मधुबनी (आर्यावर्त संवाददाता) हरलाखी प्रखंड अंतर्गत सोठगांव पंचायत वार्ड-15 निवासी मो० समीरुल महज (40 वर्ष) छह दिनों में ठेला रिक्सा चलाकर मंगलवार करीब ग्यारह बजे अपने घर पहुँच गया। ठेला से करीब 1200 किलोमीटर दूरी तय कर घर आने से गांव में चर्चा का विषय बना गया, तथा आसपास के लोगों का भीड़ लगने लगी। दिल्ली से पहुंचे मो० समीरुल ने बताया की दिल्ली के आजाद मारकेट एरिया में ठेला चलाकर रोज़ी रोटी कमाते थे। इधर कोरोना वायरस की महामारी को लेकर काम नहीं हो रहा था। कुछ दिन तो जैसे तैसे गुजारा किया, लेकिन बाद में रासन पानी के लिए एक भी रुपया नहीं बचा। तब जाकर ठेला से घर जाने का निर्णय लिया। उन्होंने बताया कि विगत सोमवार की रात करीब आठ बजे दिल्ली से रवाना हुए थे। रास्ते में अपने पत्नी और बच्चों का याद सता रहा थी, यह सोच कर मैं उत्सुक था कि कब अपने बच्चों का मुंह देखू। लेकिन सफर बहुत लंबा था, आखिर अल्लाह ने सही सलामत मुझे घर पहुंचा दिया। इधर सूचना मिलते हि मुखिया पति मो० इजहार उनके घर जाकर सबसे पहले ठेला रिक्सा को एक आम के बगीचे में लगवाया, और उसे घर में जाने से पहले पीएचसी उमगांव में कोरोना के लक्षणों को जांच कराया। जहां चिकित्सकों ने उन्हें फिलहाल सबकुछ सही पाकर उनको वापस भेज दिया। इस संबंध में मुखिया अख्तरिया खातून ने बताया की उक्त व्यक्ति का निगरानी की जा रही है। आगे बीडीओ से मार्गदर्शन लेकर 14 दिनों के लिए पंचायत के चयनित विद्यालय में रखा जाएगा।
मंगलवार, 31 मार्च 2020
मधुबनी : रिक्शा चला दिल्ली से पहुंचा अपने घर
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