जमशेदपुर के सदर अस्पताल में प्रशिक्षण प्राप्त परिचारिकाओं को झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कैपिंग शिरोमणि में उन्हें नर्स का कैप पहना कर शपथ दिलाया. शपथ के दौरान व्यवसाय शब्द पर आपत्ति जताते हुए कहा कि स्वास्थ्य सेवा भाव है, व्यवसाय नहीं है. उन्होंने कहा मैं आंदोलन का डॉक्टर हूं.
जमशेदपुर (आर्यावर्त संवाददाता) : जिले के खासमहल स्थित सदर अस्पताल में परिचारिका ट्रेनिंग स्कूल में झारखंड के विभिन्न जिला से प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली 30 परिचारिकाओं को प्रशिक्षण पूरा होने के बाद कैपिंग शिरोमणि कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने परिचारिकाओं को नर्स का कैप पहना कर उन्हें शपथ दिलाया. मौके पर पूर्वी सिंहभूम जिला के उपायुक्त रविशंकर शुक्ला जिला चिकित्सा पदाधिकारी डॉ महेश्वर प्रसाद जिला परिषद अध्यक्ष बुलु रानी सिंह भी मौजूद रही. कार्यक्रम में जिला के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्र के लिए नियुक्त 8 डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र सौंपा गया है. इस दौरान सदर अस्पताल में बेहतर काम करने वाली नर्स डॉक्टर और सफाई कर्मियों को भी मंत्री बन्ना गुप्ता ने सम्मानित किया है. मंत्री बन्ना गुप्ता ने महिला दिवस पर महिलाओं को बधाई देते हुए कहा है कि महिला में असीम शक्ति होती है, महिला आश्रयदात्री होती है. वहीं प्रशिक्षण प्राप्त परिचारिकाओं ने शपथ पत्र के दौरान व्यवसाय शब्द के इस्तेमाल पर आपत्ति जताते हुए झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा भाव होता है, व्यवसाय नहीं. मैं ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं हूं लेकिन मैं स्वास्थ्य मंत्री बन गया हूं, मैं डॉक्टर हूं लेकिन आंदोलन का. स्वास्थ्य मंत्री ने अपने संबोधन में साफ तौर पर कहा है कि आज कुछ दवाओं का इस्तेमाल नशा के लिए किया जा रहा है उस पर रोक लगाने के लिए मैने कहा कि डॉक्टर के पर्ची में लिखे गये दवा को ही मेडिकल दुकान वाले दे बिना डॉक्टर के पर्ची के दवा देने पर ड्रग इन्स्पेक्टर को संज्ञान लेने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री का विजन है झारखंड को कालाजार अनीमिया टीबी जैसी बीमारी से मुक्त करना इस विजन पर काम कर रहे है. वह सदर अस्पताल का दौरा कर अस्पताल की व्यवस्था पर तारीफ की है और कहा है कि दूसरे स्वास्थ्य केंद्र को इससे सीख लेने की जरूरत है.
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