---जिलाधिकारी ने सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को दिये आवश्यक कार्रवाई के निदेश
मधुबनी (आर्यावर्त संवाददाता) : जिला पदाधिकारी, औरंगाबाद से प्राप्त पत्र के आलोक में जिला पदाधिकारी, मधुबनी के द्वारा पत्र में उल्लेखित तथ्यों के माध्यम से बताया गया है कि औरंगाबाद जिलान्तर्गत देव चैती छठ मेला-2020(28 मार्च से 31 मार्च) के आयोजन पर रोक लगाये जाने की जानकारी दी गयी है। पत्र के माध्यम से बताया गया है कि कोविड-19(वायरस) संक्रमण, सवंमित व्यक्ति के दूसरे व्यक्तियों के संपर्क में आने से तेजी से फैलता है। पूरे विश्व में इस वायरस के कारण अकाल मृत्यु की सूचना प्राप्त हो रही है। विशेषकर छोटे बच्चों, वृद्धजनों एवं शारीरिक रूप से कमजोर व्यक्तियों के लिए यह वायरस घातक सिद्ध हो सकता है। वायरस का संक्रमण एक दूसरे के स्पर्श से, एक स्थान पर अधिक संख्या में एकत्रित होने से, एक दूसरे के स्पर्श की गयी वस्तु को स्पर्श करने से, तालाब/पोखर/नदी/कुंड में संक्रमित व्यक्ति के साथ स्नान करने इत्यादि से फैलता है। औरंगाबाद जिलान्तर्गत इस वर्ष चैती छठ मेला-2020(28 से 31 मार्च) का आयोजन निर्धारित था। देव सूर्य मंदिर न्यास समिति, औरंगावाद द्वारा बताया गया कि देव चैती छठ मेले में संपूर्ण बिहार एवं अन्य राज्यों से लाखों की संख्या में श्रद्धालु छ्रठ स्नान के लिए आते है एवं कुंड में स्नान करते है। ऐसे में यदि संक्रमित व्यक्ति द्वारा कुंड में स्नान किया जाता है, तो संक्रमण उस व्यक्ति से अन्य व्यक्तियों में फैल सकता है। नागरिकों में संक्रमण की खतरनाक स्थिति को रोकने के लिए देव सूर्य मंदिर न्यास समिति, औरंगाबाद द्वारा निर्णय लिया गया है कि इस वर्ष देव चैती छठ मेले का आयोजन नहीं किया जायेगा एवं दिनांक 22.03.2020 से ही मंदिर एवं कुंड को नागरिकों के लिए बंद कर दिया जायेगा। जिला प्रशासन, औरंगाबाद द्वारा भी उक्त आलोक में इस वर्ष चैती छठ मेले पर रोक लगा दी गई है। जिला पदाधिकारी, मधुबनी के द्वारा सभी अनुमंडल पदाधिकारी को उक्त पत्र में उल्लेखित तथ्यों के आलोक में कोरोना (कोविड-19) के संक्रमण को फैलने से रोकने की दिशा में अपने-अपने क्षेत्राधीन देव (औरंगाबाद) में छठ व्रत हेतु जाने वाले श्रद्धालुओं को रोकने की दिशा में अविलंब आवश्यक कार्रवाई करने का निदेश दिया गया है। साथ ही उक्त आशय का वृहद प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने का भी निदेश दिया गया है।
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