लखनऊ, नौ मार्च, दिल्ली के शाहीनबाग की तर्ज पर लखनऊ के घंटाघर पर संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन कर रही महिलाओं में से एक की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गयी है। सीएए के विरोध में घंटाघर परिसर में 17 दिसम्बर, 2019 से जारी प्रदर्शन का समर्थन कर रहे 'रिहाई मंच' के महासचिव राजीव यादव ने सोमवार को बताया कि प्रदर्शन में शामिल करीब 50 वर्षीय महिला फरीदा की सात मार्च को मौत हो गयी। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनस्थल पर तम्बू नहीं लगे होने के कारण फरीदा पिछले दिनों बारिश में भीग गयी थी, जिससे उसकी तबियत खराब हो गयी। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गयी। पिछले महीने ऐसी ही परिस्थितियों में तय्यबा (20) नामक लड़की की भी तबीयत खराब होने से मौत हो गयी थी। यादव ने आरोप लगाया कि यह प्रदर्शन कड़ाके की सर्दी से शुरू होकर अभी तक जारी है। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को मौसम की मार से बचने के लिये तम्बू तक नहीं लगाने दिया। लखनऊ के संयुक्त पुलिस आयुक्त नवनीत अरोरा ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा कि प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन के लिये इजाजत नहीं ली है, लिहाजा उन्हें तम्बू लगाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। यह प्रदर्शन धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा का खुला उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि जहां तक पिछले दिनों एक महिला प्रदर्शनकारी की मौत का सवाल है तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक उसकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है।
सोमवार, 9 मार्च 2020
सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रही महिला की मौत
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