श्रीनगर, 09 मार्च, विदेश मंत्री एस. जयशंकर सोमवार को आकस्मिक यात्रा पर जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर पहुंचे और कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर ईरान में फंसे छात्रों के परिजनों से बातचीत की। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि यह यात्रा ऐसे समय में हुई है जब ईरान में फंसे कश्मीर और लद्दाख के सैकड़ों छात्र और अन्य नागरिकों के माता-पिता सरकार से उन्हें वापस लाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि श्री जयशंकर ने सोमवार को श्रीनगर में डल झील के किनारे कश्मीर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र में ईरान में फंसे छात्रों के लगभग 25 परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने परिवारों को आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार ईरान से बच्चों को वापस लाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। विदेश मंत्री ने शहर के बुलेवार्ड क्षेत्र में प्रसिद्ध डल झील के किनारे स्थित क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय (आरपीओ) का भी दौरा किया। वह उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले में पासपोर्ट सेवा केंद्र का भी दौरा करेंगे। ईरान से भारतीय तीर्थयात्रियों की वापसी के लिए प्रयास जारी हैं। ईरानी अधिकारियों के साथ इस पर बातचीत की गयी है और स्क्रीनिंग प्रक्रिया भी शुरू हो गयी है। यह सर्वोच्च प्राथमिकता है और ईरान में भारतीय दूतावास की टीम पूरी तरह से इस काम में लगी हुई है। श्री जयशंकर ने रविवार को ट्विटर पर कहा, “ ईरान स्थित भारतीय दूतावास ईरान में भारतीय मछुआरों से करीबी संपर्क बनाए हुए है। उनके बीच कोरोना वायरस के संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है।” गौरतलब है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले में चीन और इटली के बाद ईरान तीसरा सबसे अधिक प्रभावित देश है। ईरान में इससे अब तक 194 लोगों की मौत हुई है।
मंगलवार, 10 मार्च 2020
जयशंकर पहुंचे कश्मीर, ईरान में फंसे छात्रों के परिजनों से की मुलाकात
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