लॉकडाउन के दौरान यात्रियों के परिवहन के लिए चलाए जाएंगे यात्री वाहन
कारोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम और बचाव के लिए लॉकडाउन के दौरान यात्रियों के परिवहन के संबंध में प्रमुख सचिव परिवहन विभाग द्वारा दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने जिला परिवहन अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के किसी जिले से अन्य जिले को यात्री वाहन द्वारा भेजे जाने वाले यात्रियों को अन्य जिले में जिला मुख्यालय तक पहुंचाया जाएगा। जिला मुख्यालय से उस जिले के अन्तर्गत आने वाले ग्रामों, तहसीलों, कस्बों आदि तक उन यात्रियों को पहुंचाने का उत्तरदायित्व संबंधित जिला परिवहन अधिकारी का होगा। किसी भी परिस्थिति में अन्य जिले से भेजी गई यात्री वाहन को विलंबित रोका न जाए। जिला मुख्यालय पर यात्रियों को उतारने के बाद उस वाहन को मूल जिले के लिए वापस रवाना किया जाए। उन्होंने कहा कि परिवहन अधिकारी वाहन में यात्रियों को बैठाने से पूर्व उस वाहन को ठीक से सेनेआईज करना तथा मूल जिले को वाहन वापस भेजने से पूर्व पुन: सेनेटाईज करना साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से वाहन की एक सीट पर एक ही व्यक्ति को बैठाया जाना सुनिश्चित करें। एक जिले से दूसरे जिले को यात्री भेजे जाने पर जिस वाहन से यात्रियों को रवाना किया जा रहा है, उस वाहन का पंजीयन क्रमांक, वाहन मालिक तथा चालक का नाम और उनके मोबाईल नंबर तथा उस वाहन को रवाना करने का गन्वय स्थान तक यात्रियों को पहुंचाकर वापस किए जाने का समय संबंधित परिवहन अधिकारी एक-दूसरे को अवगत करना सुनिश्चित करें। वाहन में यात्रियों को बैठाकर रवाना करने वाले गन्तव्य स्थान पर यात्रियों को वाहन से उतारने वाले परिवहन अधिकारी संबंधित जिले के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, स्वास्थ्य अधिकारी से समन्वय कर आवश्यक पुलिस कर्मियों की व्यवस्था तथा यात्रियों के स्वास्थ्य परीक्षण, सेनेटाइजेशन आदि की व्यवस्था भी सुनिश्चित करेंगे। प्रत्येक संभाग स्तरीय कार्यालय में कम से कम 10 यात्री वाहन तथा जिला स्तरीय कार्यालय पर कम से कम 5 यात्री वाहन हर समय उपलब्ध स्थिति में 24 घंटे रखा जाना सुनिश्चित करें।
सांसद श्री रमाकांत भार्गव ने एक माह का वेतन एवं 10 लाख रुपए मुख्यमंत्री राहत कोष में दिए दान
कोरोना वायरस से लड़ने हेतु जनप्रतिनिधि एवं समाजसेवियों ने दी दान राशि
विदिशा लोकसभा सांसद श्री रमाकांत भार्गव ने कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिये एक माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष दिया है। साथ ही उन्होंने 10 लाख रुपए स्वास्थ्य सेवाओं में लगे स्वास्थ्य कर्मियों के लिए मास्क एवं सेनेटाईजर के लिए दान स्वरुप दिए हैं। इसी प्रकार कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सीहोर के वी.आर.एस. ज्वैलर्स चरखा लाईन श्री गोवन्दि सोनी द्वारा 1 लाख रुपये की राशि प्रधानमंत्री राहत कोष में प्रदान की गई है।
मुख्यमंत्री द्वारा शराब दुकानें तत्काल बंद कराने के निर्देश 14 अप्रैल तक शुष्क दिवस घोषित
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने वाणिज्यिक कर (आबकारी) अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि पूरे प्रदेश में सभी देशी एवं विदेशी शराब की दुकानें तत्काल प्रभाव से बंद कराई जायें। उन्होंने कहा है कि कोई भी शराब दुकान खुली पाये जाने पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाये। इस संबंध में मध्यप्रदेश शासन उप सचिव वाण्ज्यिकर विभाग द्वारा कलेक्टर को आदेश जारी कर दिया गया है कि राष्ट्रीय विपदा कोरोना वायरस के फैलाव पर नियंत्रण एवं बचाव के तहत 28 मार्च 2020 से 14 अप्रैल 2020 तक संपूर्ण प्रदेश में लॉकडाउन रहने से अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की भांति मदिरा एवं भांग दुकानों का संचालन बंद किया जाए।
