भोपाल, 20 मार्च, मध्यप्रदेश में एक पखवाड़े से चल रही सियासी उठापटक का अंत आज दोपहर मुख्यमंत्री कमलनाथ के राज्यपाल लालजी टंडन को त्यागपत्र सौंपने के साथ ही हो गया। श्री कमलनाथ लगभग सवा बजे राजभवन पहुंचे और उन्होंने राज्यपाल लालजी टंडन को अपना त्यागपत्र सौंप दिया। सात पंक्तियों के त्यागपत्र में श्री कमलनाथ ने लिखा है 'मैंने अपने 40 वर्ष के सार्वजनिक जीवन में हमेशा से शुचिता की राजनीति की है और प्रजातांत्रिक मूल्याें को सदैव तरजीह दी है। मध्यप्रदेश में पिछले दो हफ्ते में जो कुछ भी हुआ, वह प्रजातांत्रिक मूल्यों क अवमूल्यन का एक नया अध्याय है। मैं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के पद से अपना त्यागपत्र दे रहा हूं। साथ ही नए बनने वाले मुख्यमंत्री को मेरी शुभकामनाएं। मध्यप्रदेश के विकास में उन्हें मेरा सहयोग सदैव रहेगा।' उच्चतम न्यायालय ने गुरूवार को आदेश दिया था कि शुक्रवार को शाम पांच बजे तक सरकार बहुमत साबित करे। इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष एन पी प्रजापति ने आज दिन में दो बजे का समय तय किया था। लेकिन संख्या बल में कांग्रेस के विधायक कम होने के कारण श्री कमलनाथ ने दोपहर लगभग साढ़े बारह बजे मुख्यमंत्री निवास में पत्रकारों के समक्ष घोषणा कर दी कि वे राज्यपाल को अपना त्यागपत्र सौंपने जा रहे हैं। इसके बाद श्री कमलनाथ राज्यपाल पहुंचे और अपना त्यागपत्र सौंप दिया। इसके पहले श्री कमलनाथ ने लगभग पंद्रह मिनट तक मीडिया को संबोधित किया और पंद्रह माह पुरानी सरकार के कामकाज पर प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने पिछले एक पखवाड़े के दौरान घटित हुए राजनैतिक घटनाक्रमों का भी जिक्र किया। श्री कमलनाथ ने श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम लिए बगैर कहा कि हम चाहते थे कि कांग्रेस 'महल' में नहीं जाए और 'महल' कांग्रेस में आए, लेकिन ऐसा नहीं हाे पाया। श्री कमलनाथ ने यह भी कहा कि मध्यप्रदेश में लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या कर नयी सरकार के गठन का प्रयास किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर मुख्य विपक्षी दल भाजपा के खेमे में श्री कमलनाथ के त्यागपत्र के बाद खुशी की लहर दौड़ गयी। अब शीघ्र ही राज्य में भाजपा की नयी सरकार का गठन होगा।
शुक्रवार, 20 मार्च 2020
कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र राज्यपाल को सौंपा
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