- राजद, कांग्रेस सहित वाम दलोें तथा शाहीनबाग के प्रतिनिधियों को भी किया गया है आमंत्रित
- गोष्ठी में भाग लेने के लिए भाकपा-माले महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य पहुंचे पटना
- भारतीय नृत्य कला मंदिर में होगा आयोजन.
पटना 4 मार्च, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि सीएए-एनआरसी-एनपीआर विरोधी आंदोलनों ने अपना एक चरण पूरा कर लिया है. जनांदोलनों के दबाव में बिहार विधानसभा से एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव पारित करना पड़ा है. एनपीआर को लेकर नीतीश कुमार ने दांव खेला है. इसे पूरी तरह खारिज करने की बजाए 2010 के फार्मेट पर एनपीआर करने का प्रस्ताव विधानसभा से पारित किया है. वहीं, सीएए पर उन्होंने एक बार फिर चुप्पी साध ली है. यह आंदोलन की बड़ी लेकिन आंशिक जीत है. फिर भी, सीएए-एनआरसी-एनपीआर के एकीकृत संघी प्रोजेक्ट को संपूर्णता में खारिज करने का सवाल अभी भी बना हुआ है. इसी उद्देश्य ये हमारी पार्टी और इंसाफ मंच ने 5 मार्च को सीएए-एनआरसी-एनपीआर विरोधी आंदोलन, दिल्ली में राज्य प्रायोजित हिंसा से उत्पन्न स्थिति और आगामी कार्यभार विषय पर भारतीय नृत्य कला मंदिर में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया है. आयोजन के मुख्य वक्ता भाकपा-माले महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य आज पटना पहुंच गए. उनके अलावा प्रख्यात साहित्यकार प्रेम कुमार मणि, सीपीआईएम की केंद्रीय कमिटी के सदस्य काॅ. अरूण कुमार मिश्रा, सीपीआई के राज्य कार्यकारिणी के सदस्य काॅ. रवीन्द्र नाथ राय, एएन सिन्हा इंस्ट्ीच्यूट के पूर्व निदेशक श्री डीएम दिवाकर, प्रख्यात शिक्षाविद् व एआईपीएफ के पटना के संयोजक मो. गालिब, ऐपवा की महासचिव व आधी जमीन की संपादक काॅ. मीना तिवारी, सामाजिक कार्यकर्ता श्री रूपेश, लोकतांत्रिक जन पहल की श्रीमति कंचलनाबाला, दलित चिंतक श्री हरकेश्वर राम, पीयूसीएल के बिहार सचिव मो. सरफराज आदि वक्ता होंगे. इन वक्ताओं के अलावा राजद, कांग्रेस, हम-से, रालोसपा, वीआईपी, एनसीपी, एसयूसीआईसी, फारवर्ड ब्लाॅक, आरएसपी तथ अन्य वाम दलों को भी आमंत्रित किया गया है. बिहार में चल रहे विभिन्न शाहीनबाग के प्रतिनिधियों, बुद्धिजीवियों और आम नागरिकों को भी आमंत्रित किया गया है.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें