एथेंस/टोक्यो, 18 मार्च, अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) टोक्यो ओलंपिक खेलों को 24 जुलाई से नौ अगस्त तक के निर्धारित समय पर कराने के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन उसे वैश्विक महामारी बन चुके कोरोना वायरस के खतरे के बीच ओलंपिक कराने की अपनी प्रतिबद्धता को लेकर कड़े विरोध का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना के कहर से 7500 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और दो लाख से ज्यादा लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं। यूरोप अब इस खतरनाक वायरस का केंद्र बन चुका है। दुनियाभर में फुटबॉल के यूरो 2020 और कोपा अमेरिका तथा फ्रेंच ओपन टेनिस ग्रैंड स्लेम जैसे बड़े टूर्नामेंट स्थगित किए जा चुके हैं। लेकिन आईओसी ने टोक्यो ओलंपिक को रद्द करने या स्थगित करने की संभावना के बारे में सार्वजनिक रुप से अभी तक कुछ नहीं कहा है। आईओसी ने टोक्यो ओलंपिक के आयोजन को लेकर बुधवार को राष्ट्रीय ओलंपिक समितियों के साथ चर्चा की। आईओसी ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय खेल महासंघों के साथ बैठक के बाद कहा था कि कोरोना के खिलाफ उठाए कदमों के परिणाम सामने आ रहे हैं। इस वायरस ने ओलंपिक क्वालीफिकेशन टूर्नामेंटों में कहर बरपाया है जिससे क्वालीफायर या तो रद्द किए गए हैं या फिर स्थगित किए गए हैं। एथलीटों को ट्रेनिंग करने, यात्रा करने और प्रतिस्पर्धा करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जापान के शहर टोक्यो को 11 हजार के करीब एथलीटों की मेजबानी करनी है और 50 फीसदी से ज्यादा एथलीट इन खेलों के लिए क्वालीफाई कर चुके हैं। शेष एथलीटों को क्वालीफिकेशन या रैंकिंग के आधार पर ओलंपिक में प्रवेश मिलना है।
गुरुवार, 19 मार्च 2020
आईओसी प्रतिबद्ध लेकिन उसके खिलाफ गुस्सा भड़का
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