अरुण शाण्डिल्य (बेगूसराय) भारतीय परंपरा में वैदिक रीति रिवाज के अंतर्गत, वैवाहिक कार्य पवित्र स्थलों या घरों में की जाती है।किन्तु बिहार के बेगूसराय में एक आश्चर्य की घटना सामने आई है।इस सुखद घटना में एक जोड़ी ने कुछ ऐसे कारनामे कर गए जो आज काफी चर्चे में हैं।ये जोड़ी अपनी शादी न तो किसी मंदिर में की और न ही किसी धार्मिक स्थल पर,इसने अपनी शादी गाँव के ही एक पार्क में स्थित बाबा साहेब की प्रतिमा के समक्ष हिन्दू रीति रिवाज के साथ अपना विवाह रचाया।यह मामला बलिया के प्रखंड परिसर की है जहाँ बाबा साहेब अंबेडकर पार्क स्थित अंबेडकर की प्रतिमा को साक्षी मानकर इस विवाह को एक आदर्श विवाह का कीर्तिमान स्थापित कर दिया। शादी समारोह का सम्पूर्ण आयोजन अखिल भारतीय रविदास संघ बलिया के कार्यकर्ताओं ने किया।आगे आप सबों को बताते चलें की खगड़िया जिला के मछरहा निवासी ललन दास ने अपने पुत्र अमित दास की शादी बलिया प्रखंड क्षेत्रान्तर्गत भगतपुर निवासी प्रकाश दास की पुत्री कल्याणी कुमारी के साथ धर्म स्थलों को छोड़कर बलिया के अंबेडकर पार्क स्थित अंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष की।पूरे क्षेत्र में यह शादी चर्चा का विषय बना हुआ है।परिणय सूत्र में बंधने के बाद अग्नि के सात फेरे लेने के बजाय इस जोड़े ने अंबेडकर की प्रतिमा के सात फेरे लेते हुए सातों वचनों के साथ सात जन्मो तक इस पवित्र बंधनो से बंधे रहने का संकल्प लिया।ऐसी घटना पहली बार बेगूसराय जिला प्रखंड बलिया में देखने को मिला।जहाँ महापुरुषों की प्रतिमा को ही साक्षी मानकर वर-वधू ने अपने दाम्पत्य को स्वीकारा साथ ही सात जन्मो तक एक दूसरे का साथ ना छोड़ने की कसम खाई।फिलहाल लोग इस अनोखी शादी की भूरी भूरी प्रशंसा कर रहे हैं।
शुक्रवार, 13 मार्च 2020
बेगूसराय : एक विवाह ऐसी जिसकी हो रही भूरी-भूरी प्रशंसा
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