अरुण शाण्डिल्य (बेगूसराय) कोरोना का भय कह लें या माननीय प्रधानमंत्री की अपील कहने को तो कुछ भी कह और सोच भी सकते हैं।पर देखनेवाली बात यह भी है कि बेगूसराय जिले में जनता कर्फ्यू सौ फीसदी सफल रही,इससे इन्कार नहीं किया जा सकता।बेगूसराय का बस स्टैंड हो या रेलवे स्टेशन,सर्वाधिक भीड़ भाड़ वाला काली स्थान सब जगह वीरानी छायी हुई है।यहाँ तक कि बाजारों में दवा दुकानदारों का शटर डाउन देखा गया। कहीं भी कोई दुकानें नहीं खुली है।यहाँ तक कि घर के दरबाजे भी बंद रहे।सड़कों पर इक्के-दूक्के लोग अगर दिख जाय तो कोई मजबूरी ही समझा जाएगा।जितने भी राजनीतिक दल एवं सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं व्दारा भी पक्ष हों या विपक्ष के सबों ने देश हित के लिए कदम से कदम मिलाकर माननीय प्रधानमंत्री के अपील को स्वीकारा और अक्षरसः इस जनता कर्फ़्यू का पालन किया,जिसका नजारा हरएक क्षेत्रों, प्रान्तों आदि विभिन्न वीरानी की तस्वीरों व वीडियो क्लिपों के द्वारा देखने और सुनने को सोशल मीडिया से लेकर क्षेत्रीय एवं बेव संवाद दाताओं के माध्यम से मिल ही रहा है।अखबार संवाददाता भी खबर बनाने में लगे हुए हैं।मसलन वे भी जनता कर्फ्यू को सफल बनाने में लगे हैं।शहर की सड़क पर कोई दिख भी रहा है तो पुलिस विनम्रता के साथ उन्हें घर भेजने में लगे हुए नजर आ रहे थे।
पटना में कोरोना से मौत के बाद छाया दहशत।
बिहार के मुंगेर जिला निवासी युवक की कोरोना से मौत की खबर फैलते ही लोगों के बीच पहले से कायम दहशत और बढ़ गया है।कोई किसी को अपने पास आने नहीं दे रहा है।मजे की बात तो यह देखने को मिला कि जब बेगूसराय के हिन्दी दैनिक अखबार के कार्यालय में नोटिस चिपका देखने को मिला कि विज्ञप्ति लेकर कार्यालय नहीं आएं।व्हाट्सएप पर ही फोटोज और खबर या विज्ञप्ति भेजें।
ग्रामीण इलाकों में भी दिखा सन्नाटा।
आमतौर पर भीड़ भाड़ से भरा पड़ा रहने वाला चकिया का थर्मल पावर स्टेशन चौक पर सन्नाटा देखने को मिला।अलग अलग इलाकों के सोशल मीडियाकर्मी वहाँ के सन्नाटा परी दृश्यों का फोटोज शेयर किया है,जिसमें दूर दूर तक कहीं कोई दिखाई नहीं दे रहा है।यही हाल जिले के मोहन एघु,से मटिहानी सड़क एवं नजदीकी गाँव-मुहल्ले के साथ लगभग सभी जगह सन्नाटा पूर्ण दृश्य देखने को मिलाजिले के विभिन्न क्षेत्रों से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार गाँवों में भी लोग घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं।सम्पूर्ण भारतवासी कोरोना के खिलाफ इस जनता कर्फ़्यू रुपी जंग में एकमत होकर साथ दिया।सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार अगर देखें तो,सबसे बड़ी दुर्भाग्य की बात तो यह है कि दिल्ली के शाहीन बाग के रहने वालों में मानवता को शर्मसार करने वाले दृष्य देखने को मिला,इन्होंने जनता कर्फ़्यू को अवमानना करते हुए साफ दिख रहे थे।
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