कोरोना से बचाव के लिये पूरी सावधानी बरतें नागरिक - मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना वायरस के प्रकोप से बचाव के लिये सभी प्रदेशवासियों से अपील की है कि पूरी सावधानी बरतें। श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना को किसी भी स्थिति में फैलने नहीं दिया जाएगा। राज्य सरकार इसके लिए सभी आवश्यक प्रबंध कर रही है। राज्य में मेडिकल कॉलेज और अन्य निजी क्षेत्र के बड़े अस्पताल, स्पेसिफिक अस्पताल के रूप में कार्य करेंगे। आवश्यक औषधियों, मास्क, पीपीई किट और आवश्यक होने पर उपयोग में आने वाले वेंटिलेटर्स की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में प्रत्येक व्यक्ति आइसोलेशन के निर्देशों का पालन करें। खुद को और परिवार को स्वस्थ रखने में सहयोग करें। श्री चौहान ने कहा कि ऐसी जानकारी मिली है कि कुछ नागरिक विदेश से लौटे हैं। उन्होंने बताया कि उनसे सम्पर्क कर उनके परिजनों के संक्रमित होने की आशंका को समाप्त करने का भी प्रयास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इस सतर्कता से ऐसे व्यक्ति स्वयं को क्वारेंटाइन करते हुए संपूर्ण समुदाय के कल्याण को सुनिश्चित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह सामूहिक चिंता और दायित्व का विषय है। श्री चौहान ने आमजन से इस कार्य में पूरा सहयोग करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि आपदा की इस कठिन घड़ी में मध्यप्रदेश सरकार जनता के साथ है।
प्रदेश में कोरोना के पॉजिटिव मरीजों के क्षेत्र में हो रही घर-घर जाँच
राज्य शासन ने कोरोना वायरस संक्रमण के पॉजिटिव पाये गये मरीजों के क्षेत्रों में तीन किलोमीटर परिधि को पूरी तरह लॉकडाउन कर घर-घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग और जाँच की व्यवस्था की है। यह कार्यवाही राज्य शासन द्वारा जारी समीकृत लॉकडाउन गाइड लाइन के अनुसार की जा रही है। जन सामान्य की सुविधा और जागरुकता के लिये अब तक 8670 यात्रियों की जानकारी स्टेट पोर्टल 3222217 mphealthresponse.nhmmp.gov.in/covid/ पर अपलोड की गई है। मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ एक्ट 1949 के अन्तर्गत भोपाल मेमोरियल अस्पताल एवं रिसर्च संस्थान भोपाल को कोविड-19 की बीमारी के उपचार के लिये अधिकृत किया गया है। प्रत्येक जिले में मेडिकल मोबाइल यूनिट तथा रेपिड रिस्पांस टीम संचालित है। जाँच कार्य प्रभावी रूप से किया जा रहा है। प्रदेश में अब तक 264 नमूने नेगिटिव पाये गये हैं।प्रदेश में अब तक 1602 यात्रियों को आब्जर्वेशन में रखा गया है। इनमें से 493 ने 28 दिन का क्वारंटाईन पूर्ण किया है। घर पर आईसोलेशन में 1060 तथा अस्पताल में आईसोलेशन में रहने वालों की संख्या 125 है। प्रदेश में अब तक 338 व्यक्तियों के नमूने लिये गये, जिनमें से 264 नेगिटिव पाये गये हैं। अब तक पॉजिटिव प्रकरणों की संख्या 27 है। प्रदेश में सोशल डिस्टेंसिंग के मापदंडों का पालन करते हुए आवश्यक सेवाओं को बिना बाधा के जारी रखा जा रहा है।
बैंकिंग और एटीएम सुविधा का निर्बाध संचालन के निर्देश
