कुपोषण एक बड़ी समस्या है, जिसे दूर करने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है, ताकि बच्चे कुपोषण के शिकार न हो. इसी को लेकर चाईबासा जिला प्रशासन कुपोषण उपचार केंद्र में ही पोषक लड्डू बनाकर आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों के बीच वितरण करने की पहल शुरू की है.
चाईबासा (आर्यावर्त संवाददाता) : पश्चिम सिंहभूम जिले में कुपोषण की समस्या को दूर करने के लिए जिला प्रशासन ने पहल शुरू कर दी है. जिला प्रशासन की ओर से कुपोषण उपचार केंद्र में ही पोषक लड्डू बनाकर आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों के बीच वितरण करने की शुरुआत की गई है. इस मौके पर उपायुक्त आरवा राजकमल ने कहा कि जिले में कुपोषण एक बहुत बड़ी समस्या है, जिससे निजात पाने के लिए स्वयं सहायता समूह के दीदियों की मदद से जिले के सदर अस्पताल के कुपोषण उपचार केंद्र में ही पोषक लड्डू बनाए गए, जिसे आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों के बीच वितरण किया गया है. उन्होंने कहा कि सदर प्रखंड अंतर्गत 10 ऐसे आंगनबाड़ी केंद्र हैं जो पूर्ण रूप से सुविधाओं से परिपूर्ण है. वहां पर सरकार की ओर से दी जा रही सुविधाओं की मुकम्मल व्यवस्था सुनिश्चित है उप विकास आयुक्त आदित्य रंजन ने बताया कि प्रथम चरण में जिले के सभी मॉडल आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों के बीच पोषक लड्डू का वितरण किया जाएगा. फिलहाल सदर प्रखंड के 10 आंगनबाड़ी केंद्रों में इसे प्रायोगिक तौर पर शुरू किया गया है. उन्होंने कहा कि इन आंगनबाड़ी केंद्रों को सेवाओं के दृष्टिकोण से आदर्श आंगनवाड़ी केंद्र में बदला जाएगा और अभी तक जितने भी आंगनवाड़ी केंद्र को मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र के रूप में विकसित किया गया हैं उन सभी में आदर्श मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाई गई है. उप विकास आयुक्त ने कहा कि इन 10 मॉडल आंगनबाड़ी केंद्रों में शौचालय तक जल की व्यवस्था नल के माध्यम से होगी. इन केंद्रों में बच्चों और धात्री माताओं के सभी सुविधाओं को उन तक पहुंचाने के लिए लगातार मॉनिटरिंग की जाएगी. बता दें कि इन आंगनबाड़ी केंद्रों में 544 बच्चे और 7 धात्री माताएं है. न्यूट्रिशन लड्डू देने के बाद बच्चों की स्थिति और माताओं की स्थिति में क्या बदलाव आता है इसका अध्ययन भी किया जाएगा. अगर बदलाव सकारात्मक रहा तो इसे पूरे जिले में लागू किया जाएगा
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