशोक सिंह भदौरिया, सब-इंस्पेक्टर कामता प्रसाद, कांस्टेबल आमिर खान और कई अन्य लोगों के खिलाफ आरोप तय किए। अदालत ने प्रशासन को इस मामले में पीड़िता के साथ-साथ गवाहों को सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया है। श्री शर्मा ने 20 दिसंबर को नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने और हाल ही में उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित करने के लिए सेंगर दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सेंगर के अधिवक्ता ने अदालत से नरमी बरतने का अनुरोध किया जबकि अभियोजन पक्ष के वकील ने बचाव पक्ष आग्रह का विरोध किया। अदालत ने सेंगर और उसके भाई अतुल सेंगर को पीड़िता के परिवार को 10-10 लाख रुपये का भुगतान करने का भी निर्देश दिया।
शुक्रवार, 13 मार्च 2020
उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के पिता की हत्या मामले में सेंगर को दस साल की सजा
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