ग्रामीण हाट बाजार पर पूर्ण रोक के बिहार सरकार के आदेश का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन, प्रशासन ने शाम 6 बजे के बाद किराना दुकान बंद करने को कहा।
मधुबनी (अजयधारी सिंह) बिस्फी प्रखण्ड क्षेत्र में लॉक डाउन को देखते हुए क्षेत्र में जगह जगह नोटिस चिपकाए गये हैं। बिहार सरकार के आदेशानुसार पूर्णतः लॉक डाउन हैं। जिसको लेकर सभी हाट बाजार तत्काल रोक लगाई गई हैं। सीओ प्रभात कुमार ने बताया की कोरोना वायरस को लेकर सरकार के द्वारा 14 अप्रैल तक पुनः लॉक डाउन किया गया। जिसमें साग, सब्जी एवं अन्य खाद्य वस्तु के सभी बिक्रेता अपने अपने वार्ड क्षेत्र में जाकर बिक्री करें। वहीं एक जगह दो बिक्रेता साथ नहीं बैठेंगे। तथा सभी खाद्य बिक्रेता उचित मूल्य में करें। कालाबाजारी बिल्कुल नहीं करनी हैं अन्यथा आदेश अवहेलना करने पर दंडात्मक कार्रवाई करने की बात कही। वहीं दिन-रात पूरे क्षेत्र में पुलिस और प्रशासन गस्ती कर अनावश्यक खुले दुकान और लोगों के आवागमन को भी रोक रही है। लेकिन हकीकत इसके उलट ही है। बिस्फी के धजवा बाजार में ब्यापारी एवं आम लोग लॉक डाउन की धज्जियां उड़ा रहे हैं। सरकार के नोटिस एवं प्रचार प्रसार का इनपर कोई असर होता नही दिख रहा है। बाजार के ठीकेदार द्वारा समझने के बाबजूद भी लोग सब कुछ की अनसुनी कर रहें हैं। वहीं आपदा विभाग से प्राप्त निर्देश के आलोक में जिलाधिकारी के प्रेस रिलीज संख्या-67/26.03.2020 द्वारा संध्या 06:00 बजे से सभी राशन की दुकानों को बंद करने का निदेश दिया गया। सभी अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों को निदेशित किया गया कि स्थानीय किराना दुकानदारों से बात कर होम डिलीवरी कराने की कारवाई करें। अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि किराना दूकानदार होम डिलीवरी करेंगे। मुख्य सचिव, बिहार के द्वारा गुरूवार को विडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से नगर निकाय के जनप्रतिनिधियों एवं पदाधिकारियों के साथ कोरोना संक्रमण के फैलाव की समीक्षा की गयी। विडियो कान्फ्रेंसिंग के द्वारा बताया गया कि लॉकडाउन क्यों किया गया है, इसकी जानकारी दी गयी। साथ ही बताया गया कि संक्रमण का मुख्य कारण बाहर देश या देश के अन्य राज्यों से आने वाले लोगों को घर के अंदर रखने की आवश्यकता है, ताकि यदि वे संक्रमित है, तो अन्य लोगों को भी संक्रमित न करें। होम क्वारंटाईन वाले लोगों को घर से बाहर न निकलने दें। इस सामाजिक दायित्वों का निर्वहन जनप्रतिनिधिगण कर सकते है। लाॅकडाउन की स्थिति में साफ-सफाई पूरी क्षमता के साथ कराने की कार्रवाई करने को कहा गया। लोगों को आवश्यक वस्तु मिल जाए यह भी देखना जनप्रतिनिधियों का सामाजिक दायित्व है। रिक्सा मालिकों से जनप्रतिनिधिगण अनुरोध कर सकते है कि वे कम-से-कम रिक्सा का भाड़ा न लें।
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