नयी दिल्ली 21 मार्च, सरकार ने कोरोना विषाणु से अंतराष्ट्रीय पर आपूर्ति श्रृंखला टूटने का लाभ उठाने के प्रयासों के तहत 13,760 करोड़ रुपए की वित्तीय मदद से देश को औषधि और चिकित्सा उपकरणों के विशेष औद्योगिकी केंद्र बनाने का फैसला किया है जिससे 20 लाख रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता शुक्रवार को यहां हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में देश में तीन पार्क बल्क ड्रग पार्क और चार मेडिकल चिकित्सा उपकरण पार्क स्थापित के फैसले का अनुमोदन कर दिया। बैठक के बाद शनिवार को सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और रसायन एवं उवर्रक राज्य मंत्री मनसुख मांडविया ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि बल्क ड्रग पार्क स्थापित करने के लिए अगले पांच साल में 3000 करोड़ रुपए की मदद दी जाएगी। प्रत्येक पार्क के लिए 1000 करोड़ रुपए होंगे। इन पार्कों में प्राथमिक एवं गौण औषधि तत्व निर्मित करने वाले उद्याेग स्थापित किये जाएगें। इनमें स्थापित होने वाले उद्याेगों को अगले आठ वर्ष तक 6940 करोड़ रुपए की छूट मिलेगी। यह योजना उत्पादन आधारित होगी और इसमें घरेलू और विदेश कंपनियां शामिल हो सकेंगी। इन पार्कों की स्थापना राज्यों के सहयोग से होगी। इनके लिए 53 बल्क ड्रग की पहचान की गयी है। इससे विदेशों से दवाओं की निर्भरता में कमी आयेगी। उन्होंने बताया कि एक पार्क कम से कम एक हजार एकड़ भूमि पर स्थापित किया जाएगा। श्री मांडविया ने बताया कि इसी तर्ज पर देश में चार मेडिकल उपकरण पार्क स्थापित करने के लिए 400 करोड़ रुपए की वित्तीय मदद दी जाएगी। प्रत्येक पार्क को 100 करोड़ रुपए की मदद दी जाएगी। इनमें स्थापित होने वाले उद्योगों को अगले पांच साल में 3420 करोड़ रुपए की मदद दी जाएगी। देश में चिकित्सा उपकरण निर्मित हो रहा है और अगले साल इसके 86 हजार 840 करोड़ रुपए हो जाएगा। श्री प्रसाद ने कहा कि सरकार के इन फैसलों से प्रत्यक्ष रुप से 20 लाख रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
रविवार, 22 मार्च 2020
बल्क ड्रग और मेडिकल उपकरण पार्क बनेंगे देश में
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