खुशियों की दास्तां : योजना ने किराए ट्रेक्टर से मुक्ति दिलाई
लटेरी विकासखण्ड मेंं मोहनपुरखुर्द ग्राम के बापूलाल /श्री रायसिंह आदिवासी को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के माध्यम से ट्रेक्टर का मालिक बनाया है। प्रभारी मंत्री श्री हर्षयादव ने रविवार को लटेरी मेंं आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम स्थल पर हितग्राही बापूलाल राय सिंह को ट्रेक्टर की चॉबी सौंपी है। आदिम जाति कल्याण विभाग के माध्यम से क्रियान्वित मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत नौ लाख 75 हजार कीमत का फार्मट्रेक कंपनी का ट्रेक्टर प्रदाय किया गया है जिसमें दो लाख रूपए का अनुदान भी हितग्राही बापूलाल आदिवासी को मिला है। टै्रक्टर की चाबी मिलने के बाद हितग्राही बाबूलाल के चेहरे की प्रसन्नता स्पष्ट देखी जा सकती थी। चर्चा में हितग्राही बापूलाल ने बताया कि अब साब किरायो का ट्रेक्टर नही लेनो पडेगा। जहां पहले पांच सौ से सात रूपए प्रतिघंटे की दर से टै्रक्टर लेना पड़ता था। शासन की योजना ने अब हम खुदही ट्रेक्टर को मालिक बना दयो है। 25 बीघा के कृषक बापूलाल का कहना है कि खेती किसानी के अलावा अन्य कार्या के लिए टै्रक्टर किराये से दे सकूंगा।
नल-जल योजनाओं के कनेक्शन नही काटेगें-कलेक्टर
कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने आज लंबित आवेदनों की समीक्षा बैठक के दौरान ऊर्जा विभाग के अधिकिरयों को सख्त हिदायत देते हुए कहा कि किसी भी नल-जल योजना का बिजली कनेक्शन नही काटेंगे। उन्होंने कहा कि मेरे जानकारी के बिना जिले में कही नलजल योजना का बिजली कनेक्शन काटे होने की सूचना मिली तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाएगी। कलेक्टर श्री सिंह ने ग्रीष्मकाल के दौरान जल आपूर्ति सतत बनी रहे के पुख्ता प्रबंध सुनिश्चित करने के निर्देश लोक स्वास्थ्या यांत्रिकीय विभाग के साथ-साथ जनपदों एवं निकायो के अधिकारियों को दिए। उन्होंने समस्त एसडीएमों को भी पेयजल आपूर्ति के कार्यो की सतत मानिटरिंग करने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि जिले में कही भी जल परिवहन की परिस्थितियां निर्मित ना हो का विशेष ध्यान रखें। कलेक्टर श्री सिंह ने बिगडे़ हेण्ड पंपो, नलजल योजनाओं की सूचनाएं त्वरित प्राप्ति हेतु तहसील स्तर तक जानकारियां संकलित करने हेतु कंट्रोल रूम संचालित किए जाएं ओर बिगडे हुए हेण्डपंपों को एक दिवस में ही दुरूस्त कराया जाए। जिन हेण्डपंपो में पाइप बढाने है अथवा सिंगल फेस की मशीन डालने की आवश्यकता है तो चिन्हित हेण्डपंपो में उपरोक्त कार्य शीघ्रतिशीघ्र पूरा कराया जाए।
चिटफंड माइक्रोफायनेंस कंपनियों की जांच पड़ताल
कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने आज लंबित आवेदनों की समीक्षा बैठक के दौरान समस्त एसडीएम को निर्देश दिए है कि उनके कार्यक्षेत्रों में यदि कही कोई चिटफंड अथवा माइक्रोफायनेंस कंपनियां संचालित हो रही है तो उनकी जांच अनिवार्यतः करें। आमजनों को सूदखोरी से बचाने हेतु अभियान के रूप में जांच पड़ताल कार्य किए जाएं। कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि अधिक ब्याज दर पर अनेक माइक्रोफायनेंस कंपनियां आमजनों के साथ धोकाधडी कर रही है ऐसी सूचनाएं प्राप्त होने के पूर्व ही कसावट लाएं।
