मोदी के टि्वटर पर छायी रही प्रेरणा देने वाली महिलाएं - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 8 मार्च 2020

मोदी के टि्वटर पर छायी रही प्रेरणा देने वाली महिलाएं

seven-women-on-modi-twiter
नयी दिल्ली, 08 मार्च, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के टि्वटर अकाउंट पर सात ऐसी महिलाएं छायी रही जिन्होंने अपने कामों से देश और दुनिया को प्रेरणा दी है। श्री मोदी ने रविवार सुबह महिला दिवस के अवसर पर अपना सोशल मीडिया अकाउंट इन सात सम्मानित महिलाओं के हाथों सौंप दिया। इन महिलाओं ने टि्वटर पर लोगों के साथ अपने यादगार लम्हों को साझा किया और अपनी कहानी बताकर लोगों को प्रेरित किया। इन महिलाओं में स्नेहा मोहनदास ,डा मालविका अय्यर, अरिफा, कल्पना रमेश,विजया पवार , कलावती देवी और मुंगेर की वीणा देवी शामिल हैं। स्नेहा मोहनदास ने अपनी माता से प्रेरणा लेकर भूखमरी मिटाने के लिए फूडबैंक इंडिया की पहल की। इसमें बड़े पैमाने पर भोजन बनाने, भोजन बनाने के अलग अलग तरीके और स्तनपान के बारे में जागरूकता अभियान चलाना शामिल है। उन्होंने टि्वट किया , “ आप खाने के बारे में सोचते होंगे लेकिन अब कुछ करने और गरीबों के भविष्य के बारे में कदम उठाना चाहिए। मैं स्नेहा मोहनदास हूं । अपनी माता से प्रेरणा लेकर मैंने फूडबैंक की शुरूआत की थी। मेरी माता बेघरों को खाना खिलाती थी। ” डा मालविका अय्यर ने एक बम विस्फोट में अपने हाथ और एक पैर खो दिया। इससे विचलित हुए बिना उन्होंने पढाई की और पीएचडी की उपाधि हासिल की। उन्होंने टि्वट किया , “ स्वीकार्यता सबसे बड़ा पुरस्कार है जो हम अपने आपको दे सकते हैं। हम अपने जीवन को नियंत्रित नहीं कर सकते लेकिन हम जीवन के प्रति अपने नजरिये को जरूर नियंत्रित कर सकते हैं। अंत में यही महत्वपूर्ण है कि हम चुनौतियों का सामना कैसे करते हैं। ” अरिफा कश्मीर के पारंपरिक शिल्प नर्मदा शिल्प को बढावा देने का काम कर रही हैं। उनका कहना है कि महिलाओं का आत्मनिर्भर होना और दूसरी महिलाओं की मदद करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने टि्वट किया , “ मैंने हमेशा से कश्मीर के पारंपरिक शिल्प को जिंदा रखने और बढावा देने का सपना देखा क्योंकि इससे स्थानीय महिलाओं की स्थिति मजबूती होती है। मैंने महिला कारीगरों की स्थितिदेखी है इसलिए मैंने नर्मदा शिल्प को जीवित रखने का काम किया। ”  

कोई टिप्पणी नहीं: