अरुण शाण्डिल्य (बेगूसराय) लॉक डाउन में भी ये बिहारी अपनी हिम्मत न हारी।चल दी अपने घर की तरफ करके अपनी ही रिक्शे की सवारी।जी हाँ रोजी रोटी पर आया तो अपने राजधानी दिल्ली से रिक्शा चलाते हुए लालू और धनञ्जय ने आपस मे दिल्ली छोड़ने का विचार किया।परन्तु घर आने के लिए कोई सवारी तो मिली नहीं लॉक डाउन की वजह से तो दोनों ने रिक्शा से ही बिहार और बिहार से खगड़िया के लिए रवाना हो लिए।ये दोनों दिल्ली में रिक्शा चलाकर अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे।ये दोनों आपस में चाचा-भतीजा हैं।
ये दोनों बारी बारी से रिक्शा चलाते 05 दिनों में चले 900 किलोमीटर।
लालू और धनंजय 05 दिनों तक रिक्शा चलाकर 900 किमी की दूरी तय कर मंगलवार को यूपी के चंदौली पहुंचे।जब लालू थकते हैं तो धनंजय रिक्शा चलाते हैं।इस तरह से दोनों दिल्ली से खगड़िया अपने गांव आ रहे हैं।फिर भी उनको लोगों को अभी 350 किमी और चलना है. दोनों कहते हैं कि जब 900 किमी तक सफर तय कर लिए तो आगे भी चले ही जाएंगे।
ये लोग कई वर्षों से दिल्ली रहकर रिक्शा चला रहे थे।
दोनों कमाने को लेकर कई सालों से दिल्ली में रह रहे थे।जिसके बाद दोनों रिक्शा चलाने लगे।यही रिक्शा इनके कमाने का साधन था दिल्ली में।लेकिन लॉकडाउन के कारण दिल्ली को लॉक कर दिया गया है,दिल्ली ही क्यों पीर देश में लॉक डाउन की स्थिति बनी हुई है।जिसको लेकर इनकी कमाई बंद हो गई,ऐसी स्थिति में मजबूरन दिल्ली छोड़ने को विवश हो गए।आपको बता दें कि इससे पहले मोतिहारी के शख्स भी दिल्ली से रिक्शा चलाते हुए मोतिहारी पहुंचा था।उसकी भी दिल्ली छोड़ने की लगभग यही कहानी थी।लॉकडाउन के बाद से हजारों बिहार के रहने वाले लोग पैदल ही आ भी रहे हैं। दिल्ली के अलावे पश्चिम बंगाल और झारखंड से भी हजारों मजदूर पैदल ही अपने गांव पहुंच चुके हैं।
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