नयी दिल्ली, 17 मार्च, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा में मंगलवार को हिंदी भाषा के संदर्भ में द्रमुक सदस्यों को पूरक प्रश्न पूछने की अनुमति नहीं मिलने को लेकर आरोप लगाया कि अध्यक्ष ओम बिरला ने तमिलनाडु का अधिकार छीना। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि तमिलनाडु के सदस्यों को पूरक प्रश्न पूछने का मौका नहीं दिया जाना तमिल लोगों और तमिलभाषियों एवं तमिल भाषा पर आक्रमण है। गांधी ने संसद परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया, ‘‘ कल मैंने सवाल किया था कि जानबूझकर कर्ज अदायगी नहीं करने वाले 50 चूककर्ताओं के नाम बताए जाएं। फिर मुझे दूसरा पूरक प्रश्न पूछने नहीं दिया गया जो मेरे हक बनता था। मेरा हक छीना गया। मगर आज स्पीकर जी ने तमिलनाडु का हक छीना।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ सदन में भाषा की बात हो रही थी और तमिलनाडु के सांसद अपनी भाषा को लेकर सवाल पूछना चाहते थे। तमिल उनका इतिहास है, दिल है, डीएनए है। उसके बार में वे सवाल पूछना चाहते थे। लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ने सवाल पूछने नहीं दिया।’’ कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘आज तमिल भाषी लोगों और उनकी भाषा पर आक्रमण हुआ। यह अस्वीकार्य है।’’ दरअसल, लोकसभा में हिंदी भाषा को लेकर पूरक प्रश्न पूछने की मांग करते हुए द्रमुक के सदस्यों ने मंगलवार को हंगामा किया और अनुमति नहीं मिलने पर उन्होंने और सहयोगी कांग्रेस एवं राकांपा के सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया। सदन में द्रमुक सदस्यों और केरल से कांग्रेस के कुछ सदस्यों के हंगामे के बीच राहुल गांधी खड़े हुए और कहा कि यह मुद्दा तमिलनाडु के दिल से जुड़ा है और पूरक प्रश्न पूछने का मौका मिलना चाहिए।
मंगलवार, 17 मार्च 2020
लोकसभा अध्यक्ष ने तमिलनाडु का अधिकार छीन तमिल भाषा पर आक्रमण किया : राहुल गाँधी
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