राज्य शासन ने कोरोना वायरस की रोकथाम के लिये बैंक और एटीएम सुविधा का निर्बाध संचालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। आयुक्त, संस्थागत वित्त श्री सुखवीर सिंह ने निर्देशित किया है कि लॉकडाउन के दौरान इन सेवाओं का निर्बाध संचालन करायें। साथ ही, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा इस बारे में जारी निर्देशों का कड़ाई से पालन कराने के लिये कहा गया है।
आमजन की आवश्यकताओं और समस्याओं का त्वरित निराकरण होगा
राज्य शासन ने कोरोना वायरस महामारी के संक्रमण के बचाव के प्रयासों के दौरान आमजन की मूलभूत आवश्यकताओं और समस्याओं का त्वरित निराकरण करने के लिये राज्य-स्तरीय कंट्रोल रूम शुरू करने का निर्णय लिया है। यह कंट्रोल रूम स्मार्ट सिटी कार्यालय भोपाल के इन्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कंट्रोल सेन्टर में रहेगा तथा 24x7 काम करेगा। गृह विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार राज्य-स्तरीय कंट्रोल रूम में प्रशासनिक विषयों के संबंध में संभागों एवं जिलों से प्राप्त होने वाली आमजन की मूलभूत समस्याओं तथा आवश्यकताओं की शिकायतों के निराकरण के लिये 5 प्रमुख विभागों के अधिकारी आवश्यक रूप से उपस्थित रहेंगे। ये विभाग वाणिज्यिक कर, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, परिवहन, गृह (पुलिस) और नगरीय विकास एवं आवास हैं। आवश्यकता होने पर अन्य विभागों के अधिकारियों को भी कंट्रोल रूम में शामिल किया जायेगा। ये सभी विभाग तत्काल तीन विभागीय अधिकारियों की तीन शिफ्ट में कंट्रोल रूम पर ड्यूटी लगायेंगे तथा एक अधिकारी को रिजर्व के रूप में रखेंगे। नामांकित अधिकारियों की मोबाइल नम्बर सहित पूरी जानकारी संबंधित विभाग गृह विभाग के नोडल अधिकारी को देगा। राज्य-स्तरीय कंट्रोल रूम में आमजन की गैस सिलेण्डर, केरोसिन, पेट्रोल, डीजल, फल-सब्जी, दूध, किराना तथा अन्य अति-आवश्यक सामग्री की उपलब्धता की समस्याओं का त्वरित निराकरण किया जायेगा। इसके साथ ही, आवश्यक सामग्री की राज्य में और अन्तर्राज्यीय स्तर पर परिवहन की व्यवस्था तथा फँसे हुए माला वाहक ट्रकों का निराकरण भी कंट्रोल रूम करेगा। यहाँ पर निराश्रित एवं असहाय व्यक्तियों को भोजन और अन्य बुनियादी आवश्यकताओं के लिये सहयोग प्रदान किया जायेगा। अन्य प्रदेशों में फँसे मध्यप्रदेश के निवासियों और मध्यप्रदेश में फँसे अन्य प्रदेशों के निवासियों की समस्याओं का निराकरण राज्य-स्तरीय कंट्रोल रूम में होगा। कंट्रोल रूम की ड्यूटीज में समय-समय पर आवश्यकता के अनुसार अन्य विषय भी जोड़े जायेंगे। राज्य-स्तरीय कंट्रोल रूम की कार्य-प्रणाली नागरिकों द्वारा अपनी समस्याएँ पूर्व से संचालित कॉल सेन्टर के टोल फ्री नम्बर 181/104 पर दर्ज कराई जायेगी। इसके अतिरिक्त, नागरिक अपनी शिकायत वाट्सअप मैसेजिंग नम्बर 8989011180 पर भेज सकेंगे। कॉल सेन्टर पर प्राप्त शिकायतों को राज्य-स्तरीय कंट्रोल रूम से जिले के कंट्रोल रूम को भेजा जायेगा। जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा की गई निराकरण की कार्यवाही सीएम हेल्पलाइन पोर्टल पर दर्ज की जाएगी तथा डेसबोर्ड पर भी प्रदर्शित की जाएगी। राज्य-स्तरीय कंट्रोल रूम में पदस्थ अधिकारियों कायह दायित्व होगा कि संबंधित जिले में संबंधित अधिकारी से समन्वय कर समस्याओं का निराकरण सुनिश्चित करायें। समस्याओं के निराकरण की गुणवत्ता का पर्यवेक्षण राज्य-स्तरीय कंट्रोल रूम में पदस्थ अधिकारी निरंतर करेंगे।
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