सरायकेला में भारत का पहला ई-रिक्शा बनाया गया है. इसकी खूबी यह है कि इसमें लगे सभी कल पुर्जे भारत के हैं और इसके कल पुर्जों का निर्माण खुद उद्यमी अंकुश अग्रवाल ने ही किया है.
सरायकेला/जमशेदपुर (आर्यावर्त संवाददाता) : जिले के औद्योगिक क्षेत्र में पहली बार किसी स्थानीय उद्यमी ने ई-रिक्शा बनाया है. यह पहला मौका है जब औद्योगिक क्षेत्र में बना ई-रिक्शा पूरी तरह मेक इन इंडिया के तर्ज पर आधारित है. सरायकेला के विजय श्री इंडस्ट्री के निदेशक अंकुश अग्रवाल ने एक नया ई-रिक्शा बनाया है. इसकी खूबी यह है कि इसमें लगे सभी कल-पुर्जे भारत में बने हैं और इसके कल पुर्जों का निर्माण खुद उद्यमी अंकुश अग्रवाल ने ही किया है. यह पहला ई-रिक्शा है जो पूरी तरह भारतीय है. बाजारों में जो ई-रिक्शा उपलब्ध है, उसमें ज्यादातर नॉर्मल बैटरी का प्रयोग किया गया है जबकि यह पहला इ-रिक्शा है जिसमें लिथियम आयन बैटरी का प्रयोग किया गया है. इससे ई-रिक्शा को सिर्फ तेज गति ही नहीं, बल्कि सिर्फ 4 घंटे चार्ज करने पर इसे डेढ़ सौ किलोमीटर तक चलाई जा सकती है. इस ई-रिक्शा में 1 एचपी का मोटर और 2 गियर लगा है. ई रिक्शा के निर्माता विजय श्रीइंडस्ट्री के एमडी अंकुश अग्रवाल ने बताया कि ई-रिक्शा निर्माण में शहर के नए युवा इंजीनियरों की टीम को शामिल किया गया था, जिन्होंने बेहतरीन टेक्नोलॉजी स्थापित कर इसे बनाया है. इसमें कई ऐसे उपकरण हैं जिन पर रिसर्च चल रहा है. ई-रिक्शा बनाने वाले उद्यमी अंकुश अग्रवाल टाटा मोटर्स में वेंडर के रूप में कार्यरत हैं और ये ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए कल-पुर्जों का निर्माण कर रहे थे. उसने गूगल के सहयोग से ई-रिक्शा निर्माण की प्रक्रिया जानी और फिर इसका निर्माण कर डाला. अंकुश अग्रवाल को औद्योगिक क्षेत्र में बन रहे पूर्वी भारत के एक मात्र इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर में इलेक्ट्रॉनिक उद्योग स्थापित किए जाने को लेकर यूनिट प्रदान किया जा चुका है, जिसके आवंटन की प्रक्रिया जारी है. अंकुश के इस प्रयास को भ बोर्ड की क्षेत्रीय निदेशक नेहा अरोड़ा ने भी काफी सराहा है. उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर में इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों को बेहतरीन तरीके से निर्माण करने वाले उद्योगों को प्राथमिकता दी जा रही है, जिसमें इंडियन ई-रिक्शा के यूनिट को भी स्थापित किया जाएगा और यह एक अच्छी पहल है.
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