जयनगर/मधुबनी (आर्यावर्त संवाददाता) आज दिनांक 3 मार्च 2020 को माननीय मुख्यमंत्री जी के मंशा के अनुरूप सात निश्चय योजना के अंतर्गत संचालित "जल जीवन हरियाली" कार्यक्रम की सफलता एवं जनभागीदारी बढ़ाने हेतु इण्डों - नेपाल सीमा पर स्थित डी.बी. कालेज, जयनगर में वन संरक्षण पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का शुभारंभ प्रधानाचार्य प्रोफेसर नन्द कुमार, वरिष्ठ शिक्षाविद प्रोफेसर विमलेंदु मिश्रा एवं पंचायत प्रतिनिधि ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए वरिष्ठ शिक्षाविद प्रोफेसर विमलेंदू मिश्रा ने कहा कि, जल और हरियाली के अभाव में मानव जीवन संकट से जुझता नजर आ रहा है, अतः हम सभी को संकट से बचाव के क्रम में जल जीवन हरियाली योजना को सफल बनाना होगा। संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य डाॅ नंद कुमार ने कहा कि, " मानव जीवन मुख्यतः जल और हरियाली पर ही आधारित है, अतः प्रत्येक व्यक्ति का नैतिक कर्तव्य है कि बिहार के विकास के लिए, अपने गांव, नगर में जल और पेड पौधों को संरक्षित करें, जिससे बिहार का विकास संभव होगा। धन्यवाद ज्ञापन करते हुए सहायक प्रोफेसर डाॅ. मो. मिनहाजुद्दीन ने कहा कि, जल और हरियाली के अभाव में सभ्य समाज और संस्कृति के संरक्षण की कल्पना करना असम्भव है। इस दौरान जल जीवन हरियाली योजना के सन्दर्भ में उपस्थित शिक्षाविद व छात्र छात्राओं ने भी अपने अपने विचार रखे और कार्यक्रम को आगे बढ़ाने हेतु प्रतिबद्धता भी जताई। कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रधानाचार्य डाॅ नंद कुमार, डाॅ विमलेंदू मिश्र, डाॅ संजय कुमार पासबान, डाॅ संजय कुमार, श्री अवध बिहारी यादव , डाॅ आनंद कुँवर, डाॅ कुमार सोनू शंकर, डाॅ रमन कुमार ठाकुर, डाॅ सुनील कुमार सुमन, डाॅ मो. मिनहाजुद्दीन, डाॅ मो. मुन्ना, डाॅ बुद्धदेव प्रसाद सिंह, श्री ओम कुमार सिंह, डाॅ उमेश कुमार सिंह, श्री प्रभात झा, श्री बब्लू सिंह, श्री ललन यादव सहित दर्जनों शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक कर्मचारी व छात्र छात्राएं उपस्थित रहें।
मंगलवार, 3 मार्च 2020
मधुबनी : विषय जल, जीवन और हरियाली के बिना बिहार का उत्थान असम्भव : डाॅ. नंद कुमार
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