दिल्ली,19 मार्च। राजधानी दिल्ली की वह काली रात जब निर्भया का गैंगरेप हुआ। याद है 16 दिसंबर, 2012 की रात। चलती बस में 23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा के साथ छह लोगों ने गैंगरेप और हत्या की थी। इस मामले में एक आरोपी ने तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। वहीं पीड़िता की कुछ दिनों बाद सिंगापुर के एक अस्पताल में मौत हो गई थी। आज अक्षय ठाकुर,विनय शर्मा,पवन गुप्ता और मुकेश सिंह की आखिरी रात है। 7 साल 7 माह और 3 दिन के बाद निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में 20 मार्च को सुबह 5:30 बजे फांसी दे दी जाएगी। चार दोषियों के परिवारवालों ने रविवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु की अनुमति मांगी। इच्छामृत्यु मांगने वालों में दोषियों के बुजुर्ग माता-पिता, भाई-बहन और उनके बच्चे शामिल हैं।दोषियों के परिवार ने हिन्दी में राष्ट्रपति को लिखे पत्र में कहा है कि हम आपसे (राष्ट्रपति) और पीड़िता के माता-पिता से अनुरोध करते हैं कि वे हमारे अनुरोध को स्वीकार करें और हमें इच्छामृत्यु की अनुमति दें। भविष्य में होने वाले किसी भी अपराध को रोकें, ताकि निर्भया जैसी दूसरी घटना न हो और अदालत को एक व्यक्ति के स्थान पर पांच लोगों को फांसी ना दी जाए। दोषियों के परिजनों ने कहा कि ऐसे कोई पाप नहीं हैं जिसे माफ नहीं किया जा सकता है। पत्र में आगे लिखा है कि हमारे देश में महापापी (महान पापी) को क्षमा कर रहे हैं। बदला की परिभाषा शाक्ति नहीं है। क्षमा करना शक्ति है। आपको बता दें कि नए डेथ वारंट के अनुसार, निर्भया गैंगरेप के चारों दोषियों विनय शर्मा, अक्षय सिंह ठाकुर, पवन गुप्ता और मुकेश को 20 मार्च सुबह साढ़े पांच बजे फांसी की सजा दी जानी है। अभी तक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सभी दोषियों की दया याचिका खारिज कर चुके हैं। हालांकि दोषी अक्षय सिंह ठाकुर ने नई दया याचिका दाखिल की है जिसमें उसने कहा है कि राष्ट्रपति ने जो पुरानी दया याचिका दाखिल की थी उसमें सारे फैक्ट मौजूद नहीं थे। हालांकि इस मामले में दोषियों ने फांसी की सजा से बचने के लिए दिल्ली की निचली अदालत, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर रखी है। जो खारिज कर दी गयी। गौरतलब है कि 16 दिसंबर, 2012 की रात चलती बस में 23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा के साथ छह लोगों ने गैंगरेप और हत्या की थी। इस मामले में एक आरोपी ने तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। वहीं पीड़िता की कुछ दिनों बाद सिंगापुर के एक अस्पताल में मौत हो गई थी।
ऑटोरिक्शा में फ्री में सफर करवाएंगे
दिल्ली में सामूहिक दुष्कर्म का शिकार हुई निर्भया के दोषियों को 20 मार्च 2020 को फांसी देने के फैसले को अदालत ने बरकरार रखा है। बीते कई महीनों से बार- बार टल रही फांसी को लेकर इस बार के फैसले को लेकर सभी को बेसब्री से इंतजार था। इन्हीं में से एक हिसार के आर्यनगर गांव निवासी राजपाल भी थे। जिन्हें न केवल निर्भया के दोषियों को फांसी टूटने का इंतजार है बल्कि वे इस दिन लोगों को अपने ऑटोरिक्शा में फ्री में सफर करवाएंगे। इसके लिए उन्होंने अपने ऑटोरिक्शा पर एक बैनर भी लगाया हुआ है। राजपाल का कहना है कि निर्भया के साथ हुई घटना ने उन्हें अंदर तक झकझोर दिया था। तभी से वे दोषियों को सजा मिलने का इंतजार कर रहे थे। आखिरकार उनका इंतजार कल खत्म होने वाला है।
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