पटना (आर्यावर्त संवाददाता) कोरोना को रोकने के लिए सरकार ने देशभर में 21 दिनों का लॉक डाउन किया है। लेकिन, यह काफी नहीं है क्योंकि विदेश से लौटे करीब 15 लाख लोगों की ठीक तरह से जांच नहीं हुई तो वहीं कई लोग निगरानी में भी नहीं हैं। उक्त बातें कैबिनेट सेक्रेटरी राजीव काबा की चिट्ठी से हुआ है, जो कि उन्होंने सभी राज्यों के मुख्य सचिव को लिखा है। राज्यों के मुख्य सचिव को पत्र लिखते हुए राजीव गाबा कहते हैं कि अधिकांश कोरोना वायरस वाले लोग विदेश यात्रा से लौटे हैं, इसलिए जितने भी लोग विदेश से दौरा करके आए हैं, उनको आइसोलेट किया जाए और उनकी जांच की जाए। राजीव गाबा के पत्र को गंभीरता से लेते हुए बिहार सरकार के मुख्य सचिव ने कहा कि विदेश से लौटे सभी लोगों की जांच की जायेगी। फिलहाल सभी को कोरेंटाइन में रखा गया है। कल से इन लोगों की जांच शुरू की जायेगी। तथा विदेश से बिहार आने वाले हर शख्स की जांच की जाएगी। वहीं लॉक डाउन के दौरान जो लोग पैदल बिहार आ रहे हैं, उनको गाड़ी से बिहार लाने के सवाल पर मुख्य सचिव ने कहा कि जैसा केंद्र सरकार का आदेश होगा वैसा करेंगे। लेकिन, बेहतर होता कि सभी को वहीं रखा जाता। मालूम हो कि लॉक डाउन की वजह से दिहाड़ी मजदूर पैदल ही दिल्ली से बिहार के लिए निकल पड़े हैं। वे सारे अभी आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर हैं। फंसे लोगों को घर पहुँचाने के लिए योगी सरकार ने 1000 बसों की व्यवस्था कर दी है तथा सभी को घर तक छोड़ा जाएगा।
शनिवार, 28 मार्च 2020
बिहार : विदेश से बिहार आने वाले सभी लोगों की होगी जांच
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