नयी दिल्ली 12 मार्च, गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली के दंगों के लिए ‘नफरत भरे भाषणों ’ और विदेशों से आये ‘हवाला धन’ को जिम्मेदार ठहराते हुए आज स्पष्ट किया कि इनमें दोषी पाये जाने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जायेगा चाहे वह किसी भी जाति, धर्म या पार्टी का हो। नागिरकता संशोधन विधेयक (सीएए) और नागरिकता रजिस्टर (एनपीआर) को लेकर भी सफाई देते हुए उन्होंने आश्वासन दिया कि नागरिकों से किसी तरह का कोई दस्तावेज नहीं मांगा जायेगा और इसमेें जानकारी देना वैकल्पिक होगा तथा जानकारी नहीं देने पर भी किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जायेगी। उन्हें संदेहास्पद नागरिक यानी (डी) श्रेणी में नहीं रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि सीएए से किसी की भी नागरिकता नहीं जायेगी क्योंकि यह नागरिकता छीनने नहीं बल्कि देने का विधेयक है। राज्यसभा में दिल्ली के दंगों पर तीन घंटे से भी अधिक समय तक हुई चर्चा का जवाब देते हुए श्री शाह ने कहा कि दंगा फैलाना भारतीय जनता पार्टी की फितरत नहीं है और इसे उनकी पार्टी और उसकी विचारधारा से नहीं जोड़ा जाना चाहिए क्योंकि अब तक देश में जितने भी दंगे हुए हैं उनसे ज्यादातर कांग्रेस के शासन में हुए हैं। इन दंगों में अब तक देश में मारे जाने वाले कुल लोगों में से 76 प्रतिशत कांग्रेस के शासन काल में मारे गये हैं। उन्होंने कहा कि दंगों के दोषियों का पता लगाने के लिए वैज्ञानिक तथा पारदर्शी तरीके से प्रमाण जुटाये जायेंगे और दोषियों को पाताल से भी खोजकर अदालत के सामने खड़ा किया जायेगा। उन्होंने कहा कि दंगा करने वालों और कराने वालों दोनों को बख्शा नहीं जायेगा चाहे वे किसी भी जाति, धर्म या पार्टी के हों। सरकार तब तक चैन से नहीं बैठेगी जब तक इनकेे मन में हमेशा के लिए भय पैदा न हो जाये और भविष्य में वे इसके परिणाम याद रखें।
शुक्रवार, 13 मार्च 2020
दोषी कोई भी हो बख्शा नहीं जायेगा, एनपीआर से नहीं जायेगी नागरिकता : शाह
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