लोकसभा में सोनिया के विरुद्ध टिप्पणी पर भारी हंगामा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 5 मार्च 2020

लोकसभा में सोनिया के विरुद्ध टिप्पणी पर भारी हंगामा

parliament-roar-for-comment-on-sonia-gandhi
नयी दिल्ली, 05 मार्च, लोकसभा में कोरोना वायरस पर स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन के बयान के बाद सदस्यों से इस पर मांगे गये सुझाव के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ की गयी टिप्पणी पर पार्टी के कुछ सदस्य आसन के सामने आकर जबरदस्त नारेबाजी और हंगामा करने लगे जिसके कारण सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी। डॉ हर्षवर्धन के बयान के बाद राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल ने श्रीमती गांधी, श्री राहुल गांधी और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ टिप्पणी की जिसके विरोध में कांग्रेस सदस्य सदन के बींचोबीच आकर हंगामा करने लगे। इस दौरान पार्कांटी के सदस्यों ने कागज फाड़कर पीठासीन उपाध्यक्ष राजेन्द्र अग्रवाल की ओर फेंक दिये। हंगामा बढने के कारण पीठासीन अधिकारी ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले सदन की कार्यवाही शुरु होते ही कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कषगम, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों के सदस्य सदन के बीचोबीच आकर ‘अमित शाह इस्तीफा दो, गृहमंत्री इस्तीफा दो’ जैसे नारे लगाने लगे। पीठासीन उपाध्यक्ष भर्तृहरि महताब ने नारेबाजी और शोरगुल के बीच ही प्रश्नकाल चालू रखने का प्रयास किया लेकिन इस दौरान सदन में विपक्षी सदस्यों का भारी हंगामा जारी रहा जिसके कारण कार्यवाही बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी थी। श्री महताब ने कहा कि वह पीठ की तरफ से सदन को बताना चाहते हैं, “कुछ सदस्यों के बर्ताव से अध्यक्ष महोदय बहुत दुखी हैं और इसी वजह से वह सदन में नहीं आ रहे हैं। सभा के अध्यक्ष को जिस तरह से चुनौती दी जा रही है वह दुखद है और उससे दुखी होना अध्यक्ष का अधिकार है। अध्यक्ष कुछ सदस्यों के व्यवहार को लेकर बहुत दुखी हैं और यही कारण है कि वह सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं हो रहे हैं।” 

कोई टिप्पणी नहीं: