नयी दिल्ली 03 मार्च, केंद्रीय भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उपक्रम मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शिक्षा पर जाेर देते हुए मंगलवार को कहा कि सरकार गांवों में आम लोगों के दरवाजे तक पहुंच रही है। श्री जावड़ेकर ने यहां ‘आकांक्षी जिलों का परिवर्तन- सीएसपीई की सीएसआर पहल’ कार्यशाला के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि विकास के शिक्षा का महत्वपूर्ण योगदान होता है। इसके कारण ही वास्तविक विकास होता है। उन्होंने सरकार की उज्जवला, जनधन, खुले में शौच से मुक्त भारत, पोषण अभियान तथा अन्य कल्याणकारी योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार गांवों में आम लोगों के दरवाजों पर पहुंच रही है। लोगों के जीवन में गुणात्मक सुधार आ रहा है और उनका भविष्य बेहतर हो रहा है। उन्होंने कहा कि देश का पश्चिमी हिस्सा ज्यादा विकसित है जबकि पूर्वी हिस्सा पिछड़ गया है। सरकार ने इसी को देखते हुए आकांक्षी जिला योजना शुरू की है। कुल 112 आकांक्षी जिलों में से ज्यादतर पूर्वी राज्यों में हैं। इन जिलों पर सरकार ज्यादा ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि इसी को देखते हुए कार्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के तहत व्यय की जाने वाली कुल राशि का 60 प्रतिशत हिस्सा इन्हीं जिलों में खर्च करना अनिवार्य किया गया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कार्पोरेट को ये राशि शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण पर खर्च करनी चाहिए। किसी भी क्षेत्र के विकास में शिक्षा का महत्वपूर्ण स्थान है। शिक्षा न केवल व्यक्ति को सशक्त बनाती है बल्कि समाज को जागरुक करती है। सीएसआर करने वाली कंपनियों को व्यय की बेहतर निगरानी करनी चाहिए। इससे वास्तविक लाभ मिल सकेगा।
इस अवसर पर सार्वजनिक उपक्रम विभाग के अवर सचिव राजेश कुमार भी मौजूद थे।
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