राजस्व प्रकरणों का निराकरण शिविर आयोजित कर करें
कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने आज लंबित आवेदनों की समीक्षा बैठक में कहा कि राजस्व विभाग से संबंधित छह माह तक के दर्ज प्रकरणों का शत प्रतिशत निराकरण किया जाए। उन्होंने अनुविभाग स्तर पर विशेष शिविर आयोजित कर प्रकरणों का शत प्रतिशत निराकरण करने के निर्देश दिए है। कलेक्टर श्री सिंह ने समस्त एसडीएम, तहसीलदारों को बैठक में निर्देश दिए है कि उनकी गोपनीयता चरित्रावली में इस बात का विशेष उल्लेख किया जाएगा कि राजस्व प्रकरणों के निराकरण में किसी प्रकार की रूचि इनके कार्यो से प्रदर्शित हो रही है।
उपार्जन कार्यो का जायजा
कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने टीएल बैठक में समर्थन म्ूल्य पर क्रय की जाने वाली रबी फसलों के भण्डारण हेतु क्या प्रबंध किए गए है कि भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जिले में लगभग साढे पांच लाख मैट्रिक टन गेंहू का उपार्जन समर्थन मूल्य पर होने की संभावना है। इसके लिए भण्डारण हेतु अभी से स्थलों का चिन्हांकन किया जाए। उन्होंनें गमाखर के पास प्लास्टिक सायलो के निर्माण कार्यो की जानकारियां प्राप्त की। बैठक में ंबताया गया कि जिले में पंजीकृत किसानो ंसे समर्थन मूल्य पर गेंहू खरीदी का कार्य 25 मार्च से शुरू होगा जो 22 मई तक जारी रहेगा। कलेक्टर श्री सिंह ने उपार्जन केन्द्रों पर किसानों के लिए किए जाने वाले प्रबंधों का अक्षरशः क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि पंजीकृत किसानों को जिस तिथि में फसल विक्रय करने का एसएमएस प्रेषित किया जाएगा। उसी दिन शाम तक शत प्रतिशत एसएमएसधारी कृषकों की फसलों की तुलाई कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता से पूरा कराया जाए। कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में सम्पन्न हुई उक्त बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री मयंक अग्र्रवाल, अपर कलेक्टर श्री वृदांवन सिंह तथा डिप्टी कलेक्टर सर्वश्री लोकेन्द्र सरल, प्रवीण प्रजापति, तन्मय वर्मा के अलावा समस्त एसडीएम एवं विभिन्न विभागों के जिलाधिकारी मौजूद थे।
नक्शे में प्रदर्शित रंगों अनुसार विभागों को कक्षों का आवंटन
कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने पुरानी जिला चिकित्सालय भवन के कक्षो का आवंटन विभागों को नक्शा में दर्शित अनुसार शर्तो पर आवंटित किया गया है। कलेक्टर श्री सिंह के द्वारा जारी आदेश का हवाला देते हुए अपर कलेक्टर श्री वृदांवन सिंह ने बताया कि पुराने जिला चिकित्सालय के रिक्त भवन में चोरी, टूट-फूट ना होत तथा सुरक्षा बनी रहें को ध्यानगत रखते हुए विभागों को आवंटन अस्थायी रूप से जारी किया गया है। सरकार को आवश्यकता पड़ने पर आवंटित भवन कक्ष वापिस ले सकेंगी। संबंधित विभाग न्यूनतम किराया तय कर सकेंगे। पुरानी चिकित्सालय भवन के भाग-एक सामाजिक न्याय विभाग को आवंटित किया गया है। उक्त आवंटित क्षेत्र पी रंग से नक्शे में दर्शित किया गया है। इसी प्रकार भाग-दो सिटी हास्पिटल विदिशा को गुलाबी रंग में जबकि भाग-तीन नगरपालिका विदिशा को नक्शे में हरा रंग में दर्शित किया गया है।
जिला स्तरीय सतर्कता एवं मानिटरिंग समिति की बैठक 16 को
कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह की अध्यक्षता में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति की जिला स्तरीय सतर्कता एवं मानिटरिंग समिति की बैठक 16 मार्च को आयोजित की गई है। यह बैठक कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में दोपहर दो बजे से आहूत की गई है। आदिम जाति कल्याण विभाग के जिला संयोजक ने बताया कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत गठित उक्त समिति की प्रथम त्रैमासिक बैठक की सूचनाएं समिति के सभी सम्माननीय सदस्यों को प्रेषित की गई है।
अनुदान पर सोलर पंप उपलब्ध कराएं
मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना के तहत जिले के कृषकों से आवेदन आमंत्रित किए गए है। अनुदान पर उपलब्ध सोलर पम्प की जानकारी देते हुए मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास लिमिटेड के जिला प्रबंधक श्री आरएस ठाकुर ने बताया कि जिले को 2449 सोलर पम्पों का लक्ष्य प्राप्त हुआ है जिसमें से अब तक 562 किसानो के खेतो में सोलर पम्प स्थापित किए जा चुके है। 767 सोलर पम्प लगाने की प्रोसेस प्रक्रिया में है। लक्ष्य की पूर्ति हेतु आवेदन 31 मार्च 2021 तक आमंत्रित किए गए है। जिला प्रबंधक श्री ठाकुर ने बताया कि कृषकों को सिंचाई हेतु सोलर पम्प योजना के तहत ऐसे कृषकबंधु जिनके खेत क्षेत्रों में विद्युत ग्रेड की पहुंच नही है वहां सिंचाई के संसाधन सुगमता से उपलब्ध हो ताकि सिंचित क्षेत्र में आत्म निर्भर होकर कृषक अपनी आमदनी बढा सकें। मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना के तहत कृषकों को पहली बार साढे सात एचपी का पम्प भी अनुदान पर दिए जाने का प्रावधान रखा गया है। जिससे ऐसे क्षेत्र के कृषकों को भी सोलर पम्प का लाभ मिल सकेगा। जहां बोर की गहराई अधिक है। मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना के तहत आवेदन पोर्टलू www.cmsolarpump.mp.gov.in पर दर्ज कर सकते है। कृषकों को पंजीयन के समय पांच हजार रूपए जमा करने होंगे। शेष राशि सर्वे उपरांत कृषक की उपयोगिता व योग्यता क्षमता के सोलर पम्प चयन करने पर देय होगी। एक एचपी से लेकर पांच एचपी क्षमता के लिए डीसी पम्प उपलब्ध कराए जाएंगे तथापि 7.5 एचपी क्षमता में एसी एवं डीसी दोनो प्रकार के पम्पों का प्रावधान है। सोलर पम्पों के प्रकार व उसमे हितग्राही कृषक को अंशदान राशि की जानकारी बेवसाइट अथवा अक्षय ऊर्जा कार्यालय से कार्यालयीन दिवसो अवधि में सम्पर्क कर प्राप्त की जा सकती है।
होली में कोरोना वायरस से बचाव के उपाय
वर्तमान समय में कोरोना वायरस के मद्देनजर गुलाल से सूखी होली खेला जाना ही उचित है। सुरक्षित होली के लिए इन सलाहों पर अमल करें ताकि त्यौहार का मजा फीका न पड़े। होली खेलने से पहले मॉइचराइजिंग लोशन, जैतून (ऑलिव) या नारियल का तेल त्वचा पर लगा लें। इससे आपकी त्वचा सुरक्षित भी रहती है और किसी प्रकार का रंग भी कम लगता है। होली के रंगों से आपके बाल और सिर की त्वचा खराब हो सकती है, इसलिये आप सिर और बालों में तेल लगा सकते हैं या कैप (टोपी) पहनकर उन्हें सुरक्षित रख सकते हैं। केवल जैविक (ऑर्गेनिक) तरीके से बनाए रंगों का ही प्रयोग करें, सबसे अच्छे हैं प्राकृतिक सामग्रियों से बने रंग। होली मनाने के बाद अपने आपको साधारण पानी और साबुन से साफ करें। कठोर साबुन, डिटर्जेंट या अन्य केमिकल का उपयोग करने से बचें, इनसे भी त्वचा को नुकसान पहुंच सकता है। आंखों में रंग चले गए हों तो उन्हें ठंडे पानी से धो लें। किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति में नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र या जिला चिकित्सालय में सम्पर्क करें।
होली पर्व पर बरतें सावधानी, केमिकल युक्त रंगों के इस्तेमाल से करें परहेज
कोरोना वायरस से बचाव हेतु खेले सूखी होली
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ केसी अहिरवार ने बताया कि आगामी पर्व होली मनाने में बरती जाने वाली किसी भी प्रकार की असावधानी आंखों के लिए खतरा साबित हो सकती है। उन्होंने केमिकल युक्त रंगों का इस्तेमाल न करने एवं कोरोना वायरस से बचाव हेतु सूखी होली खेलने की आमजन से अपील की है। होली खेलते समय बरतें सावधानी उन्होंने बताया कि घटिया व केमिकल युक्त रंगों का इस्तेमाल और मुंह पर पानी फेंकना आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है। आंखें शरीर का अहम अंग है, इसलिए सभी को सावधानी बरतनी चाहिए ताकि होली के रंग, बदरंग न हों। होली पर्व पर हर्बल रंगों का ही इस्तेमाल करें। केमिकल युक्त रंगों से कई तरह के त्वचा संबंधी रोग हो सकते हैं। पिचकारी मुंह पर कतई न मारे, आंख में तेजी से पानी लगने से कोर्नियां पर जख्म हो सकता है। गंदे पानी का बिलकुल भी प्रयोग न करे क्योंकि इससे आंख में इंफेक्शन हो सकता है। जिन बच्चों को आंखों पर चश्मा चढ़ा हुआ है वे चश्मा उतारकर होली खेलें। होली के हुड़दंग में चश्मा टूट सकता है और उसका कांच आंख में भी घुस सकता है। यदि आप कॉन्टैक्ट लेंस पहनते हैं तो होली खेलने से पहले उन्हें निकालकर कर रख दें। चलती गाडियों पर रंग न डालें। इससे दुर्घटना की संभावना रहती है। स्वास्थ्य से जुड़े संभावित जोखिम में सबसे पहले है एलर्जी, होली के रंग अक्सर केमिकल से बनाए जाते हैं और इनसे कुछ लोगों को ऐलर्जिक रिएक्शन हो सकते हैं। एलर्जी से त्वचा, आंखों, नाक और गले में जलन हो सकती है। इनसे संवेदनशील लोगों में सर्दी, खांसी और सांस की तकलीफें भी हो सकती हैं। इनसे दमा और अन्य जटिल समस्याएं गंभीर रूप ले सकती हैं। होली के रंगों में संभावित हानिकारक केमिकल्स से त्वचा की समस्याएं होने से स्वास्थ्य को बहुत बड़ा खतरा होता है। इनसे खुजली, लालिमा, सूखापन, स्केलिंग, जलन का एहसास और फुंसियां हो सकती हैं। होली के रंगों का प्रभाव बालों पर भी पड़ सकता है। कई लोगों को होली के बाद बालों का झडना, सिर की त्वचा पर खुजली, गंजापन, बालों का बेजान और रूखा होने जैसी समस्याओं का सामान करना पड़ता है। आंखों से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं, जिनमें जलन, खुजली, आंखों में अधिक पानी आना, रोशनी के प्रति अधिक संवेदनशीलता, आंखों में दर्द या लाल होने के लक्षण शामिल होते हैं।
सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना -नौकरी के साथ प्रोत्साहन राशि
मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग और संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा के विभिन्न चरणों में सफल अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के अभ्यर्थियों के लिये प्रोत्साहन योजना चलाई जा रही है। संघ लोक सेवा आयोग की अखिल भारतीय सिविल सेवा परीक्षा में अभ्यर्थी को प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर 40 हजार रूपये, मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण होने पर 60 हजार रूपये एवं साक्षात्कार के बाद सफल होने पर 50 हजार रूपये प्रोत्साहन राशि दिये जाने का प्रावधान है। आय सीमा का किसी भी तरह का बंधन नहीं है। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में विभिन्न स्तरों पर सफल जनजातीय अभ्यर्थियों को भी प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराई जा रही है। प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर 20 हजार रूपये, मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर 30 हजार रूपये और साक्षात्कार के बाद सफल होने पर 25 हजार रूपये की राशि दी जा रही है।
नरवाई न जलाने के संबंध में कृषको से अपील
उप संचालक किसान कल्याण ने अवगत कराया कि गेहूँ काटने के बाद बचे हुये अवशेष ( खापा,डूढ़,डंठल) जलाना खेती के लिये आत्मघाती कदम सिद्व हो सकता है। इससे अन्य खेतो में अग्नि दुर्घटना की संभावना रहती है किन्तु मिट्टी की उर्वरकता पर भी विपरीत असर पड़ता है। इसके साथ ही धुएँ से कार्बन डाय-आक्साइड से तापक्रम बढता है ओर प्रदूषण वृद्धि भी होती है। उन्होंने किसानों से अपील की है कि वे किसी भी स्थिति में नरवाई न जलायें। उर्वरक परत लगभग 6 इंच की उपरी सतह पर ही होती है, इसमें तरह-तरह जीवाणु उपस्थित रहते है। जो खेती को कई तरीके से लाभ पहुचाते है,नरवाई जलाने से उत्पन्न उच्च तापमान में उपजाऊ मिट्टी की दशा ईट बनाने की प्रकिया की तरह कड़ी और जीवाणु रहित होती जाती है। जो धीरे-धीरे बंजरता की ओर बढने लगती है। नरवाई जलाने की अप्रेक्षा यदि फसल अवशेषों और ड़ठलो को एकत्र कर जैविक खाद जैसे भू-नाडेप,वर्मी कम्पोस्ट आदि बनाने में उपयोग किया जाये तो यह बहुत जल्दी सड़कर पोषक तत्वों से भरपूर खाद बना सकते है। इसके अतिरिक्त खेत में कल्टीवेटर,रोटावेटर या डिस्क हेरो की सहायता से फसल अवशेषो को भूमि में मिलाने से आने वाली फसलों में जीवांश के रूप में बचत की जा सकती है। इस हेतु किसान हलधर योजना का लाभ लेकर गहरी जुताई भी कर सकते है। किसान सामान्य हार्वेस्टर से गेहूँ कटवाने के स्थान पर स्ट्रारीपर एवं हार्वेस्टर का उपयोग करे तो पशुओं के लिये भूसा व खेत के लिये बहुमूल्य पौषक तत्वों की उपलब्धता बढने के साथ मिट्टी की संरचना को बिगडने से भी बचाया जा सकता है। दूसरी और नरवाई जलाने से अपनी या अन्य किसानों की फसल, घर,मवेशी आदि को भी नुकसान पहुँच सकता है। इस संबंध में राजस्व अधिकारों के अंतर्गत स्थानीय स्तर पर कानूनी कार्यवाही भी की जा सकती है।
वृत्तिकर जमा करने की अंतिम तिथि 31 मार्च
मध्यप्रदेश वृत्तिकर संशोधन अधिनियम 2018 के अंतर्गत वर्ष 2019-20 के लिये वृत्तिकर जमा करने की अंतिम तिथि 31 मार्च 2020 है। जीएसटी से पंजीयत व्यवसायी, निजी विद्यालय, चिकित्सक, चिकित्सा व्यवसायी, चार्टड एकाउण्टेंट , वकील, बीमा एजेंट, मदिरा दुकान संचालक, चिटफण्ड संचालित वाली संस्थायें या व्यक्ति सहकारी सोसायटी, ट्रांसपोर्टर, कोचिंग संस्थान, निजी चिकित्सालय, जिमसेंटर, धर्मकांटा, होटल, लाज, विवाह, मंडप, वीडियो पार्लर, फाईनेंस, कम्पनी, क्लीनिक, लैब, पैथोलॉजी, कियोस्क सेंटर से जुड़े व्यवसाईयों को 31 मार्च 2020 तक अनिवार्यतः वृत्तिकर जमा कराना होगा।
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