नयी दिल्ली, 19 मार्च, दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार देर रात हाईवोल्टेज ड्रामा के बाद निर्भया सामूहिक दुष्कर्म एवं हत्याकांड के गुनहगारों की निचली अदालत के फैसले के खिलाफ अपील खारिज कर दी। न्यायमूर्ति मनमोहन एवं न्यायमूर्ति संजीव नरुला की खंडपीठ ने देर रात हुई सुनवाई के दौरान चार में से तीन गुनहगारों –पवन, विनय एवं अक्षय की निचली अदालत के जज धर्मेंद्र राणा के आज के फैसले के खिलाफ अपील खारिज कर दी। न्यायालय ने कहा कि याचिका में कोई तथ्य नजर नहीं आता जिससे की मृत्युदंड पर रोक लगाने का आदेश दिया जा सके। खंडपीठ ने याचिकाकर्ताओं के वकील ए पी सिंह को कड़ी फटकार लगायी और कहा कि अब गुनहगारों को भगवान के घर जाने का समय नजदीक आ गया है। न्यायमूर्ति मनमोहन ने कहा, “अब आपका (भगवान) के घर जाने का समय नजदीक आ गया है। हमारा समय मत खराब कीजिए।” गौरतलब है कि उच्च न्यायालय के आदेश सुनाने के बीच ही शम्स ख्वाजा नामक वकील दोषियों की ओर से पेश हुए और उन्होंने राष्ट्रपति द्वारा दया याचिकाएं खारिज किये जाने को लेकर उनकी निष्पक्षता पर सवाल खड़े करने लगे। न्यायालय ने याचिका खारिज करने का मौखिक आदेश देने के बावजूद श्री ख्वाजा की दलीलें सुनीं और देर तक आधिकारिक आदेश रुका रहा। अंतत: न्यायालय ने कुछ देर बाद उन्हें सुनने के बाद फिर से याचिका खारिज होने का आदेश लिखवाया।
शुक्रवार, 20 मार्च 2020
हाईवाेल्टेज ड्रामा के बाद हाईकोर्ट ने खारिज की निर्भया के गुनहगारों की याचिका
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