सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 15 मार्च - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 15 मार्च 2020

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 15 मार्च

मुस्लिमों ने हुलियारों पर उड़ाया गुलाल रंगपंचमी समिति ने व्यक्त किया आभार 

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सीहोर। शिवसेना और हिन्दू उत्सव समिति के संयुक्त तत्ववाधान में रंगपंचमी का पावन पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया। संविधान बचाओं संघर्ष समिति से जुड़े मुस्लिम सदस्यों सहित विभिन्न राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक संगठनों के द्वारा रंगपंचमी चल समारोह में शामिल हुलियारों पर जमकर रंग गुलाल उड़ाया गया।  रंग पंचमी चल समारोह आयोजन समिति अध्यक्ष विजय यादव,शिवसेना संभाग प्रमुख पर्वत सिंह मेवाड़ा,जिलाध्यक्ष गब्बर यादव,हिन्दू उत्सव समिति अध्यक्ष ब्रजमोहन सोनी,पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष सीताराम यादव, भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष पिं्र्रस राठौर, पार्षद अर्जुन राठौर, विहिप उपाध्यक्ष जगदीश कुशवाह,युवासेना जिलाध्यक्ष सुनील राय, चम्पालाल यादव, अन्नू चौहान, विवेक राठौर,चंद्रशेखर डागर, प्रवीण यादव, मदन प्रजापति, आशीष गुप्ता, संतोष कहारे, जितेंद्र विश्वकर्मा,आकाश रावत, विशाल पाटीदार, दिनेश वर्मा, अनिल सोनी, संतोष यादव, मनोज यादव, सुदीप प्रजापति जगदीश यादव आदि ने रंगपंचमी चल समारोह के सहयोगकर्ताओं सम्मिलित सैकड़ों हुलियारों,स्वागतकर्ताओं सहित विभिन्न प्रकार की सुविधा सुरक्षा उपलब्ध कराने वाले नगर पालिका परिषद, जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों कार्यकर्ताओं, जनप्रतिनिधियों समाजसेवियों पत्रकारों गणमाननीय नागरिकों का आत्यमीय आभार व्यक्त किया। 

जीवन भर मैं हिंदुत्व के लिए लड़ता रहूंगा = बाघेला 
महाराणा प्रताप युवा संगठन ने मनाया स्थापना दिवस  चौदह साल में किए संगठन ने कई इतिहासिक कार्य 
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सीहोर। शरीर में एक भी रक्त की बूंद रहेगी तब तक हम हिंदुत्व के कार्यकर्ता रहेंगे। हमारा संगठन स्वतंत्र है हम हमेशा संगठन के माध्यम से हिंदुत्व के लिए लड़ते रहेंगे। ऐसी शक्तियों है जो देश के टुकड़े टुकड़े करना चाहती उन्हे हम महाराणा प्रताप के पद चिन्हों पर चलकर महापुरुषों के इतिहास को पढ़कर करारा जबाव देंगे, उक्त बात मां शारदा गार्डन पटेल मार्केट में आयोजित  महाराणा प्रताप युवा संगठन के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए संगठन संस्थापक राष्ट्रीय अध्यक्ष ज्ञान सिंह बाघेला ने कहीं।  बाघेला ने कहा की लगातार 14 वर्ष से संगठन में निरंतर कार्य कर रहे हैं महाराणा प्रताप युवा संगठन को प्रदेश में एक पहचान मिली है हम संगठन के माध्यम से हमेशा देश हित के कार्य निरंतर करते रहें हैं।  मैं विश्वास दिलाता हूं की जो पदाधिकारी एवं कायज़्कताज़् ने अपने पसीने की बूंद गिरा करके इस संगठन को मजबूत किया है मैं आपके समक्ष यहां वादा करता हूं कि आपकी मेहनत बेकार नहीं जाएगी मैं हमेशा संगठन के साथ आपके साथ खड़ा रहूंगा।  संगठन के माध्यम से ही हमने ऐतिहासिक कार्य किए हैं यहां संगठन कार्यकर्ताओं की मेहनत का फल है। केंद्रीय सचिव भगवान सिंह राजपूत सेमली कहा कि संगठन के विस्तार के लिए हर कार्यकर्ता को फिर एक बार हमें संगठन को व्यापक रूप से प्रचार  करके हिंदुत्व के लिए खड़ा होना है। प्रकार प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष लखन सिंह राजपूत एवं प्रदेश महासचिव ने भी अपने विचार रखें। 

पुष्प मालाओं से किया स्वागत
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर राष्ट्रीय अध्यक्ष बाघेला,केंद्रीय सचिव भगवान सिंह राजपूत डोडी व प्रदेश महासचिव हरिनारायण राजपूत एवं प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष लखन सिंह राजपूत ने किया। संगठन के लक्ष्मण सिंह सिसोदिया दयाराम राजपूत, राजेश राजपूत द्वारा मुख्य अतिथि संस्था प्रधान सिंह वाघेला  भगवान सिंह राजपूत प्रदेश महासचिव हरी नारायण राजपूत एवं प्रदेश  कार्यकारी अध्यक्ष लखन सिंह राजपूत का  पुष्प मालाओं से स्वागत किया गया। 

