- पुरानी परंपरा 'होलइया' का किया गया आयोजन
जमशेदपुर के घाघीडीह सेंट्रल जेल में जेलकर्मियों ने फुलों से होली मनायी. इस दौरान होलइया का आयोजन किया गया. जेल के अधीक्षक ने बताया कि होलइया पुरानी परंपरा है जो आजकल देखने और सुनने को नहीं मिलती.
जमशेदपुर (आर्यावर्त संवाददाता) घाघीडीह स्थित सेंट्रल जेल के कर्मियों ने जेल परिसर में बंदियों के उगाए गए फूलों से होली उत्सव मनाया. होली उत्सव में घाघीडीह सेंट्रल जेल के अधीक्षक जेलर और जेल कर्मियों ने एक दूसरे पर फूल बरसा कर होली का आनंद लिया. वहीं, इस उत्सव में होली में पुरानी परंपरा होलइया का आयोजन किया गया जिसमें ढोलक झाल बजाकर होली के गीतों पर जेलकर्मियों ने जमकर आनंद लिया. इस आयोजन में जेलकर्मी के परिवार वाले भी शामिल हुए. मौके पर जेल अधीक्षक और जेलर ने भी होलइया का आनंद लिया. घाघीडीह सेंट्रल जेल के अधीक्षक सत्येंद्र चौधरी ने बताया कि आज के दिनों में डीजे और टेप के गीतों पर लोग होली मना रहे हैं जबकि होली में होलइया पुरानी परंपरा है जो लुप्त होती जा रही है. आज यह देखने और सुनने को नहीं मिलता. इस परंपरा को बरकरार रखने के लिए होलइया का आयोजन किया गया. उन्होंने बताया कि हमारे देश में धार्मिक स्थल पर फूलों से होली खेली जाती है और वर्तमान में कोरोना वायरस को देखते हुए जेल में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध फूलों से होली मनायी गई.
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