पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम पर लॉकडाउन का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि ऐसे मंत्री को बर्खास्त कर उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करना चाहिए.
रांची (आर्यावर्त संवाददाता) : प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम को कैबिनेट से बर्खास्त करने की मांग की है. दास ने कहा की एक तरफ देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है. वहीं, दूसरी तरफ झारखंड सरकार के मंत्री आलमगीर आलम लॉकडाउन का मखौल उड़ा रहे हैं. उन्होंने कहा कि एक मंत्री की वजह से झारखंड के लाखों लोगों की जान सांसत में पड़ गई है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह मंत्री के कहने से बसों में भरकर लोगों को रांची से संथाल परगना के कई जिलों में भेजा गया है यह सीधे तौर पर लोगों की जान जोखिम में डालना है. उन्होंने कहा कि ऐसे मंत्री को बर्खास्त कर उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करना चाहिए. उन्होंने कहा कि देश पूरे प्रदेश में धारा-144 लगी हुई है, फिर ऐसे लोगों को मंत्री के कहने पर एक जगह कैसे जमा होने दिया गया. उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार ने जो जहां है वहीं रहने का आदेश जारी किया है. ऐसे में मंत्री आलमगीर आलम ने जो किया है वह अक्षम्य है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि एक ओर दिखावे के लिए मंत्री ट्विटर पर मैसेज देते हैं कि लॉकडाउन के दौरान वाहनों के लिए उनसे संपर्क न करें. वहीं, दूसरी तरफ प्रशासन पर दबाव बनाकर लोगों की जान की परवाह किए बिना बसों में भरकर भिजवा रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के संज्ञान में मामला आया तो वह मंत्री पर कार्रवाई करने की बजाय मामले की लीपापोती कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस गैर जिम्मेदाराना हरकत के लिए मंत्री को तत्काल मंत्रिमंडल से बाहर करना चाहिए. दरअसल राजधानी के धुर्वा इलाके से बड़ी संख्या में संथाल परगना के लोगों को बसों में भरकर भेजा गया है. इसके लिए कथित रूप से संसदीय कार्य मंत्री आलम ने राजधानी के डिप्टी कमिश्नर राय महिमापत रे पर दबाव डाला था. बता दें कि सोमवार की देर रात राज्य सरकार ने रांची डीसी को एक शो-कॉज भी इस बाबत जारी किया है.
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