नयी दिल्ली, 11 मार्च, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा है कि दिल्ली में हुई हिंसा सोची-समझी रणनीति का हिस्सा थी और इसमें कट्टरपंथियों का खुला ‘नाच’ हुआ है, इसलिए यह देखने की जरूरत है कि इस हिंसा को फैलाने की साजिश कहां से रची गयी। लोकसभा में बुधवार को दिल्ली हिंसा पर नियम 193 के तहत चर्चा में हिस्सा लेते हुए भाजपा की मीनाक्षी लेखी ने कहा कि यह हिंसा सोची-समझी साजिश थी। यही वजह है कि घरों की छतों पर ईंट-पत्थर एकत्र किए गये थे और गुलेल के माध्यम से दूसरे समुदाय के लोगों पर पत्थर बरसाए जा रहे थे और उनके घरों को गुलेल से पेट्रोल बम फेंककर जलाया जा रहा था। उन्होंने कहा कि दिल्ली में माहौल बिगड़ना पिछले वर्ष 14 दिसम्बर से शुरू हुआ जब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने यहां रामलीला मैदान की रैली में कहा कि नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) के खिलाफ आरपार की लड़ाई लड़नी है। इसके बाद दिल्ली में लोग शाहीन बाग में धरने पर बैठ गये। देश के कई इलाकों में उपद्रव हुआ। दिल्ली में भी लोग सड़कों पर उतर आए। श्रीमती लेखी ने कहा कि दिल्ली हिंसा के दौरान अंकित शर्मा की जिस तरह से हत्या हुई है, वह कट्टरपंथ का चरम है। उनके शरीर पर चाकू के 400 निशान थे। इस तरह की हरकत सिर्फ कट्टरपंथी ही कर सकते हैं। देश में यह कट्टरपंथ कौन फैला रहा है, इस पर चर्चा होनी चाहिए। इन दंगों में 51 लोगों की मौत हुई है और दंगों में घायल 500 लोगों का इलाज चल रहा है। उन्होंने कहा कि देश में सबसे ज्यादा दंगे कांग्रेस के शासनकाल में हुए हैं। देश में आजादी के बाद से अब तक कुल 1001 दंगे हुए हैं जिनमें 871 यानी 73 प्रतिशत दंगे कांग्रेस के शासनकाल में हुए हैं। पंडित जवाहर लाल नेहरू के शासन काल में ही 243 दंगे हुए थे।
बुधवार, 11 मार्च 2020
सोची-समझी रणनीति के तहत हुई दिल्ली की हिंसा : भाजपा
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