कार्यक्रम में रह रहे मौजूद 
प्रमुख रूप से जिला प्रभारी लक्ष्मण सिंह सिसोदिया,प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अखिलेश राजपूत, महेंद्र सिंह सिसोदिया, जितेंद्र सिंह राठौड,़ जिला सचिव दयाराम राजपूत, ओम प्रकाश राजपूत, प्रदेश सचिव हिंदी राजपूत कैलाश राजपूत, जिला कार्यकारी अध्यक्ष राजेश राजपूत, सुरेश राजपूत, मोहन सिंह हाडा, दिलीप सिंह, अर्जुन सिंह, जीवन सिंह, ओम प्रकाश, मुकेश, हृदेश, गोपाल सिंह, राजेंद्र सिंह, चांद सिंह, सुनील, राहुल राजपूत, हेमन्त राजपूत, गोरी लाल राजपूत, सत्येंद्र, जितेंद,्र शिवकिशोर सिंह, देवेंद्र आदि उपस्थित रहे। संचालन धर्मेंद्र जाट द्वारा किया गया आभार लक्ष्मण सिंह सिसोदिया ने प्रकट किया। 

स्टिक - एक जानलेवा कार्बनिक पदार्थ (विशेष लेख)

प्रकृति ईश्वर द्बारा प्रदत्त अमूल्य धरोहर है, जिसमें अनेक सजीव एवं निर्जीव घटकों का समावेश है। हमारी प्रकृति जितनी ही सजीव है उतनी ही सुंदर और अनमोल भी है। मानव और प्रकृति - मानव और प्रकृति का परस्पर सीधा संबंध है। सम्पूर्ण मानव जाति व जीव-जंतु प्रकृति पर ही आश्रित है। वर्तमान शहरीकरण के बढ़ते कदमों ने प्रकृति के सौंदर्य को नजर लगा दी है। इन्हीं दुष्परिणाम वाले घटकों में से एक अहम तत्व है प्लास्टिक। आम तौर पर हम दैनिक जीवन में अनेक ऐसी वस्तुओं का उपयोग करते है, जो प्लास्टिक से बनी होती है। पॉलिथिन, बॉटल, डिस्पोजल आदि सभी उपयोगी तो हैं किन्तु हानिकारक भी हैं। समुद्रो के किनारों, उनकी सतहों और ज़मीन पर जो अपशिष्ट एकत्र होता है उसमें से 60 से 90 प्रतिशत हिस्सा प्लास्टिक से बना हुआ होता है। इस कूड़े-कचरे में सबसे आम चीज़ें होती हैं-सिगरेट के अधजले हिस्से, बैग, और खाने-पीने की चाज़ों के इस्तेमाल होने वाले डिब्बे आदि। विशेष-संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) ने कहा है कि हर साल लगभग 80 लाख टन प्लास्टिक कूड़ा-कचरा समुद्रों में फेंका जाता है। इसका मतलब इस तरह भी समझा जा सकता है कि एक बड़े ट्रक में समाने वाले कूड़े-कचरे के बराबर ये हर मिनट समुद्र में फेंका जाता है। समुद्र में प्लास्टिक के मिल जाने के कारण लाखों की संख्या में समुद्री प्रजातियों के अस्तित्व पर खतरा बना हुआ है। अनेक जलीय जीवों की मृत्यु का कारण प्लास्टिक बना हुआ है। वर्तमान समय में भारत में सिंगल यूज प्लास्टिक पर बल सोया जा रहा है, लेकिन आज भी लोगों में भ्रम है कि आखिर सिंगल यूज प्लास्टिक का क्या अर्थ है। सिंगल यूज प्लास्टिक - चालीस माइक्रोमीटर (माइक्रॉन) या उससे कम स्तर के प्लास्टिक को सिंगल यूज प्लास्टिक कहते हैं। इसका मतलब प्लास्टिक से बनी उन चीजों से है जो एक बार ही उपयोग में लायी जाती हैं और उसके बाद फेंक दी जाती हैं। जैसे आप जब बाजार में सब्जी या फल लेने जाते हैं तो आपको जो प्लास्टिक की पन्नी दी जाती है वह सिंगल यूज प्लास्टिक है। आप चाय वाले की दुकान पर जिस प्लास्टिक के कप में चाय की चुस्कियां लेते हैं वह सिंगल यूज प्लास्टिक है, आप चाट वाले की दुकान पर जिस प्लास्टिक की प्लेट में गोलगप्पे या पापड़ी खाते हैं वह सिंगल यूज प्लास्टिक है, आप बाजार से जो पानी की बोलत खरीद कर पीते हैं वह सिंगल यूज प्लास्टिक है। इस प्रकार रोजमर्रा की जिंदगी में प्लास्टिक हमारे जीवन के लिए खतरा बना हुआ है और वृहद स्तर पर हानिकारक साबित हो रहा है। आज हमें प्लास्टिक के उपयोग को अधिक से अधिक कम करने की आवश्यकता है। प्लास्टिक का उपयोग रोकें और सुरक्षित रहें । : उमेश पंसारी छात्र (पी.जी. कॉलेज, सीहोर)

