बाजारों में हैंड सैनिटाइजर्स और मास्क की कालाबाजारी बढ़ती ही जा रही है. इसको देखते हुए स्वयं सहायता समूह की महिलाएं मास्क और सैनिटाइजर बना रही हैं, जिसके लिए सरकार उन्हें प्रतिदिन मानदेय भी देगा.
चाईबासा (आर्यावर्त संवाददाता) वैश्विक संकट बनकर उभरे कोरोना वायरस का दायरा दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. बाजार में हैंड सैनिटाइजर और मास्क की कमी और कालाबाजारी भी बढ़ती जा रही है. इसे देखते हुए जिला प्रशासन की पहल पर जिले की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा मास्क और हैंड सैनिटाइजर बनाया जा रहा है, जिसे सरकार के निर्धारित मूल्य पर बाजार में उपलब्ध कराया जाएगा. पश्चिम सिंहभूम जिला प्रशासन की पहल पर स्वयं सहायता समूह ने मास्क और सैनिटाइजर बनाकर कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में अपना योगदान देने का निर्णय लिया है. कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते संक्रमण के कारण बाजारों में मास्क और हैंड सैनिटाइजर की कमी आ गई है. इसके कारण मास्क और हैंड सैनिटाइजर की कालाबाजारी भी होने लगी है. इसे ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन की देखरेख में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा थ्री लेयर प्रोटेक्शन मास्क बनाने का काम शुरू हो गया है, जिसे भारत सरकार द्वारा निर्धारित मूल्यों पर बाजार में उपलब्ध कराया जाएगा. प्रशासन की इस पहल से एक तरफ जहां कम दामों में लोगों को मास्क उपलब्ध करवाया जाएगा. वहीं, दूसरी ओर स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार भी मिल गया है. स्वयं सहायता समूह द्वारा बनाए जा रहे मास्क और हैंड सैनिटाइजर के बदले जिला प्रशासन उन्हें प्रतिदिन की मजदूरी के हिसाब से पैसे भी देगा. इस संबंध में जिले के उप विकास आयुक्त आदित्य रंजन ने कहा कि प्रथम चरण में कुल 10 हजार मास्क बनाकर बाजारों में जल्द ही उपलब्ध कराया जाएगा. इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है. उन्होंने कहा कि थ्री लेयर प्रोटेक्शन वाले मास्क की लागत 15 रुपये है, जिसे रियायत देते हुए बाजारों में 10 रुपये में उपलब्ध कराए जाने का निर्णय लिया गया है. इसके अलावा स्वयं सहायता समूह द्वारा हैंड सैनिटाइजर भी बनाए जा रहे हैं, लेकिन ट्रेड लाइसेंस न होने के कारण से हैंड सैनिटाइजर बाजार में उपलब्ध नहीं कराया जाएगा, इसलिए हैंड सैनिटाइजर सरकारी कर्मचारियों के बीच वितरण करने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह की विधियों द्वारा बनाए जा रहे मास्क और हैंड सैनिटाइजर के बदले प्रतिदिन उन्हें 250 रुपये की दर से मानदेय भी दिया जाएगा. इसके साथ ही महिला समूह द्वारा अच्छा काम किए जाने पर उन्हें प्रोत्साहन राशि भी जिला प्रशासन द्वारा दी जाएगी. उन्होंने कहा कि हैंड सैनिटाइजर और मास्क की पर्याप्त उपलब्धता और कालाबाजारी को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन द्वारा स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के माध्यम से उत्पादन करवाया जा रहा है. सदर प्रखंड पर उत्पादित सामग्रियों का वितरण आवश्यकता अनुसार सरकारी कर्मी के लिए मुफ्त और लागत मूल्य पर बाजार में उपलब्ध करवाया जाएगा.
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