फ़िल्म "भूमिजा" के निर्माता,निर्देशक एवं अभिनेता से बातचीत - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 8 मार्च 2020

फ़िल्म "भूमिजा" के निर्माता,निर्देशक एवं अभिनेता से बातचीत

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अरुण शाण्डिल्य (बेगूसराय) होली पर कथानक बातचीत के दौरान फ़िल्म अभीनेता मृदुल शरण जी की भावनात्मक विचार। प्रेम और सद्भावना के प्रतीक,अध्यात्म का एक अनोखा पर्व जिसे हम वैदिक काल से ही मनाते आ रहें हैं जिसे हमसब "होली" के रूप में  जानते हैं और जिसे हमसब मिलकर  बड़े  ही धुमधाम से मनाते भी आ रहे हैं।ये "होली" एक बार पुनः हमारे दरवाजे पर दस्तक दे रही है। इस शुभ मौके पर फ़िल्म "भूमिजा" की निर्माण की घोषणा करते हुए निर्माता मधुरत्न मिश्रा,रत्नेश चतुर्वेदी एवं निर्देशक अजित कुमार,सह-निर्देशिका भूमिका गणेश (नेपाल) के साथ साथ अभिनेता मृदुल शरण (मुंबई ) एवं अभिनेत्री समीरा(दुबई;  UAE) अपनी अगामी फिल्म " भूमिजा" के सारे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सदस्यों के तरफ से आपसबों को "होली" की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ देते हैं।साथ ही यह सन्देश भी कि होलिका दहन के दिन "होली" जलाकर  "होलिका" नामक  दुर्भावना का अंत और भगवान द्वारा भक्त  की रक्षा का जश्न मनाया जाता है, इस प्रतीकात्मक संदेश  को ध्यान  में रखकर हमें  भी "होली" की ऐतिहासिकता  को ध्यान  में रखकर इसे बड़े ही सौहार्दपूर्ण तरीके से आपस में मिलजुल कर मनाना चाहिए और हुडदंगता का बहिष्कार करना चाहिए।फ़िल्म " भूमिजा" ऐसे  किसी "होली" का समर्थन  नहीं  करता  जिसमें शालिनता और शिष्टाचार न हो। "होली" के आड़ में  महिलाओं के उपर गंदे टीका-टीप्पणी, दुर्व्यवहार और अभद्रता का घोर विरोधी है  "भूमिजा"। जैसा  आपसब जानते हैं कि " भूमिजा" न सिर्फ  एक फिल्म है ब्लिक  एक विचारधारा,एक अभियान और एक आंदोलन है जो अपने समाज में स्त्रियों के मान सम्मान, इज्जत और प्रतिष्ठा के लिए  वचनवद्ध है।तो आइए हम सभी एक दूसरे के गिले शिकवे भूलकर अपने भारतीय संस्कृति की सबसे खुबसूरत "रंग" होली को मौहब्बत के पानी में घोलकर रिश्तों  के पिचकारी से प्रेम और अपनत्व  की बौछार करें।रंग और गुलाल से सौहार्दपूर्ण वातावरण कायम कर बदलते संवत् में अपने सारे अवगुणों को होलिका के साथ जलाकर राख कर दें,और प्रेम,सौहार्द से ओत-प्रोत एक नूतन राष्ट्र का सृजन करें।एक ऐसा राष्ट्र जिसमें तनिक भी किसी को किसी से द्वेषता नहीं रहे,आपस में सभी एकदूसरे के साथ भातृत्व की भावना से मिलकर काम करें,नारी को मातृवत,बहिन,सखा,हमदर्द समझें।नारीशक्ति का सम्मान करें।

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