विद्यालयों में कोरोना वायरस से बचाव के उपाय बताये जायेंगे

प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती रश्मि अरुण शमी ने प्रदेश के समस्त शासकीय एवं अशासकीय  विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के उपाय बताने और जागरूकता उत्पन्न करने के निर्देश दिये हैं। बच्चों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए शिक्षक विद्यार्थियों को छींकने, खांसने, टॉयलेट आदि के पश्चात् एवं बीमार व्यक्ति से मिलने, खाना पकाने अथवा खाना खाने इत्यादि के पहले एवं बाद में साबुन एवं जल से नियमित रूप से हाथ धोने जैसे उपाय बतायेंगे।  साथ ही छींकते एवं खाँसते समय नाक व मुंह को रुमाल, टिशू या कोनी से ढाँक कर रखने जैसी सतर्कता रखने की जानकारी दी जायेगी। खाँसी, जुकाम या बुखार से पीड़ित व्यक्ति से कम से कम एक मीटर की दूरी बनाये रखने को कहा जायेगा।  खाँसी, जुकाम, बुखार या साँस लेने में तकलीफ की दशा में तत्काल चिकित्सक से संपर्क करने और  बुखार या सर्दी-जुकाम की दशा में यात्राएं टालने की समझाइश विद्यार्थियों को दी जायेगी।

अंतर्राष्ट्रीय खुशहाली दिवस 20 मार्च को मनाया जाएगा

मध्यप्रदेश शासन के राज्य आनंद संस्थान के निर्देशानुसार 20 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय खुशहाली दिवस मनाया जा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय खुशहाली दिवस पर जिले में राज्य आनंदम संस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में विद्यार्थी, व्यवसायी, स्वैच्छिक संस्थाएं, समाजसेवी, मोटिवेशनल स्पीकर्स, शिक्षाविद, विचारक आदि शामिल होंगे। उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र के आव्हान पर प्रति वर्ष 20 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय खुशहाली दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य व्यक्ति को इस बात का आभास कराना है कि केवल आर्थिक विकास ही आवश्यक नहीं है बल्कि लोगों की खुशहाली और सुख को बढ़ाना भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इसके अतिरिक्त यह दिवस समावेशी, न्यायोचित एवं सतुलित आर्थिक विकास की जरूरत पर बल देता है जिसमें सतत् उन्नति, गरीबी उन्मूलन और सभी की खुशहाली व सुख को निश्चित किया जा सके।

नरवाई से जैविक खाद भू-नाडेप, वर्मी कम्पोस्ट बनाने की सलाह

कृषि विभाग द्वारा जिले के किसानों को गेहूँ की फसल काटने के बाद बचे हुए अवशेष (नरवाई) नहीं जलाने की सलाह दी गई है। नरवाई जलाने से एक ओर जहां खेतों में अग्नि दुर्घटना की संभावना रहती है वहीं मिट्टी की उर्वरकता पर भी विपरीत असर पड़ता है। इसके साथ ही धुएँ से कार्बन डायआक्साइड से तापक्रम बढता है ओर वायु प्रदूषण भी होता है। मिट्टी की उर्वरा परत लगभग 6 इंच की ऊपरी सतह पर ही होती है इसमें खेती के लिए लाभदायक मित्र जीवाणु उपस्थित रहते हैं। नरवाई जलाने से यह नष्ट हो जाते हैं, जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति को नुकसान होता है। नरवाई जलाने की बजाए यदि फसल अवशेषों और ड़ठलो को एकत्र कर जैविक खाद जैसे भू-नाडेप, वर्मी कम्पोस्ट आदि बनाने में उपयोग किया जाए तो यह बहुत जल्दी सड़कर पोषक तत्वों से भरपूर खाद बना सकते है। इसके अतिरिक्त खेत में कल्टीवेटर, रोटावेटर या डिस्क हेरो की सहायता से फसल अवशेषों को भूमि में मिलाने से आने वाली फसलों में जीवांश के रूप में बचत की जा सकती है। इसके लिए किसान हलधर योजना का लाभ लेकर गहरी जुताई भी कर सकते है। किसान सामान्य हार्वेस्टर से गेहूँ कटवाने के स्थान पर स्ट्रारीपर एवं हार्वेस्टर का उपयोग करे तो पशुओं के लिये भूसा व खेत के लिये बहुमूल्य पौषक तत्वों की उपलब्धता बढने के साथ मिट्टी की संरचना को बिगड़ने से भी बचाया जा सकता है।

पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति के ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 20 मार्च

अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति योजनांतर्गत वर्ष 2019-20 हेतु विद्यार्थियों के आवेदन ऑनलाइन प्राप्त किये जाने की अंतिम तिथि 20 मार्च, 2020 निर्धारित की गई है। जिला कार्यालय द्वारा प्राप्त आवेदनों की स्वीकृति की अंतिम तिथि 31 मार्च, 2020 है। अनुसूचित जाति के समस्त विद्यार्थियों जिन्होंने छात्रवृत्ति हेतु आवेदन नहीं किया है वे पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन 20 मार्च तक कर सकते है।

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