नयी दिल्ली, 30 मार्च, मणिपाल समूह की कंपनी ने कोरोना वायरस ‘काेविड-19’ के संदिग्धों के घर पर अलग रखे जाने (होम क्वारंटाइन) की लोकेशन का पता लगाने की सेल्फी आधारित कृत्रिम बौद्धिकता तकनीक विकसित की है। देश भर में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से वृद्धि के साथ होम क्वारंटीन ट्रैकिंग सिस्टम (एचक्यूटीएस) एक महत्वपूर्ण आवश्यकता बन गयी है। मणिपाल समूह की कंपनी विजना लैब्स ने सेल्फी-आधारित चेहरे की पहचान और व्यक्ति की वास्तविक स्थिति का पता लगाने के लिए एक मोबाइल ऐप ट्रैकिंग आधारित तकनीक विकसित की है। महाराष्ट्र की पुणे पुलिस ने इस ऐप का उपयोग होम क्वारंटीन में रह रहे लोगों की स्थिति का पता लगाने के लिए सफलतापूर्वक किया है। विजना लैब्स के सह-संस्थापक डॉ मुरली कोटा के अनुसार यह ट्रैकिं ग सिस्टम किसी व्यक्ति को अपना नाम, फोन नंबर, सेल्फी और अन्य प्रासंगिक जानकारी के साथ खुद को पंजीकृत करने में सक्षम बनाता है। इसके आधार पर कोई भी व्यक्ति ऐप का उपयोग करके अपना पंजीकरण विवरण अपलोड करता है, जिसके बाद मौजूदा व्यक्तियों की वर्तमान मास्टर सूची के अनुरूप उसका सत्यापन किया जाता है। इस बारे में दर्ज किए गए विवरण के पूरी तरह सत्यापित किए जाने के बाद ऐप स्वचालित रूप से सक्रिय हो जाता है और स्थान टैगिंग के साथ सेल्फी के रूप में ऐसा व्यक्ति अपनी क्वारंटीन उपस्थिति अपलोड कर सकता है। इसके बाद यह जानकारी एक निजी क्लाउड आधारित कृत्रिम बौद्धिकता आधारित सर्वर को भेजी जाती है, जो पंजीकृत व्यक्ति की दी गई जानकारी, वास्तविक समय में चेहरे और भौगालिक स्थिति संबंधी जानकारी का विश्लेषण करती है। जब डेटाबेस रिकॉर्ड के आंकडों के पंजीकृत व्यक्ति का चेहरा और स्थान डेटा मेल खाते हैं, तो इस उपस्थिति रिकॉर्ड को लाइव डैशबोर्ड में सहेज कर रख लिया जाता है। यदि चेहरा या स्थान डेटा डेटाबेस के रिकॉर्ड से मेल नहीं खाता है, तो अधिकारियों के लिए घर पर क्वारंटीन नियमों के गैर-अनुपालन के लिए उचित कार्रवाई करने के लिए एक वास्तविक समय चेतावनी शुरू हो जाती है। इस तरह के एक प्रमाणीकरण और ट्रैकिंग तंत्र को संबद्ध पीड़ित की आवश्यकता के अनुसार जारी रखी जा सकता है। विजना लैब्स के प्रमोटर गौतम पई के अनुसार यह भारत में घर पर निगरानी में रखे कोरोना वायरस संदिग्धों की स्थिति का पता लगाने के लिए एक सबसे उन्नत ऐप है। हमने नवीनतम तकनीक को उपयोगकर्ता के अनुकूल तरीके से एक साथ रखा है। पुणे पुलिस, ने इस ऐप को सबसे प्रभावी पाया है और इसका उपयोग कुशलतापूर्वक घर में निगरानी में रह रहे कोरोना संदिग्धों को ट्रैक करने के लिए किया है। यह एप्लिकेशन उपयोग करने में बहुत आसान है और कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों में सभी राज्य सरकारों के लिए एक वरदान होगा और यह सुनिश्चित करेगा कि भारत इस गंभीर महामारी का मजबूती से मुकाबला करें और प्रभावितों की संख्या कम से कम रहे।
मंगलवार, 31 मार्च 2020
होम क्वारंटीन की लोकेशन देने वाली सेल्फी आधारित तकनीक विकसित
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