जायसवाल क्लब के तत्वावधान में आयोजित होली मिलन व सम्मान समारोह
वाराणसी (सुरेश गांधी) जायसवाल क्लब के तत्वावधान में नाटी इमली स्थित गणेश मंडपम् में आयोजित होली मिलन समारोह में मेधावियों को सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वालों में समाजसेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रशासनिक अधिकारियों, राजनीतिक, चिकित्सकों, उद्योगपतियों, शिक्षकों, पत्रकारों, लोकगायकों व संगीत कलाकारों सहित छात्र-छात्राएं शामिल है। यह सम्मान सूबे के स्टांप शुल्क, रजिस्टर एवं पंजीयन मंत्री स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री रवीन्द्र जायसवाल ने दी। सम्मानित होने वालों में समाजसेवा व राजनीति के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाले युवा आयुष जायसवाल, 10वीं बोर्ड की परीक्षा में 98 प्रतिशत अंक लाने वाली छात्रा अनन्या जायसवाल, रेलवे के डीआरएम विनय जायसवाल, पुलिस अधीक्षक सुधीर जायसवाल, मार्शल आर्ट कराटे के लिए नंदलाल जायसवाल, चिकित्सक डा राकेश जायसवाल, पत्रकार सुरेश गांधी व मीना जायसवाल, राजेश जायसवाल, संतोष जायसवाल, दिलीप जायसवाल, उपेन्द्र जायसवाल, विनोद गुप्ता के अलावा शासन से पार्षद के लिए मनोनीत युवा प्रतिभा अमित जायसवाल व राकेश जायसवाल शामिल है।
इस मौके पर मुख्य अतिथि श्री रवीन्द्र जायसवाल ने कहा कि इस समारोह के लिए क्लब के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज जायसवाल की टीम बधाई की पात्र है। इस दौरान उन्होंने समाज के लोगों का आह्वान किया कि वे अपने बच्चों को शिक्षित करें, उद्यमी बनाएं लेकिन अपने परिवार के एक सदस्य को राजनीति के क्षेत्र में भी उतारे। उन्होंने राजनीति में ईमानदारी का जिक्र करते हुए कहा कि वे शासन से मिलने वाली वेतन को लेने के बजाय मुख्यमंत्री राहत कोष में भेजते है। उन्होंने समाज के लोगों से मृत्यु भोज यानी तेरही का बहिस्कार करने की अपील करते हुए कहा िकवे शोक में जरुर शामिल हो लेकिन उनके दुखी मन से बनी पूड़ी सब्जी ना खाएं। इस अवसर पर जायसवाल क्लब के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज जायसवाल, प्रदेश अध्यक्ष नंदलाल जायसवाल, गोपाल जायसवाल, जीत जायसवाल, शरद जायसवाल, नीरज जायसवाल, अशोक जायसवाल, रमेश जायसवाल आदि का खासा योगदान रहा। कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत क्लब के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज जायसवाल ने किया। संचालन शिवानी जायसवाल व मुरलीधर जायसवाल ने किया। धन्यवाद ज्ञापन लक्ष्मी नारायण जायसवाल ने दी।
सीनियर पत्रकार सुरेश गांधी ने कहा कि वर्तमान में पत्रकारिता का व्यवसाईकरण के कारण अब सच छुपाया जाता है। ये समाज के लिए काफी घातक है। उन्होंने कहा कि ऐसा नही है कि सभी पत्रकार इस व्यवसाई करण के कारण प्रभावित हुए है। बल्कि काफी पत्रकार है जो आज भी सच का दामन थामे हुए है। उन्होंने कहा कि ऐसे पत्रकारो का उत्त्साहवर्धन बेहद ज़रूरी है। आज पत्रकारिता कही न कही से बदनाम हो रही है। ये केवल इस कारण है कि पत्रकारिता में गैर पत्रकार खुद का भेष भूषा बदल कर आ गये है। उनको न खबर की गहराई से मतलब होता है और न खबर से। वह केवल अपने मतलब से पत्रकारिता कर रहे है। ऐसे लोगो के कारण पूरा पत्रकार समाज बदनाम होता जा रहा है। वैसे तो इसकी रोकथाम का कोई पुख्ता रास्ता नही है मगर एक प्रयोग के तौर पर ऐसे लोगो का बहिष्कार करके देखा जा सकता है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें