मुंबई, सात मार्च, भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज वसीम जाफर ने शनिवार को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने की घोषणा की जिससे दो दशक तक चले उनके शानदार करियर का भी अंत हो गया जिसमें उन्होंने प्रथम श्रेणी मैचों में ढेरों रन बनाये। इस 42 वर्षीय खिलाड़ी ने 1996-97 में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण किया तथा रणजी ट्राफी और ईरानी ट्राफी में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज बने। उन्होंने भारत की तरफ से 31 टेस्ट मैचों में 34.11 की औसत से 1,944 रन बनाये जिसमें पांच शतक और 11 अर्धशतक शामिल हैं। उनका उच्चतम स्कोर 212 रन है। जाफर ने बयान में कहा, ‘‘क्रिकेट में इतना लंबा समय बिताने के बाद अब आगे बढ़ने का वक्त है। लेकिन मेरे दिल के बेहद करीब रहे लाल गेंद के प्रारूप की तरह यह मेरे लिये केवल पहली पारी का अंत है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं अब दूसरी पारी पर ध्यान दूंगा। यह कोचिंग या कमेंट्री कुछ भी हो सकती है। मैं जहां तक संभव हो इस खेल से जुड़े रहना चाहता हूं क्योंकि इस खेल ने मुझे इतना कुछ दिया है। ’’ जाफर ने उन लोगों को याद किया जिन्होंने उनके करियर को संवारने में अहम भूमिका निभायी। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे स्कूली दिनों से लेकर पेशेवर क्रिकेट तक मेरे कोच रहे सभी प्रशिक्षकों का विशेष आभार जिन्होंने मेरा कौशल संवारने में मदद की। चयनकर्ताओं का तहेदिल से आभार जिन्होंने मुझ पर भरोसा जताया। ’’ जाफर रणजी ट्राफी में 12,000 रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज है। उन्होंने अपने करियर में अधिकतर समय मुंबई का प्रतिनिधित्व किया। बाद के दिनों में वह विदर्भ से खेलने लगे थे। वह रणजी ट्राफी में 150 मैच खेलने वाले पहले बल्लेबाज हैं। उन्होंने कहा, ‘‘सबसे पहले मैं अल्लाह का शुक्रिया अदा करना चाहूंगा जिसने मुझे इस शानदार खेल को खेलने के लिये प्रतिभा बख्शी।’’ जाफर ने कहा, ‘‘मैं अपने परिजनों, मेरे माता पिता और भाईयों का आभार व्यक्त करना चाहता हूं जिन्होंने मुझे इस खेल को पेशे के तौर पर अपनाने के लिये प्रोत्साहित किया। मैं अपनी पत्नी का आभार व्यक्त करना चाहता हूं जिसने मेरा प्यारा घर बसाने और मेरे और बच्चों के लिये इंग्लैंड की आरामदायक जिंदगी छोड़ दी। ’’ यह सलामी बल्लेबाज उन कुछ भारतीय बल्लेबाजों में शामिल है जिन्होंने वेस्टइंडीज में दोहरा शतक लगाया है। उन्होंने कैरेबियाई टीम के खिलाफ सेंट लूसिया में 212 रन बनाये थे। जाफर ने 2006 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया। उन्होंने अपना पहला एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच 2006 में इसी प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ खेला था। जाफर ने केवल दो वनडे खेले जिनमें दस रन बनाये। उन्हें हालांकि घरेलू क्रिकेट विशेषकर रणजी ट्राफी में उनके प्रदर्शन के लिये याद किया जाता है। जाफर ने मुंबई को 38वां और 39वां रणजी खिताब दिलाने में मदद की। पिछले तीन सत्र में उन्होंने विदर्भ की तरफ से भी दो रणजी खिताब जीते। जाफर ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 1996-97 में पदार्पण किया तथा 260 मैचों में 50.67 की औसत से 19,410 रन बनाये। इसमें 57 शतक और 91 अर्धशतक शामिल हैं। बीसीसीआई, एमसीए और वीसीए का आभार व्यक्त करने वाले जाफर ने भारतीय टेस्ट टीम में जगह मिलने, पाकिस्तान के खिलाफ 202 रन, वेस्टइंडीज के खिलाफ 212 रन तथा वेस्टइंडीज और इंग्लैंड में 2006-07 में श्रृंखला जीतने को अपने करियर के यादगार क्षण बताये। उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरे लिये सम्मान की बात है कि मुझे राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली, अनिल कुंबले, वीवीएस लक्ष्मण, वीरेंद्र सहवाग और महेंद्र सिंह धोनी जैसे खिलाड़ियों के साथ ड्रेसिंग रूम साझा करने का मौका मिला। ’’ जाफर ने कहा, ‘‘सचिन (तेंदुलकर) के बारे में मैं क्या कह सकता हूं। वह मेरा आदर्श है। मैं वास्तव में भाग्यशाली रहा जो मैंने उन्हें इतने करीब से बल्लेबाजी करते हुए देखा। मेरे विचार में वह ब्रायन लारा के साथ इस युग का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक है। ’’
रविवार, 8 मार्च 2020
घरेलू क्रिकेट की रन मशीन जाफर ने तीनों प्रारूपों को कहा अलविदा
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