घाघीडीह सेंट्रल जेल के कैदी मास्क बना रहे हैं. मार्केट में मास्क और सैनिटाइजर घटती संख्या को देखते हुए आईजी ने एक निजी कंपना से ईएमयू किया है, जिसके तहत प्रतिदिन 2000 मास्क बनाए जाएंगे.
जमशेदपुर (आर्यावर्त संवाददाता) कोरोना वायरस को लेकर सरकार आम जनता को सावधानी बरतने के लिए लगातर अपील कर रही है. उन्हें भीड़ से दूर रहने, सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने और मास्क पहनने को कहा जा रहा है. वहीं, बाजार में मास्क और सैनिटाइजर गायब है और इसकी कालाबाजारी की जा रही है जिसे देखते हुए जेल प्रशासन ने एक निजी कंपनी के साथ ईएमयू किया है, जिसके तहत घाघीडीह सेंट्रल जेल के बंदी मास्क बना रहे हैं. घाघीडीह सेंट्रल जेल के अधीक्षक सत्येन्द्र चौधरी ने बताया कि बंदियों के मास्क बनाये जाने से बाजार में अच्छी क्वालिटी के सस्ते दर पर मास्क उपलब्ध होगा, बंदियों को भी आत्मसंतुष्टि मिलेगी. उन्होंने बताया कि पहले भी बंदियों ने मास्क बनाया है जिसका इस्तेमाल किया जा रहा है लेकिन बाजार में मास्क की समस्या को देखते हुए जेल आईजी की पहल पर जेल प्रशासन ने एक निजी कंपनी के साथ मास्क बनाने को लेकर ईएमयू किया गया है. जिसमें प्रतिदिन 2 हजार मास्क बनाने का लक्ष्य है आगे मांग के मुताबिक बनाया जाएगा. कोरोना से बचने के लिए सावधानी बरतने के उपाय किये जा रहे हैं. जिला प्रशासन लोगों को बाहर कम निकलने और भीड़ से बचने के साथ समय-समय पर सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने के अलावा मास्क पहनने को भी कह रही है. आपको बता दें कि कोरोना को लेकर घाघीडीह सेंट्रल जेल में बंदियों के बनाए गए मास्क को जेल प्रशासन बंदी पहन रहे हैं.
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